दिल दा मामला है – (ब्लॉग)
दिल दा मामला है डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन , जर्मनी दिल दा मामला है!! खुद के संग समय बिताना, अच्छा होता है। अपने दिल की भी सुनना-सुनाना, अच्छा होता…
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दिल दा मामला है डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन , जर्मनी दिल दा मामला है!! खुद के संग समय बिताना, अच्छा होता है। अपने दिल की भी सुनना-सुनाना, अच्छा होता…
श्री कृष्ण की विश्व में प्रासंगिकता डॉ शिप्रा शिल्पी कान्हा संस्कार है, आचार है, व्यवहार है। अन्याय का प्रतिकार है और प्रेम का व्यवहार है। कर्म का सिद्धांत है, जीवन…
आत्मिक आनंद का उत्सव : जन्माष्टमी डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन, जर्मनी जन्माष्टमी मात्र एक धार्मिक उत्सव के रूप में ही नहीं वरन अधिकांशतः एक आत्मिक उत्सव के रूप में…
हम लखनौवा है : दोस्ती नहीं यारी निभाते है डॉ शिप्रा शिल्पी, कोलोन, जर्मनी क्या फर्क पड़ता कोई आपको क्या समझता है, दोस्त वही जो आपको समझने की समझ रखता…
ऐसी बानी बोलिए _कबीरा आपा खोए LOL -डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन , जर्मनी ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोए।औरन को शीतल करे आपहु शीतल होय। 15 वीं शताब्दी…
देह की अपनी अवधि है देह की अपनी अवधि है, साँस का अपना सफर ।मन का’ पंछी उड़ चले कब, किसको इसकी है खबर।। पर्व जीवन का मना लें, प्रेमियों…
वैश्विक प्रार्थना गैरों की पीड़ा को समझूँ,इतनी तो गहराई देना।देने वाले जब भी देना,दिल में बस अच्छाई देना।। लिखना जब भी भाग्य हमारा,थोड़ी सी नरमी अपनाना।हो जाये रोटी की किल्लत,इतनी…
गीत मधुर कोई गाती हो गीत मधुर कोई गाती हो,जब छम से तुम आ जाती हो।मन के सूने घर आँगन में,खुशिओं के फूल खिलाती हो। झाँझर बाजे रुनझुन रुनझुन,कारे नैनो…
एक वचन चाहिये जीतने के लिये बस अगन चाहिए,सोच को कर्म का एक वचन चाहिये। उड़ सके ख्वाब बन के हक़ीक़त सभी,हौसला और दिल में लगन चाहिए। दंश आतंक का…
देह की अपनी अवधि है देह की अपनी अवधि है, साँस का अपना सफर ।मन का’ पंछी उड़ चले कब, किसको इसकी है खबर।। पर्व जीवन का मना लें, प्रेमियों…
घर का शतदल भूल गए धन दौलत की खातिर अपना ,सारा दल-बल भूल गए,मैया छोड़ी ,बाबा छोड़े, घर का शत दल भूल गए। कैरी, इमली, सोंधी रोटी, भूले माटी की…
डॉ. शिप्रा शिल्पी सक्सेना कोलोन, जर्मनी परिचय वर्ष 2023 में पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री माननीय डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जी द्वारा प्रवासी भारतीय हिंदी सेवी सम्मान, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक…
1. मैंने बिकना अभी नहीं सीखा जैसा बाज़ार का माहौल है, वैसा रंग बदलना अभी नहीं सीखा, दुःख में शामिल होकर, अपना उल्लू सीधा करना अभी नहीं सीखा, यारों का…
डॉ – इंजीनियर गौतम सागर संस्थापक– फ्रेंड्स ऑफ इंडियन डायस्पोरा हैनोवर, जर्मनी विगत दो दशकों से जर्मनी के हैनोवर शहर मे इंजीनियर के पद पर कार्यरत होते हुए विभिन्न विषयों…
जर्मन भाषा के माध्यम से हिंदी सीखने के लिए प्रारंभिक स्तर की यह महत्त्वपूर्ण पुस्तक है..