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One thought on “हिंदी दिवस विशेषांक – (दिन विशेष)”
  1. डॉ अनीता वर्मा जी नमस्कार ।
    परिश्रम पूर्वक इस अंक का सम्पादन हुआ है । साधुवाद । पत्रिका के माध्यम से देश विदेश में हिन्दी के प्रचार प्रसार से मन उत्साहित व प्रफुल्लित होता है । विदेशी धरती पर हिन्दी के बढ़ते कदम निश्चित सुखद भविष्य की बढ़ते नजर या रहे हैं । मेरा विनम्र निवेदन है कि कभी हिन्दी भाषा की अपनी कठिनाइयों पर भी चर्चा होनी चाहिए । आगत शब्दों की किस सीमा तक स्वीकार्यता उचित है ,इस पर भी विचार आवश्यक प्रतीत होता है ।
    पुन: साधुवाद ।
    डॉ वेद व्यथित

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