ब्रुसेल्स, 5 जून (आईएएनएस)। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को यूरोपीय संसद की उपाध्यक्ष क्रिस्टेल शाल्डेमोज के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्हें पाकिस्तान प्रायोजित सीमापार आतंकवाद और 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के बारे में जानकारी दी गई।

बेल्जियम में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “यह कश्मीर में प्रगति को बाधित करने और स्थिति को सांप्रदायिक बनाने के लिए राष्ट्रीय नीति के एक साधन के रूप में सीमा पार आतंकवाद के उपयोग के बारे में वरिष्ठ संसदीय स्तर पर जानकारी देने का एक अच्छा अवसर था। (क्रिस्टेल शाल्डेमोज ने) पहलगाम में जघन्य आतंकवादी हमले की निंदा और आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की भारत की दृढ़ नीति की सराहना की।”

रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस बैठक ने कश्मीर में विकास को कमजोर करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए राष्ट्रीय नीति के रूप में आतंकवाद के पाकिस्तान के इस्तेमाल को उजागर करने का अवसर दिया।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हमने यूरोपीय संसद की उपाध्यक्ष को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के संबंध में भारत की स्थिति से अवगत कराया। हमने अनुरोध किया कि वह पाकिस्तान में आतंकवादी तंत्र को समर्थन देने की लागत, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय सहायता के संदर्भ में, को उजागर करने पर विचार करें। हम भारत के प्रति उनके स्पष्ट स्नेह और मानवता और लोकतंत्र को बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रभावित हुए।”

बाद में ब्रुसेल्स में मीडिया के साथ बातचीत में प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के प्रति भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लक्ष्यों तथा आतंकवाद से निपटने सहित भारत-यूरोपीय संघ की मजबूत साझेदारी के लिए रोडमैप पर प्रकाश डाला।

प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) से मुलाकात की और सीमा पार आतंकवाद, वैश्विक शांति और भारत-यूरोपीय संघ के संबंधों को मजबूत करने सहित आतंकवाद से निपटने पर चर्चा की। यूरोपीय संघ के पक्ष को 22 अप्रैल के घातक पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत की सुनियोजित और लक्षित प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का संदेश दिया गया।

बैठक के दौरान, यूरोपीय संसद के सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की। प्रतिनिधियों ने आतंकवाद के खतरे, जिसमें भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है, पर ब्रसेल्स स्थित प्रमुख थिंक टैंकों के साथ गहन विचार-विमर्श भी किया।

भारतीय सांसदों ने ब्रुसेल्स में थिंक टैंक समुदाय के सदस्यों के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित देश के आतंकवाद विरोधी प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के भारत के एकीकृत और स्पष्ट संदेश को भी व्यक्त किया।

इसके अलावा, प्रतिनिधियों ने भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत की, जिन्होंने हाल के आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के साथ अपनी गहरी एकजुटता व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत और सैद्धांतिक रुख तथा इसकी जीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन किया।

उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत की आवाज को बुलंद करने में प्रवासी समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।

नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में रविशंकर प्रसाद (भाजपा), दग्गुबाती पुरंदेश्वरी (भाजपा), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना-यूबीटी), गुलाम अली खटाना (भाजपा), अमर सिंह (कांग्रेस), समिक भट्टाचार्य (भाजपा), एम. थंबीदुरई (एआईएडीएमके), पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर और पूर्व राजदूत पंकज सरन सहित विविध राजनीतिक प्रतिनिधित्व शामिल हैं।

फ्रांस, इटली, डेनमार्क और ब्रिटेन की यात्राएं संपन्न करने के बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के महत्व और पाकिस्तान प्रायोजित सीमापार आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई को उजागर करने के लिए भारत के वैश्विक कूटनीतिक संपर्क अभियान के एक हिस्से के रूप में बेल्जियम में है।

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