नीमच, 16 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) के जरिए ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। इसी दिशा में ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ और ‘मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ के तहत संचालित ‘दीदी कैफे’ ग्रामीण महिलाओं के लिए आय का एक मजबूत स्रोत बन रहा है।

मध्य प्रदेश के नीमच जिले में कलेक्टर कार्यालय परिसर में ग्राम कनावटी के जय बालाजी आजीविका स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा ‘दीदी कैफे’ का संचालन किया जा रहा है। यह कैफे न केवल कार्यालय आने वाले विजिटर्स को स्वच्छ और अनुकूल वातावरण में चाय और नाश्ता परोस रहा है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की मिसाल भी बन रहा है। दीदीयों के हाथों से तैयार चाय और नाश्ते का स्वाद हर किसी को आत्मीयता और तृप्ति का अनुभव कराता है। जहां ये महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि प्रति माह 15-20 हजार रुपए की कमाई कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही हैं।

मध्य प्रदेश के नीमच जिले में कलेक्टर कार्यालय परिसर में संचालित ‘दीदी कैफे’ की संचालिका और जय बालाजी आजीविका स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष मधु खोईवाल ने अपने जीवन में आए बदलाव के बारे में बात की।

मधु खोईवाल ने कहा, “मेरे समूह का नाम जय बालाजी आजीविका स्व-सहायता समूह है। मेरे समूह में 15 महिलाएं हैं। इस समूह से जुड़ने से पहले मैं एक गृहिणी थी। सदस्य बनने के बाद मैंने 100-100 रुपए की बचत शुरू की और इसमें अन्य सदस्यों ने भी अपना योगदान दिया। हमारी बचत को देखते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ने हमारे समूह को 20 लाख का ऋण प्रदान किया। लोन मिलने के बाद अधिकारी ने हमें बताया कि कलेक्टर कार्यालय में कोई ‘दीदी कैफे’ नहीं है, इसलिए हमें एक शुरू करना चाहिए।”

मधु ने बताया कि वर्तमान में 5-6 दीदीयां मिलकर कैफे का संचालन करती हैं, जबकि अन्य सदस्य पशुपालन और सिलाई जैसे कार्यों से जुड़ी हैं। इस पहल से सभी दीदीयों के परिवारों का भरण-पोषण बेहतर ढंग से हो रहा है। हमारे समूह को एसबीआई बैंक की कनावटी शाखा से लोन मिला, जिसने उनकी राह आसान की। मैं इसके लिए पीएम मोदी और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करती हूं।

स्वयं सहायता समूह की सदस्य कौशल्या बाई ने कहा, “जय बालाजी समूह में हम सभी ने 100-100 रुपए बचाए। हमने कलेक्टर कार्यालय में एक कैंटीन शुरू की है और हममें से कुछ लोग यहां काम करते हैं। इसके अलावा, कुछ लोग गांव में सिलाई करते हैं और कुछ पशुपालन करते हैं। 100-100 रुपए की बचत से हमने यह काम शुरू किया था और अब हम और हमारा परिवार बहुत खुश हैं।”

‘दीदी कैफे’ पर आने वाले एक ग्राहक महावर ने बताया कि हम दीदी कैफे में चाय-नाश्ता करने के लिए अक्सर आते हैं। यहां का वातावरण काफी अच्छा है और साफ-सफाई का भी ख्याल रखा गया है।

नीमच जिला पंचायत के सीईओ अमन वैष्णव ने बताया कि मध्य प्रदेश में ‘दीनदयाल अंत्योदय योजना’ के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में नीमच के कलेक्टर कार्यालय परिसर में जय बालाजी आजीविका स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष मधु खोईवाल और उनकी सहयोगी दीदीयों द्वारा ‘दीदी कैफे’ का सफल संचालन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “मधु दीदी के समूह को एनआरएलएम के तहत 20 लाख रुपए का लोन प्राप्त हुआ था, जिसमें से 1 लाख रुपए का इस्तेमाल ‘दीदी कैफे’ शुरू करने में किया गया। यह कैफे न केवल उनकी आजीविका का मजबूत साधन बना है, बल्कि मधु दीदी ‘बैंक सखी’ के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं। समूह की अन्य महिलाएं पशुपालन, किराना दुकान और सिलाई जैसे कार्यों के जरिए अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं। जिला पंचायत द्वारा ऐसे स्व-सहायता समूहों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें।”

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