नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का तेजी से विस्तार हो रहा है और हर सप्ताह नए सप्लायर और डिजाइन क्षमताएं सामने आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह सेक्टर मुख्य रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों से चलता है।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का विस्तार हो रहा है। हर सप्ताह नए सप्लायर, अधिकतर छोटे और मध्यम उद्यम उभर रहे हैं।”

उन्होंने आगे लिखा, नए डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाएं लगातार विकसित हो रही है। अगले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भारत में रोजगार के प्रमुख क्षेत्रों में से एक बन जाएगा।”

इसी महीने केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बेंगलुरु में सेमीकंडक्टर डिजाइन से जुड़ी कंपनी, एआरएम के नए कार्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एआई सर्वर, ड्रोन और मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले 2 नैनोमीटर के सबसे एडवांस चिप्स इसी यूनिट से डिजाइन किए जाएंगे।

भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य सेमीकंडक्टर के साथ-साथ उनके लिए आवश्यक उपकरणों और सामग्रियों का डिजाइन और निर्माण करना है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अगले 20 वर्षों के विजन के साथ देश के युवाओं और प्रतिभाशाली इंजीनियरों को दुनिया भर में सर्वोत्तम अवसर प्राप्त होंगे।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में प्रगति से सेमीकंडक्टर चिप्स की मांग दोगुनी हो रही है।

भारत की उपलब्धियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में छह गुना वृद्धि दर्ज की गई है। वर्तमान में यह 11.5 लाख करोड़ रुपए का उद्योग है। वहीं, निर्यात में आठ गुना वृद्धि दर्ज की गई है और इलेक्ट्रॉनिक्स भारत के लिए प्रमुख निर्यात उत्पाद बन रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि मोबाइल फोन और लैपटॉप की असेंबली से शुरू हुआ यह सफर, अब उनके मॉडल, कंपोनेंट्स और तैयार सामग्रियों के उत्पादन की ओर बढ़ रहा है।

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