हिंदी स्पीकिंग यूनियन ने रविवार, 7 दिसंबर को दोपहर 2 बजे सर शिवसागर रामगुलाम बॉटानिकल गार्डन, पम्पलेमूस में अत्यंत उत्साह के साथ “हिंदी उत्सव” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालयीन अवकाश के दौरान छात्रों द्वारा हिंदी भाषा की समृद्धि और सौंदर्य का उत्सव मनाना था।

यह देखना अत्यंत आनंददायक था कि मॉरीशस की विभिन्न बैठकाओं के प्रतिभाशाली छात्रों ने अपने अवकाश का उपयोग कर हिंदी भाषा और संस्कृति को समर्पित कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। बच्चों ने कविता पाठ, शास्त्रीय नृत्य, कहानी वाचन, हास्य प्रस्तुति तथा समूह गीतों के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मॉरीशस की कई हिंदी संस्थाओं ने इस आयोजन में सहयोग दिया और उनके छात्रों ने इसमें भाग लेकर इस उत्सव को एक वास्तविक हिंदी महोत्सव में परिवर्तित कर दिया।

गुरुकुल शिक्षा व (सनातन धर्म टेम्पल फेडरेशन), आर्य सभा, श्रीमती गोविंदरामन विशेष आवश्यकता विद्यालय, हिंदी स्कूल फेडरेशन, मॉरीशस हिंदी इंस्टिट्यूट, हिंदी प्रचारिणी सभा, कलबास हिन्दू सभा, पायोत आर्य सभा हिंदी पाठशाला, तेर रूज हरिनारायण हिंदी संस्थान, सार्वजनिक हिन्दू सभा, कैल्बेस हिंदी पाठशाला, अमिचिए नवजीवन हिंदी पाठशाला आदि अनेक संस्थाओं के छात्रों ने इस उत्सव में भाग लिया।

साथ ही उस अवसर पर माननीय रंजीव वुचीत (स्थानीय सरकार मंत्री), माननीय कविराज शर्मा सुकन (उच्च शिक्षा, विज्ञान व अनुसंधान मंत्री), माननीय कविराज रूकनी व रविराज बीचूक (सांसदगण), श्री संजय टोटू (पम्पलेमूस जिला परिषद अध्यक्ष), डॉ. दरबारी (बॉटनिकल गार्डन ट्रस्ट निदेशिका) तथा अन्य कई गणमान्य अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

डॉ. अंजलि चिन्तामणी, अध्यक्ष, हिंदी स्पीकिंग यूनियन ने उस अवसर पर कहा कि : 

“यह पहली बार है जब पम्पलेमूस जैसे ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल पर ऐसा हिंदी कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जहाँ विभिन्न संस्थाओं के बच्चे एक ही मंच पर अपनी प्रस्तुतियों से हिंदी के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त कर सके। विशेष आवश्यकता वाले छात्रों ने भी बॉलीवुड गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे स्पष्ट होता है कि भाषा और संगीत सभी के दिल को जोड़ते हैं। हमारा उद्देश्य यही है कि बच्चे अपने अवकाश का उपयोग हिंदी भाषा के अभ्यास और रचनात्मक प्रस्तुति द्वारा करें। इस प्रकार की पहल से बच्चों का समग्र विकास संभव होता है।

उन्होंने अभिभावकों एवं शिक्षकों  से छात्रों को निरंतर प्रोत्साहित करने का आग्रह किया कि वे हिंदी जैसी सांस्कृतिक और साहित्यिक समृद्ध भाषा को अपनाएं और अभ्यास करें।

निस्संदेह, “हिंदी उत्सव” हिंदी भाषा के संरक्षण की दिशा में एक सफल और प्रेरणादायक प्रयास रहा। हिंदी स्पीकिंग यूनियन भविष्य में भी ऐसे रचनात्मक और रोचक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा ताकि युवा पीढ़ी में हिंदी के प्रति रुचि और प्रगाढ़ होता जाए।

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