राजभाषा विभाग स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में देश के हिंदीतर भाषी क्षेत्रों के युवा वर्ग हेतु सितंबर 2025 को आयोजित नि:शुल्क ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेता
समाचार
गतिविधि
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‘वैश्विक हिंदी परिवार भारतीयता की पहचान है’ – अतुल कोठारी – (रिपोर्ट)
कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदलते हुए 3 जून 2020 को ‘वैश्विक हिन्दी…
संस्कृति
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लंदन में प्रस्तुत किया गया अनोखा पितृ वंदना – (रिपोर्ट)
लंदन के नेहरू केंद्र में ‘संस्कृति सेंटर फॉर कल्चरल एक्सीलेंस’ द्वारा पितृ वंदना, एक ऐसा…
अनुवाद
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हनुमान-चालीसा जापानी में – (अनुवाद)
अनुवादक – हिरोयुकी सातो, जापान हनुमान-चालीसा『ハヌマーン・チャーリーサー』 दोहा(ドーハー) श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि…
उच्च शिक्षा
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भारत की उच्च शिक्षा : परंपरा से परिवर्तन तक – (रिपोर्ट)
“गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं। हम अपने शैक्षणिक…
शोध
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निर्मल वर्मा के सृजन और चिंतन में व्यक्ति और संस्कृति – (शोध प्रबंध)
शोध प्रबंध के लिए नीचे लिंक को खोलें http://hdl.handle.net/10603/547816
कविता
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विदेश में पतझड़ – (कविता)
– नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया विदेश में पतझड़ हरीतिमा में लिपटे वृक्षमहसूसते हैं बदलती हुई हवाओं…
विविध साहित्य
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गोपाल सिंह नेपाली – (आलेख)
गोपाल सिंह नेपाली -अलका सिन्हा हिंदी और नेपाली भाषा के सम्मानित कवि गोपाल सिंह नेपाली…
विचार
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मराठी माध्यम के स्कूल क्यों बंद हो रहे हैं?
© अमृता खंडेराव शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत मराठी लेखिका अमृता खंडेराव ने मराठी माध्यम…
पुस्तक
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प्रख्यात कवि अनिल शर्मा ‘जोशी’ की ‘नींद कहाँ है’ की समीक्षा – (पुस्तक समीक्षा)
कवि अनिल शर्मा ‘जोशी’ की ‘नींद कहाँ है’ की समीक्षा – मनीष पाण्डेय अनिल शर्मा…
विविध
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समीक्षा के भाषिक आयाम – (पुस्तक समीक्षा)
समीक्षा के भाषिक आयाम – अलका सिन्हा इसमें शक नहीं कि आजकल लेखक होना…
नवीन कवितायें
- हम ‘केवल श्रद्धा’ नहीं – (कविता)सुनीता पाण्डेय ***** हम ‘केवल श्रद्धा’ नहीं हमें नहीं बहना‘विश्वास-रजत-नग-पग-तल’ मेंहमें बहना है तुम्हारे साथया तुम्हारे समानान्तर. हम जीती जागतीहाड़… Read more: हम ‘केवल श्रद्धा’ नहीं – (कविता)
- परिवार- हमारे विश्व कूँजी – (कविता)लक्ष्मी जयपोल ***** परिवार- हमारे विश्व कूँजी परिवार जीवन के सर्वोत्तम प्राथमिकता हैपरिवार ही जीवन और प्राण हैपरिवार हैतो हम… Read more: परिवार- हमारे विश्व कूँजी – (कविता)
- रिमझिम बरसात भरी – (कविता)डॉ॰ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’ *** रिमझिम बरसात भरी (उड़ियाना छंद) रिमझिम बरसात भरी, सावन सुहावनी।शिव जी का ध्यान धरें, ऋतु… Read more: रिमझिम बरसात भरी – (कविता)
- छुअन- छुअन में फर्क बहुत है! – (कविता)डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम छुअन- छुअन में फर्क बहुत है! माँ छूती है बादल जैसेबारिश जैसे, अमृत जैसे!स्पर्श पिता काधूप… Read more: छुअन- छुअन में फर्क बहुत है! – (कविता)
- अपनी नागरी लिपि – (कविता)डॉ. शारदा प्रसाद *** अपनी नागरी लिपि हिंदी हो जन-जन की भाषाहिंदी हो हर-मन की आशा!बने सकल विश्व में सिरमौरऐसी… Read more: अपनी नागरी लिपि – (कविता)
- करम परब – (कविता)*** डॉ शारदा प्रसाद करम परब (झारखंड का लोकप्रिय पर्व) भादो माह शुक्ल एकादशीकरम परब लेकर आया!हरियर करम डाल ले… Read more: करम परब – (कविता)
- रक्षा बंधन – (कविता)डॉ शारदा प्रसाद *** रक्षा बंधन सावन का पूनम का चंदाआया ले किरणों का उपहार!सकल विश्व मना रहाभाई-बहन का सुंदर… Read more: रक्षा बंधन – (कविता)
- झूलन – (कविता)डॉ शारदा प्रसाद *** झूलन झूला झूलैं कृष्ण-कन्हैयामाथे मोर मुकुट अति शोभितबलि-बलि जात हैं नंद-यशोदागोपियों का मन हर्षित- मोहित सावन… Read more: झूलन – (कविता)
- आजादी की सुनहरी भोर – (कविता)डॉ शारदा प्रसाद *** आजादी की सुनहरी भोर सन् सत्तावन से सततचलती रही लड़ाई!तब जाकर आजादी कीपावन शुभ घड़ी आई!!… Read more: आजादी की सुनहरी भोर – (कविता)
- आम आदमी – (कविता)प्राची मिश्रा *** आम आदमी वो मिलता है वो दिन मुझकोअपना सामान समेटे हुएमैली कुचैली इक चादर मेंअपना ईमान समेटे… Read more: आम आदमी – (कविता)
- आम आदमी अमन चाहता है – (कविता)प्राची मिश्रा *** आम आदमी अमन चाहता है न कलह चाहता हैन दमन चाहता हैन सत्ता चाहता हैन चमन चाहता… Read more: आम आदमी अमन चाहता है – (कविता)
- अच्छी औरतें – (समाचार)प्राची मिश्रा *** अच्छी औरतें ज़माने ने समझायाअच्छी औरतें घर में रहती हैंजो अपने मन की बात के अलावासब कुछ… Read more: अच्छी औरतें – (समाचार)
- तुम्हारा होना – (कविता)प्राची मिश्रा *** तुम्हारा होना मेरे दुपट्टे का एक छोरहमेशा तुम्हारा रहेगाजिसमें बेफिक्र होकर तुमपोंछ सको अपने आँसूहां तुमने ठीक… Read more: तुम्हारा होना – (कविता)
- ये आँखें – (कविता)प्राची मिश्रा *** ये आँखें ये आँखेंबस उतनी ही छलकनी चाहिएजितने में न डूबे ये संसारये धरती और ये मनचीर… Read more: ये आँखें – (कविता)
- आलोचक – (कविता)नरेश शांडिल्य आलोचक उसने मेरे पसीने को पानी कहामैं चुप रहा उसने मेरे आँसू को पानी कहामैं चुप रहा उसने… Read more: आलोचक – (कविता)
- अम्मा – (कविता)नरेश शांडिल्य अम्मा मंदिर की देहरीभजन गाती मंडलीदाना चुगती चिड़ियातुलसी का बिरवापीपल का पेड़छड़ीवॉकरअस्पताल का स्ट्रेचर…जब-जब भी दिखते हैंयाद आने… Read more: अम्मा – (कविता)
- घास काटती हुई औरत – (कविता)– नरेश शांडिल्य घास काटती हुई औरत बाग़ मेंघास काट रही है एक औरत पर वैसे नहीं –जैसे गोवा के… Read more: घास काटती हुई औरत – (कविता)
- वैश्विक हिंदी परिवार की उड़ान – (कविता)डॉ. महादेव एस कोलूर वैश्विक हिंदी परिवार की उड़ान (जून 2020 से जून 2025 के पाँच स्वर्णिम वर्षों पर आधारित)… Read more: वैश्विक हिंदी परिवार की उड़ान – (कविता)
- बाजार में त्योहार – (कविता)– शशिकला त्रिपाठी, भारत बाजार में त्योहार अब त्योहार झूमने लगे हैंरसिकों में, जाति विशेष के समूहों मेंक्लबों में, बेड़ों… Read more: बाजार में त्योहार – (कविता)
- तुम्हारी नज़र में – (कविता)– विनोद पाराशर तुम्हारी नज़र में तुम्हारी नज़र मेंजो मैं हूँवो मैं नहीं हूँ।जो मैं नहीं हूँदरअसल-मैं वही हूँ।मेरा-मुस्कराता चेहरा-शानदार… Read more: तुम्हारी नज़र में – (कविता)