यादगार एक्सप्रैस – (डायरी)
यादों की यादगार की कुछ यादें विजय विक्रान्त भारत छोड़े हुए एक लम्बा अरसा हो गया है। कैसे ज़िन्दगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा यहाँ कैनेडा में गुज़ार दिया, इसका…
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यादों की यादगार की कुछ यादें विजय विक्रान्त भारत छोड़े हुए एक लम्बा अरसा हो गया है। कैसे ज़िन्दगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा यहाँ कैनेडा में गुज़ार दिया, इसका…
कैनेडा की पुलिस विजय विक्रान्त, कनाडा 25 फ़रवरी,1965 को, परिवार सहित, हम ने कैनेडा को अपनी कर्मभूमि स्वीकार किया। पार्टियों में या अनौपचारिक रूप में जब कभी भी मित्र मण्डली…
भारत से नये स्वप्न लिये कनाडा पहुँची, एक आधुनिक स्त्री की यात्रा इंद्रा वर्मा, कनाडा कनाडा आने के कुछ ही दिन बाद यह समझ में आने लगा कि जो भी…
धर्मपाल महेंद्र जैन ***** टोटम पोल जो छोड़कर चले गए स्मृतियाँवे वापस आयेंगे कभी तोयहाँ नहीं तो कहीं दूरदक्षिण के समंदर तट परया पूरब की पहाड़ी के बीहड़ मेंया कहीं…
धर्मपाल महेंद्र जैन ***** राजा राजा युद्ध की बात करते हैंयुद्ध लड़ते नहीं अब, भेजते हैंफ़ौजी, टैंकें, मिसाइलें और आयुधवे मोर्चे पर जाते नहीं अब।राजा युद्ध में मरते नहीं अब।…
पेड़ ***** धर्मपाल महेंद्र जैन खड़े हैं दो-तीन सदियों सेपेड़ घने जंगल में।यहाँ पेड़ों से बात करना सरल हैउन्हें मालूम है चप्पा-चप्पाजहाँ तक फैलती है उनकी छाँह। वे जानते हैं…
धर्मपाल महेंद्र जैन ***** ग़ुस्सैल हवा हवा ऐसी नहीं थी कभीकि सरपट दौड़ने लगे धरती परवायुयान-सी तेज़अंधी हो जाए और ज़मींदोज कर जायेयौवन से भरे पेड़उड़ा ले जाए घरों की…
धर्मपाल महेंद्र जैन ***** मेरे भीतर कितने ‘मैं’ हैं मेरे भीतर कितने ‘मैं’ हैं जाने-अनजाने।कितने ‘मैं’ नए, किंतु कुछ बहुत पुराने। एक मैं हूँ बच्चा बचपन का।एक मैं हूँ ज्ञानवान…
शून्य का बोझ कृष्णा वर्मा प्रकाश की पत्नी का असमय देहांत हो गया। पत्नी से अगाध प्रेम करने वाले प्रकाश ने कभी दूसरी शादी करने का सोचा तक नहीं। नन्हे…
सफेद बत्तखें हंसा दीप मेरी पत्नी बहुत कम बोलती है। मैं उसकी चुप्पी का आदी हूँ। उसकी आँखों की पुतलियाँ मुझे उसकी हर बात समझा देती हैं। जब दोनों आँखें…
टूक-टूक कलेजा हंसा दीप सामान का आखिरी कनस्तर ट्रक में जा चुका था। बच्चों को अपने सामान से भरे ट्रक के साथ निकलने की जल्दी थी। वे अपनी गाड़ी में…
अमर्त्य हंसा दीप बीज और दरख़्त के फासलों को रौंदने में कामयाब नोआ की निगाहें अपनी सोच में वह सब देख लेतीं जो वह देखना चाहती थी। एक-एक शब्द को…
गैप कृष्णा वर्मा चाय की चुस्की लेते हुए पापा ने पूछा , “नेहा कौन सा विषय सोचा नवीं कक्षा के लिए, साइंस या कॉमर्स?” कुछ सोचते हुए नेहा बोली, “पापा,…
फ़्लू डॉ. शैलजा सक्सेना आज विभाग के मुख्यसचिव दौरा करने आ रहे थे। पिछले बार जब मुख्यसचिव आए थे तब नीता असिस्टेंट सैक्शन ऑफिसर बनी ही थी। उस को यह…
एक डॉक्टर की डायरी का पन्ना विजय विक्रान्त, कनाडा पिछली रात पार्टी से वापस आते आते बहुत देर हो गई थी। नींद पूरी न होने के कारण अभी बिस्तर पर…
यमराज की डायरी का पन्ना – विजय विक्रान्त, कनाडा यमराज के पद पर अपनी नौकरी लगने के कुछ दिन बाद ही जब मैं ने अपने काम और ज़िम्मेवारियों के बारे…
पापा आप कहीं नहीं गए – सरस दरबारी पापा को हमारा साथ छोड़े पूरे 18 साल हो गए। पर इन सालों में कभी नहीं लगा की पापा हमारे साथ नहीं—…
सरस दरबारी जन्मतिथि : 09 सितम्बर 1958 शिक्षा : मुंबई विश्व विद्यालय से राजनितिक विज्ञान में स्नातक लेखन की विधाएँ : कविताएँ, दोहे, हाइकु, हाईगा, माहिया, गीत, छंदमुक्त रचनाएँ ,कहानियाँ…
मेरी माँ – आशा बर्मन यह भी कैसी विडम्बना है कि माँ तुमको पत्र तो लिख रही हूं यह जानते हुए भी कि यह पत्र कभी तुम तक पहुंचेगा तो…
-आशा बर्मन, कनाडा प्रश्न यह प्रश्नचिन्ह क्यों बार-बार ?क्यों उसे जीत, क्यों मुझे हार ?यह प्रश्न उठे क्यों बार-बार ? जीवन में जो भी किये कर्म,तत्समय लगा था, वही धर्म…