
उत्तराखंड के राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री डी. वाई. चन्द्रचूड़, श्री किरण रिजिजू, माननीय संसदीय कार्य एवं अल्प संख्यक कार्य मंत्री भारत, श्री पृथ्वीराज सिंह रूपन, मा० पूर्व राष्ट्रपति मॉरीशस, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, स्वामी श्री अवधेशानंद गिरी, स्वामी श्री चिदानंद जी, श्री बालकृष्ण जी, जैसे विद्वान एकत्र हो रहे हैं। भारत के इन शीर्ष व्यक्तित्वों को एक साथ लाने का श्रेय पूर्व केंद्रीय शिक्षामंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ जी को है।
इस महा सम्मेलन में भाषा, कला, संस्कृति के विभिन्न आयामों पर मंथन होगा। इस सम्मेलन के विषयों में वैश्विक दौर में हिंदी, संविधान भारतीय भाषाएँ और शिक्षा नीति, भारतीय भाषा दशा और दिशा, भारत की ज्ञान परंपरा, आयुर्वेद, योग, संगीत की स्वास्थ्य में भूमिका, हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता की चुनौतियाँ, प्रवासी रचना संसार, रचनात्मक अभिव्यक्ति के विभिन्न आयाम, पर्यावरण और साहित्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी।
कला जगत की हस्तियों में पद्म विभूषित श्री जतिन दास, कैलाश खेर, प्रवासी लेखक तेजेंद्र शर्मा आदि सम्मिलित हो रहे हैं। विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलाधिपति की विशेष उपस्थिति है।
सम्मेलन में प्रसिद्ध लेखक तेजेंद्र शर्मा, डॉ लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, बुद्धि नाथ मिश्र, अनिल जोशी, डॉ सत्यकेतु सांकृत, नरेश शांडिल्य, अलका सिन्हा, जवाहर कर्नावट, अनिता वर्मा, वरुण कुमार, सुनीता पाहूजा भाग ले रहे हैं।








































