रावण (कविता)
दसग्रीव दशानन् दसकंधर कहलाता थाजब रावण चलता सारा जग हिल जाता थावो था पंडित-विद्वान और था बलशालीउसके सन्मुख देवों का जी थर्राता था रावण ने सोने की लंका बनवाई थीतीनों…
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दसग्रीव दशानन् दसकंधर कहलाता थाजब रावण चलता सारा जग हिल जाता थावो था पंडित-विद्वान और था बलशालीउसके सन्मुख देवों का जी थर्राता था रावण ने सोने की लंका बनवाई थीतीनों…
मनीष पाण्डेय ‘मनु’ ***** रावण दसग्रीव दशानन् दसकंधर कहलाता थाजब रावण चलता सारा जग हिल जाता थावो था पंडित-विद्वान और था बलशालीउसके सन्मुख देवों का जी थर्राता था रावण ने…
आधुनिक गिरमिटिया डॉ ऋतु शर्मा ननंन पाँडे, नीदरलैंड कल कारला को एक सामाजिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर मिला। क्योंकि कार्यक्रम भारतीय था इसलिए कारला ने भारतीय परिधान पहना…
चाँद भीबहरूपियाऔर छलिया है कभी तोप्रेमिका केसुन्दर मुखड़े सादिख जाता हैया कभीउसकी याद मेंदिल मेंटीस जगाता है कभी तोचौथ की पूजा के समयबादलों मेंछुपकर सताता हैतो कभी अँधेरी रात मेंराहगीरों…
बैरंग पाती रामा तक्षक, नीदरलैंड आपका घर, मेरा घर और इससे भी आगे बढ़कर, सभी जीव जन्तुओं और जीवाश्मों, हम सबका घर है यह धरती। यह धरती भी इस अस्तित्व…
केटी कोटी -गुलामी का अतीत – डॉ ऋतु शर्मा (नंनन पांडे), नीदरलैंड आज हम जिस यूरोप को बहुत ही सम्मानित व आधुनिकीकरण के लिए जानते हैं उस यूरोप का एक…
– ऋतु शर्मा ननंन पाँडे, नीदरलैंड उनकी खामोशी बोलती है (द्वितीय विश्वयुद्ध के यहूदी पीड़ितों के लिए) ⸻ छोटे-छोटे जूते लाइन में रखे थे,मासूम आँखों में डर चिपका था,नाम, धर्म,…
ऋतु शर्मा ननंन पाँडे, नीदरलैंड *** *** *** 1. मेरी दुनिया ऑटिजम मेरी दुनिया अलग है, मेरी बातें अलग हैं,मैं देखता हूँ, मैं सुनता हूँ, अलग तरीके से। मेरे दिल…
नीदरलैंड में भारत प्रेम – प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी मुझे मार्च 2005 में नीदरलैंड (हॉलैण्ड) जाने का अवसर मिला। मेरी नीदरलैंड यात्रा के विचार का शुभारंभ जून 2004 में फ्री…
महाकुंभ 2025 : आस्था को सहेजने के लिए मुझे सौ आंखें और चाहिए – रामा तक्षक मेरा बहुत समय से भारतीय ज्ञान परम्परा और महाकुंभ के बारे में लिखने का…
नई कहानी नानी सुनाओ कोई नई कहानीराजा रानी की कहानीहो गई बहुत पुरानीनई सोच और मन बहलाने वाली जादूगर और भूतों सेलगता डर अब हमको नहींहमको पता है अबयह रहते…
जिन गलियों मेंखेल-कूद करबचपन बिताया जिन खाली जगहों परगिल्ली डंडा और क्रिकेटखेलकरछुट्टियों के दिन काटे जिन रास्तों परचल करस्कूल आया गया जिन चौराहों सेनिकलकरसायकल चलाना सीखा पहचान नहीं पायावो गलीऔर…
रोज मर्रा केकाम काजनिपटाते-निपटातेजिन्दगी केहंसी लम्हेनिपट रहे हैं सुविधाओं सेलिपटने की होड़ मेंअकेलापन औरअवसादलिपट रहे हैं जिन्दगी तोभाग रही हैबेतहाशालेकिनदिल के अरमानघिसट रहे हैं छूने की चाहत मेंचाँद सितारेपीछे छोड़…
वो माँ!जिसने जनम दिया-मुझेऔर आपको, वो माँ!जो देवों से भी-बढ़कर है, वो माँ!जिसे हमस्वर्ग से भीमहान कहते हैं, वो माँ!जिसकाप्रेम और त्याग-अतुलनीय है, वो माँभी तो हमारीमाँ होने से पहले,किसी…
कहाँ चले जा रहे हैं, कहीं तो जा रहे हैं, नहीं है ख़बरक्या चाहते हैं, पता नहीं, कुछ न कुछ तो मिलेगा मगर ऐसी ही उहा-पोह में जूझता बढ़ा जा…
मौन की सीमाएँ लाँघकरघबराहट को पीछे बाँधकरभावों की उलझन समेटकरउमड़ती हुई हसरतें लपेटकरमुझे तुमसे कुछ कहना थामहफ़िलों में भी तन्हा रहता हूँख़ामोश सा सब कुछ सहता हूँतारे गिन-गिन हमने रात…
ग्वालियर के मूल निवासी श्री विश्वास दुबे , पिछले एक दशक से भी ज़्यादा समय से यूरोप के विभिन्न देशों में रहे हैं। पिछले 8 वर्षों से वे नीदरलैंड्स में…
बीते ऐसे दिन बीते ऐसे दिन बहुतेरे।बीते दिन बीती रातों में,सुधियों के बढ़ते से घेरे।बीते ऐसे दिन बहुतेरे॥ बचपन के सुन्दर सपनों मेंछिपा हुआ सुखमय संसार।सहजप्राप्य अभिलाषाओं मेंभरा हुआ सुख-चैन…
डच कवि : हेर्ड्रिक मार्समैन अनुवाद : ऋतु शर्मा ननंन पांडे Trecht na uw vijftigste jaar Langzaam te leren,dat het goed isAls de bladeren vallenDe sterken worden danToch nog niet…
हेर्ड्रिक मार्समैन हेर्ड्रिक मार्समैन 20 वीं शताब्दी के सबसे प्रसिद्ध डच कवियों में से एक हैं उनकी कविताएँ डच साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखतीं हैं। इनका जन्म 30 सितंबर…