
झारखंड की डॉ. पार्वती तिर्की को 2025 के ‘साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार’ के लिए चयनित किया गया है। ‘फिर उगना’ हिंदी कविता के लिए उनका चयन इस पुरस्कार के लिए किया गया है। साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार, साहित्य अकादमी द्वारा 35 वर्ष से कम आयु के युवा लेखकों को 24 भारतीय भाषाओं में से किसी एक में उत्कृष्ट साहित्यिक कार्य के लिए दिया जाने वाला यह एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है। इस पुरस्कार के तहत 50 हजार रुपए कैश दिया जाता है। इसके साथ ही एक उत्कीर्ण ताम्र पट्टिका दी जाती है।
इस वर्ष डोंगरी भाषा में कोई पुरस्कार घोषित नहीं किया गया है। 23 भाषाओं के लेखकों के लिए साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार-2025 की घोषणा की गयी है। साहित्य अकादमी की ओर से जानकारी दी गयी है कि समारोह का आयोजन कर पुरस्कार दिए जाएँगे।
उल्लेखनीय है कि झारखंड की युवा कवयित्री डॉ पार्वती तिर्की को इससे पहले ‘वनमाली सृजन पीठ’ द्वारा ‘विष्णु खरे युवा कविता सम्मान 2025’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। यह सम्मान कविता के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है। अपनी कविताओं में उन्होंने आदिवासी जीवन को उकेरा है। उनकी कविताएँ वाचिक पाठ परंपरा को समृद्ध करने वाली है।
झारखंड के गुमला जिले की रहने वाली डॉ. पार्वती तिर्की रांची के रामलखन सिंह यादव कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। यूपी के बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) से हिंदी में पीएचडी हैं।