मुंबई, 5 नवंबर (आईएएनएस)। महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमएमओसीएल) मुंबई मोनोरेल को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए बड़े स्तर पर काम कर रहा है। इसके तहत नई संचार-आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नलिंग तकनीक का परीक्षण चल रहा है।

यह काम नामित ठेकेदार मेधा एसएमएच रेल प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। इस नई प्रणाली से ट्रेनों की सुरक्षा और गति में जबरदस्त सुधार आने की उम्मीद है।

बुधवार को एक नियमित सिग्नलिंग टेस्ट के दौरान छोटी-सी तकनीकी घटना हुई। एमएमएमओसीएल ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया। मौके पर मौजूद दो तकनीकी कर्मचारी और मोनोरेल ऑपरेटर पूरी तरह सुरक्षित रहे। किसी को खरोंच तक नहीं आई। परीक्षण बंद लाइन पर सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए किया जा रहा था।

ये परीक्षण खासतौर पर सबसे खराब परिस्थिति (वर्स्ट केस सिनेरियो) को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं। इससे सिस्टम की मजबूती का आकलन होता है और असल सेवा शुरू होने से पहले हर कमजोरी दूर कर ली जाती है। इसलिए ऐसी नियंत्रित घटनाएं परीक्षण प्रक्रिया का सामान्य हिस्सा हैं।

एमएमएमओसीएल ने स्पष्ट किया कि यह कोई परिचालन विफलता नहीं है, बल्कि आंतरिक टेस्टिंग का हिस्सा है। आम यात्रियों की सेवा पर कोई असर नहीं पड़ा। लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और घबराएं नहीं। मेधा एसएमएच रेल द्वारा किए जा रहे सभी परीक्षण निर्बाध जारी रहेंगे।

परियोजना को समय पर पूरा करने और यात्रियों को न्यूनतम परेशानी हो, इसके लिए कई परीक्षण रात के समय या छुट्टियों में भी किए जा रहे हैं। एमएमएमओसीएल की टीम दिन-रात जुटी हुई है ताकि मुंबई को विश्वस्तरीय, सुरक्षित और हाई-टेक मोनोरेल सेवा मिल सके।

नई सीबीटीसी तकनीक से ट्रेन चालक आपस में सीधे संवाद करेंगे, जिससे दुर्घटना का जोखिम लगभग शून्य हो जाएगा। साथ ही, अधिक ट्रेनें कम समय में चल सकेंगी, जिससे भीड़भाड़ कम होगी और यात्रा तेज और सुलभ होगी।

एमएमएमओसीएल ने वादा किया है कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। हर कदम पर अंतरराष्ट्रीय मानक अपनाए जा रहे हैं। जल्द ही मुंबईकर एक नई, स्मार्ट और सुरक्षित मोनोरेल का आनंद लेंगे।

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