यू.ए.ई. में हिंदी व भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने वाली सक्रिय संस्थाएँ

यू.ए.ई. जैसे लघ्वाकार देश में जिस प्रकार से भारतीय संस्कृति फल-फूल रही है, उसका श्रेय प्रवासियों के प्रयासों के साथ ही बहुत-सी संस्थाओं को भी जाता है।

1. वागीश अंतरराष्ट्रीय संस्था यू.ए.ई. 

2. एक्टयू निवर्सल यू.ए.ई.

3. गुरु नानक दरबार

4. ‘द न्यू भारत’ वेब पोर्टल

5. ग्रंथ आपके द्वार

  • वागीश अंतरराष्ट्रीय संस्था यू.ए.ई.

    वागीश अंतरराष्ट्रीय संस्था यू.ए.ई. में प्रवासी भारतीय बालकों के लिए हिंदी की प्रतियोगिताएँ आयोजित करती है, उन्हें पुरस्कार देकर प्रोत्साहन देती है, हिंदी की विधाएँ सिखाने के लिए कार्यशालाएँ करवाती है तथा सामाजिक हित में उत्कृष्ट लेखन का प्रकाशन करवाती है। संस्था की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. आरती ‘लोकेश’हैं।

    अपने निजी प्रयासों से वागीश ने अपने सामाजिक साहित्यिक दायित्व का निर्वहन करते हुए भारत के पाँच रचनाकारों की उत्कृष्ट पांडुलिपियों का चयन कर सहायतार्थ तथा हिंदी साहित्य को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से उन्हें पुस्तकाकार प्रकाशित करवाया है तथा उन्हें वागीश सम्मान से विभूषित किया है। इस प्रतियोगितात्मक परियोजना में भारत के कोने-कोने से 100 रचनाकारों ने भाग लिया।

    रवीद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल के विश्वरंग महोत्सव का विश्वरंग यू.ए.ई. चैप्टर 2020 में वागीश यू.ए.ई. के सहयोग से स्थापित हुआ। इसमें प्रतिवर्ष विचार-गोष्ठियाँ, साक्षात्कार, कला-संस्कृति व साहित्य पर चर्चाएँ, पुस्तक विमोचनआदि आयोजन व महत्त्वपूर्ण कार्य हुआ।वागीश संस्था के अंतर्गत विश्वरंग यू.ए.ई. के 2022 संस्करण में पुन: जोर-शोर से काम किया गया और लघुकथा कार्यशाला, बाल साहित्य-गोष्ठी, विषय आधारित कथेतर गद्य चर्चाएँ, सामाजिक सेवा व योगकर्त्ताओं के साक्षात्कार आदि लिए गए। 2023 में यू.ए.ई. के समस्त रचनाकारों की प्रतिनिधि कविताओं का संकलन‘यू.ए.ई. की चयनित रचनाएँ’नाम से टैगोर विश्वविद्यालय से प्रकाशित हुआ। वागीश संस्था ‘टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र’ तथा ‘प्रवासी शोध केंद्र’ के साथ जुड़कर भी सतत कार्य कर रही है।

    विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस के साथ ‘हिंदी दिवस’ 2021 के उपलक्ष्य में यू.ए.ई. के छात्र-छात्राओं के लिए हिंदी पर आधारित प्रतियोगिताएँ करवाई गईं। बालकों को उम्र के अनुसार 3 श्रेणियों में विभाजित कर पूरे यू.ए.ई. के स्कूली छात्रों की प्रतियोगिताएँ हुईं । प्रत्येक वर्ग को इनाम की राशि आबंटित की गई, प्रमाण-पत्र आदि दिए गए। और सबसे बड़ी बात इसमें यह रही कि इन बालकों की स्वरचित कविताओं को संकलित कर उन्हें एक पुस्तक का रूप प्रदान किया गया, जिसका नाम है- ‘होनहार बिरवान’।लगभग 45 बच्चों की कविताएँउसमें हैं तो 6 वरिष्ठ हिंदी प्रचारकों की भी। यह अनूठी पुस्तक बालकों द्वारा रचित यू.ए.ई. में हिंदी की पहली पुस्तक है। 

    संस्था के प्रयासों से ‘अनन्य यू.ए.ई.’ 2022 अगस्त सेलेकर अब तक न्यूयॉर्कस्थित भारतीय कौंसलावास से निकाली जा रही है। इससे यू.ए.ई. के बच्चों की तथा बड़ों की रचनाओं, विशेषकर यू.ए.ई. की विशेषताओं से भरी रचनाओं को प्रकाश में लाया गया। पत्रिका के निहित प्राप्त रचनाओं को संकलित कर दो पुस्तकों ‘अनन्य कृति यू.ए.ई.’ तथा ‘अनन्य संचय यू.ए.ई.’का प्रकाशन भी संस्था ने करवाया।

    वागीश यू.ए.ई. ने ‘चौपाल’के साथ मिलकर ‘नवगीत’विधा पर कार्यशालाएँ करवाईं। ‘लोटसब्लूम’ के साथ मिलकर हाइकु कार्यशाला हुई। ‘प्रणेता साहित्यिक संस्था’ के साथ लघुकथा गोष्ठी की। ‘हिंदी कनेक्ट’ नाम की एक नवोदित संस्था के साथ मिलकर वागीश ने स्वतंत्रता दिवस पर विद्यार्थियों के लिए स्वरचित कविता की प्रतियोगिता करवाई।

    वागीश संस्था ने भारत से साहित्यिक भ्रमण हेतु दुबई पधारे 40 सदस्यों के समूह के लिए दो दिवसीय साहित्यिक संगोष्ठी, शोध-प्रस्तुति तथा सम्मान समारोह आदि का आयोजन किया। यह कार्यक्रम ‘अक्षर वार्ता शोध पत्रिका’ तथा ‘कृष्णा बासंती शैक्षणिक व सामाजिक समिति के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। तत्पश्चात ‘छतीसगढ़ मित्र’ के सहयोग से दुबई में साहित्यिक भ्रमण तथा ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदी उत्सव’मनाया गया। इसमें शोध-पत्र प्रस्तुति, रचना पाठ व सम्मान समारोह किया गया।

    ‘वैश्विक हिंदी परिवार’ के तत्वावधान में वागीश यू.ए.ई. ने स्थानीय बहुआयामी प्रतिभाओं को मंच प्रदान करते हुए 17 जून 2023 में कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें यू.ए.ई. से हिंदी साहित्य में पोषित विभिन्न विधाओं और संस्कृतियों से जनसमूह को परिचित कराया गया।

    ‘भारत उत्सव’ तथा ‘भारत पर्व’ में संस्था के सदस्यों ने सहभागिता द्वारा हिंदी के महत्त्व को प्रतिपादित करते हुए चर्चाओं के सत्रों का आयोजन किया और महत्त्वपूर्ण हिंदी पुस्तकों की प्रदर्शनी व लोकार्पण किया गया।

    अमेरिका के समूह ‘हिंदी से प्यार है’ के साथ संस्था का प्रारंभ से नाता है। अमेरिका की एक और संस्था ‘वैश्विक हिंदी संस्थान’ के साथ जुड़कर भी वागीश ने हिंदी व संस्कृति के प्रचार-प्रसार में योगदान दिया इस सहयोग से लगभग 4 पुस्तकों का निर्माण, संपादन, प्रकाशन हो गया है। अनेक काव्य -गोष्ठियाँ हो चुकी हैं और लघुकथाओं पर परिचर्चाओं व कार्यशालाओं का आयोजन हुआ है।‘एक्टयूनिवर्सल’के साथ मिलकर वागीश संस्था ने महत्त्वपूर्ण कार्य किए हैं।

    • एक्ट यूनिवर्सल यू.ए.ई.

    सन २००६ से कार्यरत एक्ट यूनिवर्सल यू.ए.ई. हिंदी के प्रसार-प्रसार में प्रयासरत यू.ए.ई. की एक अनन्य संस्था है जिसके संस्थापक व निदेशक श्री आलोक शर्मा जी हैं। ‘एक्ट यूनिवर्सल’ (अथक चेष्टा ट्रस्ट यूनिवर्सल) ने बालकों का हिंदी में रुझान, क्रियात्मकता और नवीन सोच को बढ़ावा देने का अद्भुत काम किया है।

    प्रारंभ से ही तीनों राष्ट्रीय पर्व, प्रेमचंद जयंती, विश्व हिंदी दिवस, सामाजिक-सांस्कृतिक पर्व; प्रत्येक साहित्यिक, सांस्कृतिक व राष्ट्रीय महत्त्व के अवसर पर न केवल यू.ए.ई. वरन अन्य खाड़ी देशों और भारतीय बच्चों के लिए प्रतियोगिताएँ, नाटक, कविता वाचन, कहानी वाचन, भाषणादि का मंच यह संस्था प्रदान करती आई है। इसके द्वारा अहिंदी भाषियों द्वारा हिंदी प्रतिभागिता को खूब सराहा गया।

    इस संस्था द्वारा ‘अनुशीलन’ नामक समूह का गठन किया गया है जिसमें बालकों को हिंदी साहित्य से परिचय करा, उसके रसास्वादन का अवसर दिया जा रहा है। हिंदी-प्रेम को पल्लवित करने के हितार्थ यह संस्था निरंतर प्रयत्नशील है।

    इस संस्था द्वारा यू.ए.ई. में पहली बार हिंदी भाषा की परीक्षा में उच्च अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भारतीय दूतावास के सहयोग से सम्मानित किया गया तथा ऐसे 736 बालकों, उनके अध्यापकों और हिंदी को बढ़ावा देने वाले विद्यालयों, उनके शिक्षकों तथा प्रधानाचार्यों को विशिष्ट समान प्रदान किया गया।

    कला और संस्कृति जगत की महान हस्तियों को उनके योगदान हेतु २०१६ से प्रतिवर्ष अथक चेष्टा सम्मान तथा अथक चेष्टा गुरु सम्मान प्रदान किए जाते हैं। इसी क्रम में इस वर्ष से साहित्य और पत्रकारिता की श्रेणी में अथक चेष्टा साहित्य पुरोधा २०२४ और अथक चेष्टा पत्रकारिता पुरोधा  २०२४ का आयोजन किया जाएगा।

    • गुरु नानक दरबार

    ‘गुरु नानक दरबार’ गुरुद्वारा धार्मिक के साथ-साथ सांस्कृतिक पोषण का दायित्व भी लिए हुए है। यू.ए.ई. में बसे 50 हज़ार की संख्या में प्रवासी सिक्ख समुदाय की सेवा तो यह करती ही है, इसमें ‘गुरु ग्रंथ साहब’के पठन तथा शुद्ध उच्चारण का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। बालकों के लिए यह निःशुल्क कक्षाओं का आयोजन करता है जिसमें तबला वादन, हारमोनियम, गुरुबाणी के गायन तथा सिक्ख संस्कृति की शिक्षा की कक्षाएँ आयोजित की जाती हैं। इसमें प्रशिक्षण देने वाले अध्यापकों को संस्था द्वारा वेतन प्रदान किया जाता है। उनके आवास-विकास का प्रबंध भी संस्था ही करती है। पंजाबी संस्कृति को यू.ए.ई. के पटल पर रखने में इस संस्था का बड़ा योगदान है।

    • ‘द न्यू भारत’ वेब पोर्टल

    ‘द न्यू भारत’ वेब पोर्टल के संस्थापक श्री रवि शुक्ल ‘प्रहृष्ट’ हैं। बहुत थोड़े समय में इस संस्था ने अपने मजबूत कदमों व नेक इरादों से यू.ए.ई. में नाम कमाया है।इस संस्था के द्वारा हिंदी साहित्यके पुरोधाओं पर चर्चा के सत्रों का आयोजन किया जाता है। उनके साहित्य का ‘आज के परिदृश्य में अवलोकन’ पर विमर्श किए जाते हैं। सम्पूर्णत: विद्यार्थियों के प्रयासों से ‘प्रत्यूष’नामक त्रैमासिक पत्रिका निकाली जाती है। नवोदित तथा प्रतिष्ठित कवि-कवयित्रियों को लगातार मंच प्रदान किया जाता है और अभिव्यक्ति के अवसर दिए जाते हैं।

    • ‘ग्रंथ आपके द्वार’

    ‘ग्रंथ आपके द्वार’ हिंदी भाषा की उत्कृष्ट पुस्तकों को संयुक्त अरब अमीरात के पाठकों को उपलब्ध करने की योजना का नाम है। संयुक्त अरब अमीरात में हिंदी पुस्तकों और पुस्तकालयों की अनुपस्थिति को देखते हुए, डॉ. नितीन उपाध्ये की देख-रेख में यू.ए.ई. में चल रही यह परियोजना एक घरेलू पुस्तकालय के समान काम कर रही है जिसमें सभी सदस्य ग्रंथ पेटी की पुस्तकों को आस-पास रहने वाले पाठकों से निशुल्क आदान-प्रदान करते हैं। इसका प्रारंभ सात ग्रंथ पेटियों से हुआ और यह 10 से अधिक स्थानों पर कार्य कर रही है। यह हिंदी-प्रेमियों को पाठक, दानकर्त्ता तथा ग्रंथ संरक्षक; तीन रूपों में जोड़ती है।

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