रियो डी जनेरियो, 7 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-मलेशिया के बीच संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और निवेश व व्यापार संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम के साथ मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ बहुत अच्छी बैठक थी। मलेशिया भारत के लिए महत्वपूर्ण है, हमारे विजन महासागर और एक्ट ईस्ट पॉलिसी में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।”

उन्होंने आगे लिखा, “हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की, जिसमें पिछले साल प्रधानमंत्री इब्राहिम की भारत यात्रा के बाद हुई प्रगति भी शामिल है। भविष्य के क्षेत्र जैसे आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा और बुनियादी ढांचा ऐसे क्षेत्र हैं जहां द्विपक्षीय संबंध मजबूती से बढ़ रहे हैं। इस बात पर भी चर्चा हुई कि हमारे देशों के बीच निवेश और व्यापार संबंधों को कैसे बेहतर बनाया जाए।”

इससे पहले, मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने एक बयान में कहा कि “ब्रिक्स समूह, जो एक मजबूत और सिद्धांतबद्ध शक्ति के रूप में उभरा है, अधिक संतुलित और न्यायपूर्ण अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने का एक अवसर प्रदान करता है।”

उन्होंने कहा कि पुरानी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार की जरूरत है ताकि बदलती वैश्विक हकीकतों को दर्शाया जा सके और विकासशील देशों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखा जाए।

मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और विश्व व्यापार संगठन जैसे वैश्विक संस्थानों में बड़े बदलाव की मांग करता हूं, ताकि वे वर्तमान हकीकतों और विकासशील देशों की जरूरतों को बेहतर ढंग से दर्शाएं, न कि पुरानी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की संरचनाओं में फंसे रहें।”

ब्राजील द्वारा आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे अनवर ने कहा कि समूह को सदस्य देशों के बीच तथा दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ जैसे अन्य क्षेत्रीय समूहों के साथ अपने आर्थिक सहयोग को मजबूत करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ब्रिक्स और आसियान सदस्यों को रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करना चाहिए, जिसमें विकासशील देशों के पारस्परिक लाभ के लिए क्षेत्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ाना शामिल है।

भारत ने 1957 में फेडरेशन ऑफ मलाया के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए।

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