
राजेश्वर वशिष्ठ
जन्म: 30 मार्च, 1958, भिवानी (हरियाणा) संप्रति : स्वतंत्र लेखन
प्रकाशित पुस्तकें :
मुट्ठी भर लड़ाई, उपन्यास 1983, पुनः प्रकाशित 2024, सुनो वाल्मीकि, कविता संग्रह, 2015, गुजराती भाषा में भी अनूदित एवं प्रकाशित। सोनागाछी की मुस्कान, कविता संग्रह, 2016, अगस्त्य के महानायक श्रीराम, खंड काव्य, 2017, पुनः प्रकाशित 2023, सुनेत्रा तुम ही प्रेम हो – प्रेम का पंचतंत्र, 2018, पुनः प्रकाशित 2025 याज्ञसेनी, उपन्यास, 2018, पुनः प्रकाशित 2021, देवता नहीं कर सकते प्रेम, कविता संग्रह, 2019, कवि का बयान, स्व चयनित कविताओं का संग्रह 2021, कुछ तो कहो कबीर, कविता संग्रह, 2022, युद्ध सिर्फ़ सरहदों पर नहीं होते, कविता संग्रह, 2022, प्रजातंत्र में कबूतर, कविता संग्रह, 2024, ध्रुव तारा कभी अस्त नहीं होता, कहानी संग्रह, 2025, सूरज की बाट, चयनित कविताओं का सुनीता करोथवाल द्वारा हरियाणवी भाषांतरण, 2022, बाबा साहेब के बुद्ध, चरित्र कथा, 2022, मिथिला की भूमि सुता सीता, उपन्यास, 2022, पुनः प्रकाशित 2025, समकाल की आवाज राजेश्वर वशिष्ठ चयनित कविताएँ, 2023, कविता देशांतर कनाडा, कनाडा की कविताओं का हिंदी अनुवाद, 2004, पेंग्विन और रॉयल कॉलिंस के लिए अनेक पुस्तकों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद।
सम्मान:
‘सुनो वाल्मीकि’ कविता संग्रह को हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 2015 का श्रेष्ठ काव्य कृति सम्मान।’ अगस्त्य के महानायक श्रीराम पुस्तक पर अखिल हिन्दी साहित्य सभा नासिक द्वारा 2018 का साहित्य आराधना सम्मान, कविता के क्षेत्र में श्रेष्ठ लेखन के लिए ओम शांति साहित्य सम्मान, 2024 तथा कला ग्राम (एमसीजी, हरियाणा सरकार) द्वारा 2024 का कला निधि सम्मान। हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी का वर्ष 2022 का हिंदी साहित्य में उत्कृष्ट योगदान हेतु 2.5 लाख रुपये का बाबू बालमुकुंद गुप्त सम्मान।
सम्पर्क :
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