दूर देश – (स्पेनिश कविता अनुवाद)
मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते दूर देश (दूर देश की यात्रा से लौटे इरेने और खावियर के लिए) मैं स्वप्न में कल्पना करता…
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मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते दूर देश (दूर देश की यात्रा से लौटे इरेने और खावियर के लिए) मैं स्वप्न में कल्पना करता…
मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते कुछ शिकारी कुछ शिकारीतन के घर्षण सेउपजे निशान तलाश रहे हैं साथ ही चबा रहे हैंकुछ मीठे बेरऔर…
मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते स्पेनिश से सीधे हिंदी अनुवाद – पूजा अनिल स्वप्न सिद्धांत पूर्ण हो चुके सारे स्वप्न अपरिपक्व हैं।जिसकी निःशब्द उपस्थितिसंदेह उपजाती हैकि कल तक जो…
मधुमालती वाली खिड़की -पूजा अनिल, स्पेन मेरी माँ के घर में किचन की खिड़की अपेक्षाकृत काफ़ी लम्बी (ऊँचाई में) थी इसलिए किचन के प्लेटफ़ॉर्म से भी थोड़ी नीचे तक जाती…
चैतन्य मन – पूजा अनिल सामने वाली शुक्ला आंटी की बेटी को किसी अनजान लड़के के साथ देख कर मन किया कि उन्हें उनकी बेटी के इस छुपे हुए रिश्ते…
राह में जीवन पानी सी आकृति मेरीपानी में घुल रही!बुलबुले सा जीवन मेरादेखो कैसे उड़ रहा!वाष्पित होती साँसे मेरीकहो कहाँ से आ रहीं?सीमित सी दृष्टि मेरीअपरिमित स्वप्न बुन रही!चंद वर्षों…
दुविधा – पूजा अनिल सुबह से माँ से बात नहीं हो पाई थी उस दिन। प्रकाश ने मोबाइल देखा, दोपहर में माँ ने फ़ोन किया था लेकिन तब वह ऑफिस…
पावस देखो, बारिशों में कभी मत रोनाभीगेगी देह भीभीगेगी रूह भीतब धूप भी न होगीकि मन की नमी सोख ले!और सुनो, मत रोना गर्मियों मेंआंसूं और पसीनाएक से दिखेंगेकोई आँख…
काश! -पूजा अनिल मारीसा किसी तरह उठ कर अपने कमरे से निकल कर किचन की तरफ जाने लगी। पंद्रह कदम का फासला तय करने मे बड़े कष्ट के साथ उसे…
मूल लेखक – व्लादिमीर व्लादिमीरोविच नाबोकोव (मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद – प्रगति टिपणीस) इतने सालों में चौथी बार वे फिर इस बात पर सिर खपा रहे थे कि उस नौजवान…
हिंदी-स्पेनी-शब्दकोश
-चाय पियोगी? आयशा हैरान कि यह कौन पूछ रहा! -???- उसने प्रश्न चिन्ह भेज दिए। -सॉरी! गलती से आ गया सन्देश आपके पास। 🙂 – उसने स्माइली भेज दी और…
“सिगरेट मुक्त तुम्हारी उँगलियाँ देखना मुझे ज्यादा अच्छा लगेगा लड़की”… उस शांत दोपहर सोफिया को ऐसा कहने से रोक न पाई खुद को। “या! इन्तेन्तो देखार दे फुमार। मी माद्रे…
“नीको, नीको! उठो न जल्दी!” “क्या हो गया लोली? क्यों सुबह सुबह शोर कर रही हो डिअर?”, नीकोलास ने आँख जबरन खोलते हुए हैरानी से पूछा। “यहाँ आओ न! हम…
1. प्राण रिसाव हम धीरे धीरे खत्म हो रहे थे, जैसे एक बादल बूँद-बूँद बरस रहा हो- देर तक हवा में झूलने की इच्छा लिए हुए। हम कम-कम ख़्वाब देख…
पूजा अनिल जन्म स्थान : उदयपुर, राजस्थान वर्तमान निवास : मद्रिद, स्पेन शिक्षा : एमएससी (प्राणी विज्ञान) आजीविका : अध्यापन ईमेल : work- hindigurukulspain@gmail.com, personal- poojanil4@gmail.com पूजा हिंदी गुरुकुल स्पेन…