
17 अक्टूबर 2025, यांगून, म्यांमार।
“सीमाओं को लांघती दीपावली की ज्योति” का अद्भुत दृश्य कल यांगून के नेशनल थिएटर में देखने को मिला, जब म्यांमार-इंडिया फ़्रेंडशिप एसोसिएशन और भारत का राजदूतावास, यांगून ने संयुक्त रूप से दीपावली उत्सव का भव्य आयोजन किया। यह समारोह न केवल भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन था, बल्कि भारत और म्यांमार के बीच सद्भाव, एकता, और भ्रातृत्व की अमर भावना का प्रतीक भी बना।
कार्यक्रम में लगभग 1000 से अधिक लोगों की उपस्थिति रही — जिनमें भारतीय समुदाय, म्यांमार के प्रतिष्ठित नागरिक, शिक्षाविद, कलाकार, व्यवसायी तथा युवा वर्ग बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए। नेशनल थिएटर का विशाल सभागार दीपमालाओं की लौ, संगीत की मधुर ध्वनियों और रंगीन परिधानों से आलोकित था।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की रूपरेखा स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केन्द्र (SVCC), भारतीय दूतावास यांगून के निर्देशन में तैयार की गई थी। कार्यक्रम का प्रत्येक अंश भारतीय परंपरा, नृत्य, संगीत और कला की अनोखी झलक लिए हुए था — जो यह सन्देश दे रहा था कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा विश्व के हर कोने में प्रकाश फैला रही है।
भरतनाट्यम, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, योगिक मुद्राओं तथा लोकगीतों और बॉलीवुड की अनुपम प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच पर भारतीय संस्कृति की वह गंगा प्रवाहित होती दिखाई दी, जिसमें विविधता और एकता का अद्भुत संगम था। दर्शकों की तालियों की गूंज देर तक थियेटर में प्रतिध्वनित होती रही।





इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केन्द्र के सभी शिक्षकगण — सुश्री ललन देसाई (भरतनाट्यम), सुश्री शुभ्रा दत्ता (वोकल म्यूज़िक), और सुश्री अंकिता सूद (योग) — ने अपनी सृजनशीलता, समर्पण और उत्कृष्ट प्रशिक्षण से इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया। उनके प्रयासों से यह दीपावली न केवल सांस्कृतिक रूप से, बल्कि भावनात्मक रूप से भी सभी के लिए अविस्मरणीय बन गई।
भारत का राजदूतावास, यांगून और एमआईएफए (Myanmar India Friendship Association) ने इस आयोजन के माध्यम से एक बार फिर यह संदेश दिया कि भारत और म्यांमार का रिश्ता केवल भौगोलिक निकटता का नहीं, बल्कि साझे सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक बंधनों का है।
दीपों की यह श्रृंखला मानो दोनों देशों के बीच मैत्री की अमर ज्योति बनकर जगमगा उठी — जो आने वाले वर्षों में भी एकता, सौहार्द, और सांस्कृतिक संवाद के सेतु को और अधिक मजबूत करेगी।
यह आयोजन म्यांमार में भारत के महामहिम राजदूत अभय ठाकुर के मार्गदर्शन तथा उपराजदूत श्री आशीष शर्मा के दिशा निर्देश और प्रयासों की उसी श्रृंखला का भाग है, जो विश्व में भारत की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊँचाइयों तक ले जा रही है।
यांगून की यह दीपावली सचमुच सीमाओं से परे भारतीयता के प्रकाश का उत्सव थी — जहाँ संस्कृति ने कूटनीति को स्पर्श किया, और परंपरा ने आधुनिकता को आलोकित किया।
– आशीष कंधवे
स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र,(SVCC)
भारत का राजदूतावास, यांगून