यूनिस्ट में हुआ विशेष आयोजन

इस बार जन्माष्टमी का पर्व दक्षिण कोरिया के प्रवासी भारतीयों के लिए बेहद खास रहा। जहाँ घर-घर में पूजा-पाठ और भजन का पारंपरिक माहौल बना, वहीं कोरिया के उल्सान शहर में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (UNIST) में आयोजित सामूहिक कार्यक्रम ने सभी का मन मोह लिया और भावपूर्ण अनुभव दिया।

करीब 50 से अधिक लोगों की उपस्थिति में रात 12 बजे तक भजन-जागरण चला। कार्यक्रम में बच्चों और बड़ों सभी ने भाग लिया। खासकर कोरियाई स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी संस्कृत भजनों और भारतीय संस्कृति के रंग में पूरी तरह डूबे। उन्होंने उत्साह के साथ गीतों का आनंद लिया और उत्सव के वातावरण को जीवंत बनाया।

ठीक मध्यरात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ ही सभी श्रद्धालुओं ने व्रत खोला और प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम का सफल संचालन अमित और सुमित ने किया, जिनके प्रयासों और समर्पण की सभी ने सराहना की।

इस बार का आयोजन व्यक्तिगत रूप से भी बहुत खास रहा। हमारे माता-पिता ने भी इसका हिस्सा बनकर अनुभव साझा किया और कहा कि “भारत में भी जन्माष्टमी मनाई है, लेकिन इस बार कोरिया में इसे अनुभव करना भारत से भी ज़्यादा आनंददायक रहा।”

विदेश में रहते हुए भारतीय त्योहारों को इस तरह बड़े उत्साह और सामूहिकता के साथ मनाना प्रवासी जीवन में नई ऊर्जा, सांस्कृतिक जुड़ाव और संतोष का संचार करता है। ऐसे आयोजन सिर्फ धार्मिक या सांस्कृतिक महत्त्व ही नहीं रखते, बल्कि भारतीय समुदाय को विदेश में भी एक साथ जोड़ने और अपने मूल्यों को जीवित रखने में मदद करते हैं।

इस तरह के अनुभव यह दिखाते हैं कि भले ही हम देश से दूर हों, लेकिन भारतीय संस्कृति और त्योहारों की मिठास हमें हर जगह जोड़ सकती है।

मुस्कान गुप्ता (दक्षिण कोरिया)

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