Category: भारत

विल यू मैरी मी (कहानी)     

विल यू मैरी मी प्रो. सारिका कालरा भारती ने अपने व्हाट्एप्प मैसेज चेक किए तो आज फिर मीनल का कोई मैसेज नहीं था। ‘पहले तो रोज सुबह-सुबह ही ‘मम्मा गुड…

तुम्हारे बगैर मृत्यु ईश्वर! – (संस्मरण)

तुम्हारे बगैर मृत्यु ईश्वर! – डॉ0 वरुण कुमार माँ नहीं रहीं। दो महीनों तक मृत्‍यु से संघर्ष करने के बाद वे विदा हो गईं। दिमाग की नस फटने से वे…

पुराणों में वर्णित ‘गुप्त काशी’, जहां जौ भर भूमि और होती तो यहां काशी के नाथ विश्वनाथ विराजते – (आलेख)

शिव के त्रिशूल पर बसी दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी। शिव की वह नगरी जिसे माता पार्वती के लिए शिव ने बसाया। वह नगरी जिसके बारे में शास्त्रों में…

हिंदी तेरा क्या होगा – (विचार स्तंभ)

हिंदी तेरा क्या होगा डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम अँधेरा इतना सघन है कि एक जुगनू भी नहीं टिमटिमा रहा। जिस सोसाइटी में रहता हूँ, वहाँ हिंदी में कोई छींकता भी…

सोशल मीडिया में दक्षता एवं प्रबंधन कौशल विकास – (आलेख)

सोशल मीडिया में दक्षता एवं प्रबंधन कौशल विकास मनोज कुमार श्रीवास्तव वैसे सोशल मीडिया की डाउनसाइड ही ज्यादा बताई जाती हैं। माएँ अपने बच्चों को डाँटती हैं। पत्नियाँ पति को…

आदि महाकवि वाल्मीकि के अप्रतिम साहित्यिक अवदान – (पुस्तक समीक्षा)

आदि महाकवि वाल्मीकि के अप्रतिम साहित्यिक अवदान ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र रामायण के आदि-कवि महर्षि वाल्मीकि भारतीय साहित्य की उस जीवंत ज्योति की तरह हैं, जिसकी आलोकरेखा सदियों से…

चन्द्रधर शर्मा गुलेरी – (आज जिनका जन्मदिन है)

चन्द्रधर शर्मा गुलेरी -रजनीकांत शुक्ला चन्द्रधर शर्मा गुलेरी का जन्म 7 जुलाई, 1883 को हिमाचल प्रदेश के एक गाँव गुलेर में हुआ था। वे हिन्दी के प्रख्यात साहित्यकार थे। बीस…

भाषा, उच्चारण और बहुभाषिकता : क्या उच्चारण ज्ञान का मानक है? – (आलेख)

उच्चारण के सन्दर्भ में एक भारतीय पेशेवर की व्यथा : क्या उच्चारण ज्ञान का मानक है? ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र भूमिका भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं है, यह…

कैरीबियन देशों की देन ‘चटनी संगीत’ – (आलेख)

कैरीबियन देशों की देन ‘चटनी संगीत’ – डॉ. दीप्ति अग्रवाल आप सबने दबंग 2 का गाना ‘फुलौरी बिना चटनी कैसे बनी’ और ‘गैंग्स ऑफ वसेपुर’ के गाने जरूर सुने होंगे।…

प्रेम और समय – (लघु कथा)

प्रेम और समय डॉ महादेव एस कोलूर एक बार की बात है, एक द्वीप था जहाँ सभी भावनाएँ रहती थीं – खुशी, दुख, ज्ञान, ईर्ष्या और बाकी सभी, जिसमें प्रेम…

स्थाई पता – (संस्मरण)

स्थाई पता – सच्चिदानंद जोशी अपना भोपाल का घर समेटते हुए एक पुराना कागज हाथ लग गया, मेरे हायर सेकेंडरी बोर्ड के नामांकन पत्र का। नवीं क्लास में थे हम।…

एक खाली सिंहासन का दुःख – (व्यंग्य कथा)

एक खाली सिंहासन का दुःख डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’ जनहित महासेवा सद्भाव समिति, जिसका नाम सुनते ही किसी के भी मन में ‘जनसेवा’ से अधिक ‘महा’ शब्द की विराटता…

सब सुंदर! – (आलेख)

सब सुंदर! डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम मैंने पूछा — ऋषिकेश गए थे। कैसा लगा?बोले — बहुत सुंदर! बहुत खूबसूरत!–और गंगा का किनारा?–अरे पूछो मत! बहुत सुंदर!— रास्ते की पहाड़ियाँ?— अरे…

‘राष्ट्रभाषा विचार संग्रह’ – (पुस्तक परिचय)

‘राष्ट्रभाषा विचार संग्रह‘ ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र ‘राष्ट्रभाषा विचार संग्रह‘ 🏢 प्रकाशक एवं संपादन विवरण संपादक: श्री मोहनलाल भट्ट प्रकाशक: राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिंदीनगर, वर्धा महाराष्ट्र प्रथम प्रकाशन वर्ष:…

ललित निबंध – (आलेख)

ललित निबंध कृति “नदी तुम बोलती क्यों हो” की भूमिका का अंश निबंध-लेखन की पुरानी और समृद्ध परम्पराओं में जब ललित निबंध आया तो उस निबंध के बारे में यही…

बापू कुटी सेवाग्राम आश्रम (गांधी आश्रम, वर्धा) में घूमते हुए… – (आलेख)

महात्मा गांधी महात्मा गांधी द्वारा स्थापित आश्रम, बापू की सोच, चिंतन की प्रयोगस्थली है, उनके जीवनदृष्टि की बुनियाद है। इतिहास का एक विद्यार्थी होने के नाते जब गांधी आश्रम (फीनिक्स-1904,…

वैश्विक हिंदी परिवार की उड़ान – (कविता)

डॉ. महादेव एस कोलूर वैश्विक हिंदी परिवार की उड़ान (जून 2020 से जून 2025 के पाँच स्वर्णिम वर्षों पर आधारित) हिंदी के स्वर ने जब सुर छेड़ा,दूर देशों का मन…

भाषा में दबंगई – (आलेख)

भाषा में दबंगई – डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम संविधान बनाए ही इसलिए जाते हैं कि व्यवस्था और शासन नियम से चलें, न कि उठाईगिरी, दबंगई या जबरदस्ती के कब्जे-से। कब्जा…

ध्रुव तारा कभी अस्त नहीं होता.. – (कहानी)

ध्रुव तारा कभी अस्त नहीं होता.. – राजेश्वर वशिष्ठ डॉ. विश्वास अपने चेम्बर से निकलने ही वाले थे कि लैंड-लाइन फोन बज उठा। आमतौर पर यह फोन इन दिनों गुमसुम…

गोपाल सिंह नेपाली – (आलेख)

गोपाल सिंह नेपाली -अलका सिन्हा हिंदी और नेपाली भाषा के सम्मानित कवि गोपाल सिंह नेपाली अपने गीतों के लिए विशेष लोकप्रिय रहे। उन्होंने फिल्मों के लिए भी गीत लिखे और…

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