समाचार
-
‘गाजर का हलवा, आम का रस…’, इन चीजों को लेकर अंतरिक्ष में रवाना हुए शुभांशु शुक्ला – (समाचार)
नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो के अंतरिक्ष यात्री…
गतिविधि
-
‘वैश्विक हिंदी परिवार भारतीयता की पहचान है’ – अतुल कोठारी – (रिपोर्ट)
कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदलते हुए 3 जून 2020 को ‘वैश्विक हिन्दी…
संस्कृति
-
लंदन में प्रस्तुत किया गया अनोखा पितृ वंदना – (रिपोर्ट)
लंदन के नेहरू केंद्र में ‘संस्कृति सेंटर फॉर कल्चरल एक्सीलेंस’ द्वारा पितृ वंदना, एक ऐसा…
अनुवाद
-
हनुमान-चालीसा जापानी में – (अनुवाद)
अनुवादक – हिरोयुकी सातो, जापान हनुमान-चालीसा『ハヌマーン・チャーリーサー』 दोहा(ドーハー) श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि…
उच्च शिक्षा
-
भारत की उच्च शिक्षा : परंपरा से परिवर्तन तक – (रिपोर्ट)
“गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं। हम अपने शैक्षणिक…
शोध
-
निर्मल वर्मा के सृजन और चिंतन में व्यक्ति और संस्कृति – (शोध प्रबंध)
शोध प्रबंध के लिए नीचे लिंक को खोलें http://hdl.handle.net/10603/547816
कविता
-
विदेश में पतझड़ – (कविता)
– नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया विदेश में पतझड़ हरीतिमा में लिपटे वृक्षमहसूसते हैं बदलती हुई हवाओं…
विविध साहित्य
-
गोपाल सिंह नेपाली – (आलेख)
गोपाल सिंह नेपाली -अलका सिन्हा हिंदी और नेपाली भाषा के सम्मानित कवि गोपाल सिंह नेपाली…
विचार
-
मराठी माध्यम के स्कूल क्यों बंद हो रहे हैं?
© अमृता खंडेराव शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत मराठी लेखिका अमृता खंडेराव ने मराठी माध्यम…
पुस्तक
-
प्रख्यात कवि अनिल शर्मा ‘जोशी’ की ‘नींद कहाँ है’ की समीक्षा – (पुस्तक समीक्षा)
कवि अनिल शर्मा ‘जोशी’ की ‘नींद कहाँ है’ की समीक्षा – मनीष पाण्डेय अनिल शर्मा…
विविध
-
समीक्षा के भाषिक आयाम – (पुस्तक समीक्षा)
समीक्षा के भाषिक आयाम – अलका सिन्हा इसमें शक नहीं कि आजकल लेखक होना…
नवीन कवितायें
- वैश्विक हिंदी परिवार की उड़ान – (कविता)डॉ. महादेव एस कोलूर वैश्विक हिंदी परिवार की उड़ान (जून 2020 से जून 2025 के पाँच स्वर्णिम वर्षों पर आधारित)… Read more: वैश्विक हिंदी परिवार की उड़ान – (कविता)
- बाजार में त्योहार – (कविता)– शशिकला त्रिपाठी, भारत बाजार में त्योहार अब त्योहार झूमने लगे हैंरसिकों में, जाति विशेष के समूहों मेंक्लबों में, बेड़ों… Read more: बाजार में त्योहार – (कविता)
- तुम्हारी नज़र में – (कविता)– विनोद पाराशर तुम्हारी नज़र में तुम्हारी नज़र मेंजो मैं हूँवो मैं नहीं हूँ।जो मैं नहीं हूँदरअसल-मैं वही हूँ।मेरा-मुस्कराता चेहरा-शानदार… Read more: तुम्हारी नज़र में – (कविता)
- खूबसूरत कविता! – (कविता)– विनोद पाराशर खूबसूरत कविता! मैं /जब भीलिखना चाहता हूंकोई खूबसूरत कविता!अभावों की कैचीकतर देती हैमेरे आदर्शों के पंख!कानों में-गूंजती… Read more: खूबसूरत कविता! – (कविता)
- सुख और दुःख!– विनोद पाराशर सुख और दुःख! हम-यह जानकरबहुत सुखी हैंकि-दुनिया के ज्यादातर लोगहमसे भी ज्यादा दु:खी हैं!पिता-इसलिए दु:खी है-कि बेटा… Read more: सुख और दुःख!
- स्त्री की पहचान! – (कविता)– विनोद पाराशर स्त्री की पहचान! जब वहपैदा हुईतो बनीकिसी की बेटीकिसी की बहनबढ़ती रहीखर-पतवार-सीकरती रहीसब-कुछ सहन।जवान हुईबन गयीकिसी की… Read more: स्त्री की पहचान! – (कविता)
- ज़िन्दगी – (कविता)– कृष्णा कुमार ज़िन्दगी ज़िन्दगी की अस्थिरता ने,हमें बहुत कुछ सिखाया हैअब तो लगता है जैसे,इसी का नाम है ज़िन्दगी।… Read more: ज़िन्दगी – (कविता)
- लो वसंत रितु आई – (कविता)– कृष्णा कुमार लो वसंत रितु आई लो वसंत रितु आई -२ पेड़ों पे कोंपल मुसकाई -२सूरज की मीठी धूप… Read more: लो वसंत रितु आई – (कविता)
- …तो अच्छा होता – (कविता)…तो अच्छा होता – कृष्णा कुमार हमें अजनबी ही रहने दिये होते, तो अच्छा होता,जानकर,अनजान ना बने होते, तो अच्छा… Read more: …तो अच्छा होता – (कविता)
- बढ़ते कदम – (कविता)बढ़ते कदम – कृष्णा कुमार आज झरोंखों के पार देखाआज दिल को समझायाचल उठ, उठकर, कुछ क़दम तो बढ़ाक्या पता… Read more: बढ़ते कदम – (कविता)
- असहाय लोग – (कविता)असहाय लोग – कृष्णा कुमार एक पाँच साल की बच्ची,और उसकी तीन साल की बहन,उचक उचक के चलते पाँव,क्या हज़ार… Read more: असहाय लोग – (कविता)
- कविता – (कविता)कविता – कृष्णा कुमार लिखने बैठी हूँ कविता,कविता ये क्या है ?ये हक़ीक़ते बयाँ है क्या ? जिसे कहना बहुत… Read more: कविता – (कविता)
- दिल में दीप जलाने वाले – (कविता)डॉ० अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज दिल में दीप जलाने वाले (सार छन्दाधारित गीत) घर-आँगन में घोर निराशा, चहुँदिश है अँधियारा।दिल… Read more: दिल में दीप जलाने वाले – (कविता)
- आपरेशन सिंदूर – (हास्य कविता)– निशा भार्गव आपरेशन सिंदूर आज से 48 वर्ष पूर्व हमने भी किया थाऑपरेशन सिंदूरजिससे हमारे चेहरे पर छाया था… Read more: आपरेशन सिंदूर – (हास्य कविता)
- शस्य श्यामला वितान – (कविता)– डॉ० अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज शस्य श्यामला वितान (श्येनिका छंद-२१२ १२१ २१२ १२) शस्य श्यामला वितान है धरा।उर्वरा स्वदेश… Read more: शस्य श्यामला वितान – (कविता)
- जल ही जीवन – (कविता)डॉ. मंजु गुप्ता जल ही जीवन बहता पानी नदिया हैझरता पानी झरनाबरसता है तो बारिशआँखों में डबडबाए तो आँसूफूल पंखुरी… Read more: जल ही जीवन – (कविता)
- पुरुष नहीं रोते – (कविता)डॉ. मंजु गुप्ता पुरुष नहीं रोते तुम रोती हो, हँसती हो, खुलकर अपनी बात कहती होतारसप्तक में, कोई बात पसंद… Read more: पुरुष नहीं रोते – (कविता)
- माँ के हाथ का खाना – (मातृ दिवस विशेष)– अनिल जोशी *** 1. माँ के हाथ का खाना बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है तुम्हारी मां,कहा एक मित्र ने,… Read more: माँ के हाथ का खाना – (मातृ दिवस विशेष)
- विस्मित है ये प्रश्न अभी तक – (कविता)डॉ० अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश विस्मित है ये प्रश्न अभी तक (नवगीत – मात्राभार १६, १२) विस्मित है… Read more: विस्मित है ये प्रश्न अभी तक – (कविता)
- पतझड़-सा है जीवन मेरा – (कविता)डॉ० अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश पतझड़-सा है जीवन मेरा (सार छंद आधारित गीत) खुशियाँ सारी झुलस रही हैं,जीवन… Read more: पतझड़-सा है जीवन मेरा – (कविता)