
मुंबई, 7 मई (आईएएनएस)। भारत के टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर स्टोरी शेयर करते हुए यह जानकारी दी और सबको शुक्रिया कहा।
रोहित ने अपने 280 नंबर की टेस्ट कैप की फोटो के साथ लिखा, “मैं सबको साझा करना चाहता हूं कि मैं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं। अपने देश का सफेद जर्सी में प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है। इतने सालों तक मुझे समर्थन और प्यार देने के लिए आप सबका शुक्रिया। मैं वनडे फॉर्मेट खेलना जारी रखूंगा।”
रोहित ने भारत के लिए 67 टेस्ट मैच की 116 पारियों में 40.57 की औसत से 7538 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने 2024 में विश्व कप जीत के बाद टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था और हाल ही में भारत के लिए वनडे में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी।
हालांकि पिछले साल उनका टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीजन में सिर्फ एक अर्धशतक बनाने के बाद जब वह ऑस्ट्रेलिया गए तो वहां भी उनके बल्ले से रन नहीं निकले और कप्तान होते हुए भी उन्हें खुद को एक मैच से बाहर बैठाना पड़ा।
कुल मिलाकर उन्होंने पिछले सीजन आठ टेस्ट मैचों में सिर्फ एक अर्धशतक और 10.93 की औसत से रन बनाए थे और कप्तान के रूप में उन्हें न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज हार मिली थी।
अगर कप्तानी की बात की जाए तो उन्होंने कुल 24 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की, जिसमें उन्हें 12 में जीत, 9 में हार मिली, जबकि तीन टेस्ट मैच ड्रॉ रहे।
–आईएएनएस
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भारतीय सेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया: शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती
द्वारका, 7 मई (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पीओके एवं पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया। द्वारका के शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज ने इस सफल सैन्य कार्रवाई की तारीफ की।
द्वारका के शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ करते हुए कहा, “भारतीय सेना ने जो कार्य किया है, वह सराहनीय है। बहुत ही साहस का परिचय दिया गया है। पहलगाम में निर्दोष हिंदू थे, जिन्हें चयनित कर हत्या की गई। यह भारत के इतिहास की अभूतपूर्व घटना थी, क्योंकि धर्म के आधार पर हिंदुओं को निशाना बनाया गया था।”
उन्होंने कहा, “आज हमारी सेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया। पाकिस्तान में जहां-जहां आतंकवाद के अड्डे हैं, उन्हें ध्वस्त कर दिया गया। अगर पाकिस्तान पहलगाम हमले के आतंकियों को भारत को सौंप देता, तो देश यह कार्रवाई नहीं करता, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवाद और आतंकवादियों का साथ दिया। उनकी सेना ने भी उनका साथ दिया, जो अत्यंत दुखद और मानवता के विरुद्ध है।”
उन्होंने कहा, “पूरे देशवासी सरकार और सेना के साथ खड़े हैं। भगवान द्वारकाधीश से प्रार्थना है कि सेना के पास बल तो है, उन्हें आध्यात्मिक शक्ति की भी प्राप्ति हो। अगर उन्होंने हमला किया, तो हम भी कमजोर नहीं हैं। हमें अपनी रक्षा करना आता है और मुंहतोड़ जवाब देंगे।”
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना की तरफ से मंगलवार देर रात 1.05 बजे से 1.30 बजे के बीच 24 मिसाइलों से नौ आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया गया, जिनमें मुरीदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय और बहावलपुर स्थित आतंकी प्रमुख ठिकाने शामिल थे। ये वे स्थान हैं, जिन्हें आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। इस हमले को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया।
पीएम मोदी ने बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी इससे अवगत कराया। सफल ऑपरेशन के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार (8 मई) को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
–आईएएनएस
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