pm street vendor’s atmanirbhar nidhi (pm svanidhi) scheme.(photo: india.gov.in)

नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के पुनर्गठन और विस्तार को 31 मार्च, 2030 तक मंजूरी दे दी। इस योजना के लिए कुल 7,332 करोड़ रुपए का प्रावधान है। कैबिनेट की एक रिलीज में कहा गया है कि इस पुनर्गठित योजना का लक्ष्य 50 लाख नए लाभार्थियों सहित 1.15 करोड़ लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना है।

आवास एवं शहरी मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) पर संयुक्त रूप से इस योजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी रहेगी। इसमें डीएफएस की भूमिका, बैंकों/वित्तीय संस्थानों और उनके जमीनी स्तर के अधिकारियों के माध्यम से ऋण/क्रेडिट कार्ड तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने की रहेगी।

बयान में कहा गया है कि पुनर्गठित योजना की प्रमुख विशेषताओं में पहली और दूसरी किस्तों में बढ़ी हुई ऋण राशि, दूसरा ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों के लिए यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड का प्रावधान और खुदरा व थोक लेनदेन के लिए डिजिटल कैशबैक प्रोत्साहन शामिल हैं। इस योजना का दायरा चरणबद्ध तरीके से जनगणना कस्बों व अर्ध-शहरी क्षेत्रों आदि बढ़ाया जा रहा है।

इस बढ़ी हुई ऋण संरचना में पहली किस्त के ऋण को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए और दूसरी किस्त के ऋण को 20,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए तक कर दिया गया है, जबकि तीसरी किस्त 50,000 रुपए पर अपरिवर्तित रहेगी।

यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत से रेहड़ी-पटरी वालों को किसी भी आकस्मिक व्यावसायिक और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्काल ऋण उपलब्ध होगा।

इसके अलावा, डिजिटल अपनाने को बढ़ावा देने के लिए, रेहड़ी-पटरी वाले खुदरा और थोक लेनदेन पर 1,600 रुपए तक के कैशबैक प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं।

यह योजना उद्यमिता, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल स्किल और कनवर्जेंस के माध्यम से मार्केटिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए रेहड़ी-पटरी वालों की क्षमता निर्माण पर भी केंद्रित है। एफएसएसएआई के साथ साझेदारी में, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए मानक स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।

रेहड़ी-पटरी वालों और उनके परिवारों के समग्र कल्याण और विकास को सुनिश्चित करने के लिए, मासिक लोक कल्याण मेलों के माध्यम से ‘स्वनिधि से समृद्धि’ घटक को मजबूत किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभ लाभार्थियों और उनके परिवारों तक पूर्ण रूप से पहुंचे।

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