
हिन्दी साहित्य संस्थान (ट्रस्ट) के तत्वावधान में १४ सितम्बर को हिंदी दिवस के अवसर पर, संस्था के १९२ एपीसोड के रूप में – हिन्दी सबको जोड़ने वाली कड़ी – विषय पर परिचर्चा अत्यंत महत्वपूर्ण और सफल रही। इसमें फूलों की कवयित्री डॉ. मंजु गुप्ता, लेखिका, समीक्षक अनीता वर्मा और- राजस्थान अकादमी की अध्यक्षा श्रीमती सुमन माहेश्वरी ने अपने -अपने ढंग से हिंदी के महत्व और वर्तमान स्थिति पर विचार डालते हुए, इस बात पर जोर दिया कि हम हिंदी भाषियों का दायित्व है कि नयी पीढ़ी को हिंदी से अधिकाधिक संख्या में जोड़ने के लिए गंभीरता से विचार करें, प्रयास करें, और हिंदी के सर्व समावेशी रूप को अपनाएं। हिन्दी की उपभाषाओं और प्रांतीय भाषाओं के शब्दों को खुले मन से अपना कर हिंदी को सर्व स्वीकार्य रूप प्रदान करें। लिपि में भी कतिपय परिवर्तन हमें स्वीकार करने होंगे। हिन्दी को राष्ट्रीय के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जा ने के लिए बड़ी बहिन की भूमिका निभानी होगी।उदार मन से सबका साथ और सबका विकास ही हमारा लक्ष्य होगा, तभी हम हिंदी के प्रति अपना वास्तविक दायित्व पूरा कर सकते हैं। हिन्दी की सामर्थ्य और शक्ति का सच्चा सदुपयोग कर के हम मातृभाषा के ऋण से उऋण हो पाएंगे।


