नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर तीखी चर्चा जारी है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिल रहे हैं। मंगलवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहलगाम आतंकी हमले पर सरकार से कड़े सवाल किए। दूसरी ओर, जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर से प्रियंका गांधी के बयान पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली।

संसद से बाहर निकलने के बाद जब मीडिया ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर से प्रियंका गांधी वाड्रा के लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले पर दिए बयान के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा, “मैंने इस बहस पर मौन व्रत ले लिया है।”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केरल की एक नर्स और छत्तीसगढ़ में दो अन्य लोगों को हिरासत में लिए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि नन पूरी तरह से निर्दोष हैं और जिन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, उन्हें तुरंत जेल से रिहा किया जाना चाहिए। इसके अलावा, ऐसी घटनाओं को होने नहीं दिया जाना चाहिए, हमारे देश में भीड़तंत्र के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।”

बता दें कि संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के बीच कांग्रेस पार्टी अपने ही घर में घिर गई है। पार्टी के दिग्गज नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी को कांग्रेस ने संसद में बहस के दौरान बोलने का मौका नहीं दिया, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विदेश दौरों पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।

शशि थरूर तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं, और मनीष तिवारी चंडीगढ़ से सांसद हैं। कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा में पार्टी का पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। एक समाचार रिपोर्ट में सवाल उठाया गया था कि ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कांग्रेस ने शशि थरूर और मनीष तिवारी को क्यों बाहर बैठाया?

रिपोर्ट में एक कांग्रेस सांसद के हवाले से कहा गया कि पार्टी ने चर्चा के दौरान संसद में बोलने के लिए नए सांसदों को चुना। ऐसा इसलिए कि विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडलों ने ‘सरकार के पक्ष में बात की।’

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