
कन्नड़ भाषा की लेखिका बानू मुश्ताक़ को उनके कहानी संग्रह ‘हार्ट लैंप’ के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस पुस्तक का अंग्रेज़ी अनुवाद दीपा भास्थी ने किया है।
कन्नड़ भाषा में लिखी किसी किताब को पहली बार ये सम्मान हासिल हुआ है।
बानू मुश्ताक़ लेखिका होने के अलावा बंदया आंदोलन से जुड़ी रही हैं।