वाशिंगटन, 5 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में न्यूयार्क और वर्जिनिया से लेकर ओहियो तक भारतीय मूल के लोग जश्न मना रहे हैं और क्यों न मनाएं? बात ही कुछ ऐसी है। न्यूयॉर्क के मेयर चुनाव हों, वर्जीनिया में लेफ्टिनेंट गवर्नर पद का चुनाव हो या फिर ओहियो के सिनसिनाटी मेयर का चुनाव हो, इन सभी में भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने अपना जलवा बिखेरा है।

वर्जीनिया में, राज्य सीनेटर गजाला हाशमी ने लेफ्टिनेंट गवर्नर पद के चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की और अमेरिका में राज्यव्यापी पद पर निर्वाचित होने वाली पहली मुस्लिम महिला बन गईं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाशमी को 53 प्रतिशत और रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉन रीड को 47 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान लगाया गया था। 2019 में वर्जीनिया विधायिका में पहली मुस्लिम और दक्षिण एशियाई महिला के रूप में इतिहास रचने वाली हाशमी अब राज्य के शीर्ष कार्यकारी पदों में से एक पर आसीन होंगी।

गजाला हाशमी का जन्म 1964 में हैदराबाद में हुआ था और वे चार साल की उम्र में अपनी मां और बड़े भाई के साथ अमेरिका चली गई थीं।

वहीं ओहियो राज्य के शहर सिनसिनाटी के मेयर आफताब पुरवाल ने दोबारा चुनाव जीत लिया है। मतदान केंद्रों की ओर से साझा शुरुआती जानकारी के अनुसार उन्हें 79 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले। भारतीय और तिब्बती मूल के पुरवाल ने रिपब्लिकन उम्मीदवार कोरी बोमन को हराया, जो अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के सौतेले भाई हैं।

उनकी मां ने मैसूर के एक स्कूल में पढ़ाई की थी। दिल्ली में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात पंजाबी शख्स से हुई और उन्होंने शादी कर ली। इसके बाद दोनों अमेरिका के ओहियो प्रांत में बस गए, जहां आफताब पुरवाल का जन्म हुआ।

न्यूयॉर्क में मेयर चुनाव की रेस में सबसे आगे जोरहान ममदानी रहे, जो भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर और शिक्षाविद महमूद ममदानी के बेटे हैं।

लगभग 90 प्रतिशत मतों की गिनती के बाद ममदानी ने न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद के चुनाव में निर्णायक जीत हासिल की। चुनाव में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार और पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन प्रत्याशी कर्टिस स्लीवा को हराया।

डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट और क्वींस विधानसभा सदस्य ममदानी ने 50 प्रतिशत से ज्यादा यानी करीब दस लाख वोट हासिल किए। इस चुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग हुई। कुल मिलाकर 20 लाख से ज्यादा लोगों ने वोट दिए, जो पिछले पांच दशकों में सबसे ज्यादा है। ममदानी के समर्थकों ने इस जीत को अप्रवासी समुदायों के लिए एक प्रेरणा बताया है।

ममदानी, हाशमी और पुरवाल की जीत ने अमेरिकी राजनीति में दक्षिण एशियाई नेताओं के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित किया है।

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