
मान्यवर,
हिंदी लिपि-वर्तनी का मानकीकरण – भारतीय मानक ब्यूरो का 2025 का उद्यम
भारतीय मानक ब्यूरो ने 2012 में देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी नामक मानक संख्या आईएस 16500/2012 प्रकाशित किया था। लेकिन उस समय अनुकार्य के रूप में हिंदी फ़ांट के मान स्थापित नहीं हो पाये। इस कारण बराबर यह माँग उठती रही कि उक्त मानक के अनुसार फ़ांट भी उपलब्ध कराये जाएँ, जिससे कंप्यूटर कार्यक्रम निर्माता, प्रकाशक आदि समरूप फ़ांट का इस्तेमाल कर सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए ब्यूरो ने यह निर्णय किया कि इस बार प्रकाशित मानक को अंतिम रूप देने के साथ फ़ांट भी उपलब्ध कराये जाएँ और वर्तनी आदि के संदर्भ में दिये गये सुझावों को अमल में लाने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएँ। इसके लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने मानक का मसौदा तैयार कर लिया है, जिसे अंतिम रूप देना बाकी है।
ब्यूरो अपने मानक को केंद्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा प्रस्तुत देवनागरी लिपि एवं हिंदी वर्तनी का मानकीकरण को आधार बनाकर अंतिम रूप देता है। निदेशालय के संदर्भ में बराबर यह कहा जाता रहा है कि अमुक सिफ़ारिशें मान्य नहीं हैं, क्योंकि ये एकांगी हैं, बहुमत से समर्थित नहीं हैं। इसलिए ब्यूरो निदेशालय की विवादित सिफ़ारिशों को बहुमत से अंतिम रूप देने का प्रयास करेगा, जिससे व्याकरण, कोश, प्रकाशन. पाठ्य पुस्तकें सभी में इनका समुचित अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। इस संदर्भ में ब्यूरो निदेशालय द्वारा प्रस्तुत प्रकाशन में विवादित मुद्दे चुनकर उनपर हिंदी समाज से व्यापक रूप से हितधारकों की सहमति ले रहा है। हर मुद्दे पर जो बहुमत बनेगा, उसी को आधार बना कर मानकीकरण को अंतिम रूप दिया जाएगा और वह हम सब के लिए मान्य होगा। इस कारण इन मुद्दों पर आपकी राय महत्वपूर्ण है। संभव है कि आपका विचार ही स्थापित हो जाए।
हम एक गूगल फ़ार्म भेज रहे हैं और इसे भरने में किसी को अधिक समय नहीं लगेगा। अतः आपसे निवेदन है कि अवश्य ही इस फ़ार्म को भरवा कर हमारे पास भेजे, जिससे अगली बैठक में इनपर विचार किया जा सके और मसौदे को अंतिम रूप दिया जा सके।
आप इसे अपने विभागों या आपसे जुड़े विद्वानों को भी अग्रेषित कर सकते हैं। हम चाहेंगे कि अधिक से अधिक लोगों की सम्मति मिल जाए।
ब्यूरो द्वारा तैयार किया पूरा मसौदा उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है। उसका भी अवलोकन कर सकते हैं जिससे और किसी बात पर आप राय देना चाहे तो अलग पत्र के रूप में उसे भिजवा सकते हैं। आपसे अनुरोध है कि यह फ़ार्म 21 नवंबर तक भिजवाएँ, जिससे निर्णय में आपकी सहभागिता सुनिश्चित हो।
साभार आपका
वी. रा. जगन्नाथन
अध्यक्ष, विशेषज्ञ समिति
