
डा. गिरिराजशरण अग्रवाल
रजनीकांत शुक्ला
डा. गिरिराजशरण अग्रवाल का जन्म 14 जुलाई 1944 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के सम्भल नामक कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम रघुराजशरण अग्रवाल एवं माता का नाम कमलादेवी है। ये हिन्दी भाषा के गद्य एवं पद्यकार हैं। आरम्भिक शिक्षा उपरान्त इन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से कला स्नातकोत्तर एवं पी॰एचडी॰ किया था।
व्यावसायिक रूप से ये रीडर एवं अध्यक्ष, स्नातकोत्तर हिन्दी एवं शोध विभाग, वर्धमान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिजनौर (उ.प्र.) से जुड़े रहे हैं। पहली पुस्तक ‘तीर और तरंग’ नाम से 1964 में प्रकाशित हुई। इसमें जनपद मुरादाबाद के काव्यकारों का परिचयात्मक विवरण, उनकी रचनाओं सहित दिया गया था।
इनकी रचनाओं में सन्नाटे में गूँज (ग़ज़लें, 1987), नीली आँखें और अन्य एकांकी (1994), जिज्ञासा और अन्य कहानियाँ (1994), बाबू झोलानाथ (व्यंग्य, 1994), समय एक नाटक (ललित निबन्ध, 1994), बच्चों के शिक्षाप्रद नाटक (1994), भीतर शोर बहुत है (ग़ज़लें, 1996), राजनीति में गिरगिटवाद (व्यंग्य, 1997), दंगे : क्यों और कैसे (1996), विश्व आतंकवाद : क्यों और कैसे (1997), हिंदी पत्रकारिता : विविध आयाम (1997); आओ अतीत में चलें (1998), मानवाधिकार : दशा और दिशा (1998), ग़ज़ल और उसका व्याकरण (1999), मौसम बदल गया कितना (ग़ज़लें 1999), बच्चों के हास्य-नाटक (2000), बच्चों के रोचक नाटक (2000), ग्यारह नुक्कड़ नाटक (2000), नारी : कल और आज (2001), पर्यावरण : दशा और दिशा (2002), हिंसा : कैसा-कैसी (2003), रोशनी बनकर जिओ (ग़ज़लें, 2003); वादविवाद प्रतियागिता : पक्ष और विपक्ष (2004), मंचीय व्यंग्य एकांकी (2004), मेरे इक्यावन व्यंग्य (2005), शिकायत न करो तुम (ग़ज़लें, 2006), अक्षर हूं मैं (काव्य 2008), मेरी हास्य-व्यंग्य कविताएँ (2008), आदमी है कहाँ (ग़ज़ल संग्रह 2010)।
सम्पादित ग्रन्थों में तुलसी मानस सन्दर्भ, सूरसाहित्य सन्दर्भ, शोध-सन्दर्भ : एक (1980), शोध-सन्दर्भ : दो (1986), शोध-सन्दर्भ : तीन (1993), शोध-सन्दर्भ : चार (2004), शोध-सन्दर्भ : पाँच (2010) हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ, सन्दर्भ अशोक चक्रधर एवं हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ कोश (भाग-दो) डॉ॰ मीना अग्रवाल के साथ है।
कहानियों में शिक्षा-जगत् की कहानियाँ, बाल्यजीवन की कहानियाँ, युवा विद्रोह की कहानियाँ, वृद्धावस्था की कहानियाँ, सांप्रदायिक सद्भाव की कहानियाँ, ग्राम्य जीवन की कहानियाँ, महानगर की कहानियाँ, दलित जीवन की कहानियाँ, नारी उत्पीड़न की कहानियाँ, विकलांग जीवन की कहानियाँ, कार्यालय जीवन की कहानियाँ (सभी प्रभात प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित)।
एकांकी लेखन में न्याय-अन्याय के एकांकी, युवा-मानस के एकांकी, सामाजिक मूल्यों के एकांकी, सांस्कृतिक गौरव के एकांकी, राष्ट्रीय एकता के एकांकी, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के एकांकी, कार्यालय जीवन के एकांकी, अंधविश्वास-विरोध के एकांकी, पारिवारिक सम्बन्धों के एकांकी, राजनीतिक परिवेश के एकांकी (प्रभात प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित)।
व्यंग्य क्षेत्र की रचनाओं में शिक्षा-व्यवस्था पर व्यंग्य, चिकित्सा-व्यवस्था पर व्यंग्य, पुलिस-व्यवस्था पर व्यंग्य, न्याय-व्यवस्था पर व्यंग्य, सामाजिक व्यवस्था पर व्यंग्य, कार्यालयीन व्यवस्था पर व्यंग्य, राजनीतिक परिवेश पर व्यंग्य, पारिवारिक जीवन के व्यंग्य, साहित्यिक परिवेश के व्यंग्य, मानव चरित्र के व्यंग्य, श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कविताएँ, श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य निबंध, श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कहानियाँ, श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य एकांकी, काका हाथरसी हास्य रचनावली (पाँच भाग)(प्रभात प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित); पिछले दशक के श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य एकांकी, पिछले दशक की श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कविताएँ, पिछले दशक की श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कहानियाँ, चुनी हुई हास्य कविताएँ (हिन्दी साहित्य निकेतन द्वारा प्रकाशित); 1984 से 2004 तक प्रति वर्ष की श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य रचनाएँ (बाईस खंड) (हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर एवं डायमण्ड पाकेट बुक्स, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित)।
अन्य विधाओं की पुस्तकों में
अभिनन्दन ग्रन्थ: काका हाथरसी अभिनन्दन ग्रन्थ (काका हाथरसी अभिनन्दन ग्रन्थ समिति द्वारा प्रकाशित)।
बाल-साहित्य में इनसे प्रेरणा लें : विवेकानन्द, महात्मा बुद्ध, महावीर स्वामी, लाला लाजपत राय, लोकमान्य तिलक, सुभाषचन्द्र बोस, सरदार पटेल (डायमण्ड पब्लिकेशंस प्रा.लि. द्वारा प्रकाशित); पंचतन्त्र की रोचक कहानियाँ, पंचतन्त्र की प्रेरक कहानियाँ, पंचतन्त्र की मनोरंजक कहानियाँ, पंचतन्त्र की शिक्षाप्रद कहानियाँ, हितोपदेश की रोचक कहानियाँ, हितोपदेश की प्रेरक कहानियाँ, हितोपदेश की मनोरंजक कहानियाँ, हितोपदेश की शिक्षाप्रद कहानियाँ, मनोरंजक जातक कथाएँ, रोचक जातक कथाएँ, शिक्षाप्रद जातक कथाएँ, प्रेरक जातक कथाएँ, भारत के गौरव, बच्चों के अनुपम नाटक, बच्चों के उत्तम नाटक, भारतीय गौरव के बाल नाटक, प्रेमचंद की कहानियों पर आधारित नाटक।
भक्ति साहित्य: प्रेमदीवानी मीरा, महात्मा कबीर, गुरु नानकदेव (डायमण्ड पब्लिकेशंस प्रा.लि. द्वारा प्रकाशित)।
कोश-साहित्य: अंग्रेज़ी-हिन्दी कोश, अंग्रेज़ी-अंग्रेज़ी-हिन्दी कोश, हिन्दी-अंग्रेज़ी कोश, हिन्दी शब्दकोश, अंग्रेज़ी-अंग्रेज़ी कोश, हिन्दी समानान्तर कोश (डायमण्ड पब्लिकेशंस प्रा.लि. द्वारा प्रकाशित)।
व अन्य पुस्तकों में हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ ग़ज़लें, हिंदी रूबाइयाँ और मुक्तक, काका हाथरसी की विशिष्ट रचनाएँ, हिन्दी ग़ज़ल-यात्रा (दो भाग) (हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर द्वारा प्रकाशित), काका की पाती (2004)।
उ.प्र. युवा साहित्यकार संघ द्वारा ‘सरस्वतीश्री’ (1982);
तुलसी पीठ कासगंज द्वारा ‘विद्यावारिधि’ (1984);
विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ गांधीनगर द्वारा ‘विद्यासागर’ (1984);
रोटरी अंतर्राष्ट्रीय द्वारा अनुशंसा पुरस्कार (1984);
अखिल भारतीय टेपा सम्मेलन, उज्जैन द्वारा सम्मानित (1992);
हिंदी अंतर्राष्ट्रीय विकास प्रवर्तक लंदन की हाथरस शाखा के तत्त्वावधान में अभिनंदन (1992);
व्यंग्य कृति ‘बाबू झोलानाथ’ पर उ.प्र. हिंदी संस्थान लखनऊ का अनुशंसा पुरस्कार (1996);
व्यंग्य कृति ‘राजनीति में गिरगिटवाद’ पर उ.प्र. हिंदी संस्थान लखनऊ का अनुशंसा पुरस्कार (1997);
उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के हीरक जयंती समारोह में ‘अभिव्यंजना’ (उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन की इकाई) द्वारा विशिष्ट सम्मान (1997);
मानवाधिकार : दशा और दिशा पुस्तक पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली (भारत सरकार) का प्रथम पुरस्कार (1998);
डॉ॰ रत्नलाल शर्मा स्मृति न्यास, दिल्ली का श्रीमती रतन शर्मा बालसाहित्य पुरस्कार (1999);
सहस्राब्दी विश्व हिंदी सम्मेलन द्वारा ‘राष्ट्रीय हिंदीसेवी सहस्राब्दी सम्मान’ (2000);
‘आओ अतीत में चलें’ पुस्तक पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का सूर पुरस्कार (2001);
अखिल भारतीय साहित्य कला मंच द्वारा सम्मान (2001);
‘समन्वय’ सहारनपुर द्वारा सारस्वत सम्मान (2003)
‘मंचीय व्यंग्य एकांकी’ पुस्तक पर 10,000 रुपए का राष्ट्रधर्म गौरव सम्मान (2005)
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनउ द्वारा 100,000 (एक लाख रुपए) का ‘साहित्य भूषण’ सम्मान 2008
केंद्रीय हिंदी निदेशालय (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) नई दिल्ली का एक लाख रुपए का ‘शिक्षा पुरस्कार’ 2008
इनकी पहली प्रकाशित पुस्तक ‘सन्नाटे में गूँज’ ग़ज़ल संग्रह मुझे उसी दौरान में मिल गया था।
गिरिराजशरण अग्रवाल जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई