नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) वृद्धि दर वित्त वर्ष 24 में 11.89 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत थी। यह जानकारी बुधवार को जारी हुए एनुअल सर्वे ऑफ इंडस्ट्रीज (एएसआई) में दी गई। 

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक देश का औद्योगिक उत्पादन 5.80 प्रतिशत बढ़ है।

रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 24 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार सालाना आधार पर 5.92 प्रतिशत बढ़ा है। बीते एक दशक में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 57 लाख से ज्यादा नौकरियां जुड़ी हैं और वित्त वर्ष 24 में 1,95,89,131 वर्कर्स फैक्टरी जॉब्स में थे।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की जीवीए ग्रोथ में सबसे अधिक योगदान देने वाली शीर्ष पांच इंडस्ट्रीज में बेसिक मेटल, मोटर इंश्योरेंस, केमिकल प्रोडक्ट्स, फूड प्रोडक्ट्स और फार्मास्युटिकल्स शामिल हैं।

सर्वे में तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक रोजगार रैंकिंग में सबसे आगे हैं, जहां सबसे अधिक संख्या में फैक्ट्री नौकरियां दी गई हैं।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 17 प्रतिशत का योगदान देता है और कई एएसआई सर्वेक्षणों से प्राप्त स्थिर वृद्धि ने कोविड के बाद विशेष रूप से श्रम-प्रधान राज्यों में आर्थिक सुधार और अधिक नौकरियों के सृजन का संकेत दिया है।

अमेरिका द्वारा भारतीय आयातों पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद, अर्थशास्त्रियों का मानना ​​है कि भारत को इस निर्णायक क्षण का उपयोग ‘मेक इन इंडिया 2.0’ को गति देने, आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने और निर्यात बाजारों में विविधता लाने के लिए करना चाहिए।

एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में पिछले सप्ताह कहा गया था कि अधिक विवेकाधीन खर्च के कारण, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) में भारत की जीडीपी 6.8 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के बीच बढ़ने की उम्मीद है। इस तिमाही के लिए जीवीए वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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