अनीता प्रभाकर स्मृति कहानी प्रतियोगिता में पूनम मनु की कहानी प्रथम घोषित

नई दिल्ली। विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित अनिता प्रभाकर स्मृति कहानी प्रतियोगिता- 2024 के नतीजे सामने आ गए हैं। जिसकी प्रथम विजेता मेरठ कैंप की पूनम मनु घोषित की गई हैं। निर्णायकों ने इनकी कहानी ‘अभिजीत’ को प्रथम घोषित किया है। 

विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री और साहित्यकार अतुल कुमार के मुताबिक प्रतियोगिता में बांसवाड़ा, राजस्थान के भरत चंद्र शर्मा की कहानी ‘निर्जला’ को द्वितीय और इटावा उत्तर प्रदेश के शिव अवतार पाल की कहानी ‘जमींदोज’ को तृतीय घोषित किया गया है। सान्त्वना पुरस्कार के लिए कुल ग्यारह कहानियों का चयन किया गया, जिनमें

1. ‘शब्दजाल’ (संगीता माथुर, जोधपुर )

2. ‘दायरे’ (शर्मीला चौहान, ठाणे, महाराष्ट्र)

3. ‘जाह्नवी’ (डॉ लता अग्रवाल, भोपाल)

4. ‘तृष्णा’ (इन्द्रजीत कौर, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल)

5. ‘कुलदेवी की सौगंध’ (नरेश कुमार मौर्य, बरेली)

6. ‘रिवर्स गियर’ (रेनू श्रीवास्तव, शहडोल, मध्य प्रदेश)

7. ‘पूरे दिन नीलू नीलू’ (लोकेश गुलियानी, जयपुर, राजस्थान)

8. ‘धूमिल सी रेखा’ (अलका प्रमोद, लखनऊ, उत्तर प्रदेश)

9. ‘बीज सेमल का’ (उर्मिला शुक्ल, रायपुर, छत्तीसगढ़)

10. ‘शगुन’ (शोभना श्याम, दिल्ली)

11. ‘टेढ़े पाँव का सफर’ (आशा शर्मा, बीकानेर, राजस्थान)

शामिल हैं। इन सभी विजेताओं को 26 अप्रैल को नई दिल्ली स्थित साहित्य अकादमी के सभागार में अनीता प्रभाकर स्मृति पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा।

अतुल कुमार के मुताबिक निर्णायक मंडल में निर्देश निधि (बुलंदशहर), सविता मिश्रा (बिजनौर),  विजय कुमार मिश्रा (दिल्ली), बलराम अग्रवाल (नोएडा) शामिल थे। प्रतियोगिता के लिएकुल 187 कहानियां आईं, जिनमें 118 महिलाएं और 69 पुरुष शामिल रहे।

अनिता प्रभाकर का जन्म  1940 में हुआ था। विख्यात साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की ज्येष्ठ पुत्री थीं और उनका निधन 2022 में 82 साल की उम्र में हो गया। उनके निधन के दूसरे साल में उनकी स्मृति में हिंदी कहानी प्रतियोगिता की शुरुआत की गई। 

अनीता प्रभाकर नेदिल्ली विश्वविद्यालय से एम ए-हिंदी, बी एड तक की शिक्षा हासिल की थीं। वे स्कूल में हिंदी की शिक्षिका थीं और अध्यापन के साथ लेखन में भी सक्रिय रहीं। उनकी 2 कहानियों की और  1 कविताओं की पुस्तक प्रकाशित हैं। उनकी 3 कहानियां पुरस्कृत भी हुईं। उनको  दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी की ओर से बेस्ट शिक्षक का सम्मान मिला था। साथ ही संस्कार भारती और अन्य कईं संस्थाओं के साथ जुड़कर साहित्य और समाज सेवा में ताउम्र लगी रहीं।

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