Category: ब्लॉग (विचार स्तंभ)

नटराज – (ब्लॉग)

नटराज नर्मदा प्रसाद उपाध्याय आदरणीया शोभासिंह जी ने कुबेरजी के चिंतन को केंद्र में रखकर अध्ययनपरक तथा गंभीर चिंतनपरक टिप्पणी की है। उन्हें साधुवाद।उनकी विस्तृत टिप्पणी पर अपना मत मैं…

“कहां गए हिंदी के चौकीदार” – (ब्लॉग)

“कहां गए हिंदी के चौकीदार” ~ सुधीश पचौरी,हिंदी साहित्यकार हिंदी दिवस आता है, तो मुझे कुछ-कुछ होने लगता है। कभी गर्व महसूस करता हूं, तो कभी गर्व से अधिक शर्म।…

सेलिब्रेटी की अंधानुकरण – (ब्लॉग)

सेलिब्रेटी का अंधानुकरण शंभुनाथ लगता है, अंग्रेजी में लिखकर ही कोई भारतीय लेखक विश्व में सेलिब्रेटी हो सकता है और उसकी किताबों का इतना क्रेज हो सकता है कि हिंदी…

राजा जनक की सभा – (ब्लॉग)

राजा जनक की सभा ओशो जनक ने एक धर्म—सभा बुलाई थी। उसमें बड़े—बड़े पंडित आए। उसमें अष्टावक्र के पिता भी गए। अष्टावक्र आठ जगह से टेढ़े थे, इसलिए तो नाम…

राधा जी – (ब्लॉग)

राधा जी डॉ. नर्मदा प्रसाद उपाध्याय इतिहास में ऐसे क्षण भी आते हैं, जब ऐतिहासिकता चाहे वह कितनी ही प्रामाणिक क्यों न हो, अनैतिहासिकता के सामने पराजित हो जाती है।…

हिन्दी, जनपदीय-भाषाएं और भारतीय-साहित्य – (ब्लॉग)

हिन्दी, जनपदीय-भाषाएं और भारतीय-साहित्य राजेंद्र रंजन चतुर्वेदी डा रामविलास शर्मा ने हिन्दी-जनपद और हिन्दी-जाति की बात कही थी। हिन्दी-प्रदेश के सभी लोग अपने घर-परिवार में अपने-अपने अंचलों की बोली भी…

अंग्रेज अपने दुर्दांत कर्मों की माफी कब माँगेंगे? – (ब्लॉग)

स्वतंत्रता संग्राम की याद में रामा तक्षक यह तीर्थ महातीर्थों का है,मत कहो इसे कालापानी,तुम सुनो यहाँ की धरती केकण-कण से गाथा बलिदानी। – गणेश दामोदर सावरकर कालापानी : तीर्थ…

इश्क़ मिज़ाजी से इश्क़ हक़ीक़ी तक : अमृता प्रीतम – (आज जिनका जन्मदिन है)

इश्क़ मिज़ाजी से इश्क़ हक़ीक़ी तक अनीता वर्मा जिंदगी की रसीदी टिकट पर हस्ताक्षर करने वाली पंजाबी व हिंदी की लेखिका अमृता प्रीतम के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी पुरानी यादें…

श्री गणेश चतुर्थी: विघ्नहर्ता की आराधना और एक प्रसिद्ध आरती की कहानी – (ब्लॉग)

श्री गणेश चतुर्थी: विघ्नहर्ता की आराधना और एक प्रसिद्ध आरती की कहानी ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर महाराष्ट्र यह पावन पर्व हर वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को…

गणेश भगवान – (ब्लॉग)

गणेश भगवान नर्मदा प्रसाद उपाध्याय आस्था,आराध्य में परिणत होकर हमारा सौभाग्य हो जाती है और यह तब होता है जब पत्थर या मिट्टी में उसकी प्रतिष्ठा हो। हम इस प्रतिष्ठित…

यादों में ‘फिराक’ : ‘हर बार छुपा कोई, हर बार नज़र आया’ जीने वाले शायर – (ब्लॉग)

‘बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं, तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं’, ये अल्फाज हैं, उर्दू के महानतम शायरों में से एक फिराक…

पद्मश्री डॉ. कपिल देव द्विवेदी : संस्कृत और भारतीय संस्कृति के युगपुरुष – (ब्लॉग)

भारतीय संस्कृति और संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में एक युगपुरुष के रूप में विख्यात डॉ. कपिलदेव द्विवेदी का योगदान आज भी प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने 75 से अधिक ग्रंथों…

श्री राधेश्याम कथावाचक की पुण्यतिथि : 26 अगस्त, 1963 – (ब्लॉग)

श्री राधेश्याम कथावाचक का जन्म 25 नवम्बर, 1890 को संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध में बरेली शहर के बिहारीपुर मोहल्ले में हुआ था। वे एक हिंदी साहित्यकार थे। पारसी रंगमंच…

बनीठनी: प्रेमकला से चित्रकला – (ब्लॉग)

बनीठनी: प्रेमकला से चित्रकला नर्मदा प्रसाद उपाध्याय देखना और है, लेकिन देखते रह जाना कुछ और। बनीठनी या बणीठणी की तस्वीर जब सबसे पहले देखी तो उसे देखा नहीं, बल्कि…

सुनीता विलियम्स के चौंकाने वाले खुलासे – (ब्लॉग)

अंतरिक्ष में नौ महीने बिताने के बाद अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स द्वारा पत्रकारों से किया गया वक्तव्य इस समय पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना हुआ है। “मुझे अंतरिक्ष…

गणेश चतुर्थी विशेष: जर्मनी में बप्पा : उमंग उत्साह और इतिहास – (ब्लॉग)

गणेश चतुर्थी विशेष: जर्मनी में बप्पा : उमंग उत्साह और इतिहास डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना गणेश चतुर्थी भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप…

माटी, भाषा और अस्मिता के रक्षक रवींद्र केलकर, जिन्होंने कोंकणी को पहचान और गोवा को दिलाया सम्मान – (ब्लॉग)

नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। कोंकणी साहित्य के प्रमुख स्तंभों की चर्चा हो और रवींद्र केलकर का नाम न आए, यह असंभव-सा है। रवींद्र केलकर ही थे, जिन्होंने कोंकणी भाषा…

श्री कृष्ण की विश्व में प्रासंगिकता – (ब्लॉग)

श्री कृष्ण की विश्व में प्रासंगिकता डॉ शिप्रा शिल्पी कान्हा संस्कार है, आचार है, व्यवहार है। अन्याय का प्रतिकार है और प्रेम का व्यवहार है। कर्म का सिद्धांत है, जीवन…

‘वैष्णव की फिसलन’, परसाई की कृति जो आज भी समाज को आईना दिखाती है – (समाचार)

आज के दौर में लोग अपने अंदर की कमी को दूर करने से ज्यादा दूसरों में कमी ढूंढने की तलाश में रहते हैं। लोगों को सोच ऐसी हो गई है…

101 वर्ष : सृजन और सादगी का अमृत पर्व – (ब्लॉग)

101 वर्ष : सृजन और सादगी का अमृत पर्व अलका सिन्हा आज के दिन, हम सब सौभाग्यशाली हैं कि शताब्दी साहित्यकार डॉ. रामदरश मिश्र जी का जन्मदिन मना रहे हैं।…

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