नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। अमेरिका की बड़े पैमाने पर निर्वासन कार्रवाई को लेकर बढ़ती चिंताओं और भारतीय तथा अन्य विदेशी छात्रों को ताजा चेतावनी के बीच कि कक्षाएं छोड़ने या अपने पाठ्यक्रम को छोड़ने से उनका वीजा स्टेटस खोने का खतरा हो सकता है, विदेश नीति विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने अमेरिका में मौजूद भारतीय छात्रों के लिए चिंता व्यक्त की।

विदेश नीति एक्सपर्ट रोबिंदर सचदेव ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि टेक्निकली यह चेतावनी तो सही है, लेकिन अमेरिका में व्यापक माहौल अप्रवासियों के प्रति तेजी से विपरीत होता जा रहा है।

उन्होंने कहा, “एक स्तर पर, अमेरिका जो कह रहा है वह सही है। वीजा पर आए छात्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहें, अच्छी शैक्षणिक स्थिति बनाए रखें और अपनी पढ़ाई जारी रखें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो वे अपनी वीजा की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसलिए, इस दृष्टिकोण से अमेरिका की चेतावनी समझ में आती है।”

हालांकि, उन्होंने एक गहरी चिंता पर जोर देते हुए कहा, “अमेरिका में माहौल अप्रवासी विरोधी हो गया है। यह भावना बढ़ रही है कि किसी भी अप्रवासी – चाहे वह छात्र हो या एच1बी तकनीकी कर्मचारी – उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ट्रंप प्रशासन के दौरान, छात्रों, खासकर राजनीतिक गतिविधियों या प्रदर्शनों में शामिल छात्रों की विशेष जांच की गई है। यहां तक कि यातायात उल्लंघन जैसे मामूली उल्लंघनों को भी वीजा रद्द करने के आधार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों से जुड़े किसी भी आरोप या चिंता की रिपोर्ट करें। सचदेव ने कहा, “जिन छात्रों पर मामूली आरोप भी लगे हैं, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। प्रशासन ऐसी परिस्थितियों में आक्रामक तरीके से वीजा रद्द कर रहा है। इससे अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए मौजूदा माहौल बहुत परेशान करने वाला हो गया है।”

बता दें कि यह चेतावनी इस साल की शुरुआत में अमेरिकी सरकार द्वारा किए गए कई सामूहिक निर्वासन अभियानों के बाद आई है, जिनमें कई छात्रों और अन्य अप्रवासियों को टारगेट किया गया था।

इसके जवाब में, अमेरिका के कई कॉलेजों ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों से वीजा कैंसिल होने के जोखिम से बचने के लिए देश से बाहर यात्रा न करने का आग्रह करते हुए सलाह जारी की है।

विदेशी छात्रों के बीच बढ़ती आशंका अमेरिकी आव्रजन नीति में व्यापक बदलाव को दर्शाती है, जहां अब वैध वीजा धारकों को भी देश में अपने भविष्य के बारे में अधिक जांच और अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है।

–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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