माइक्रोसॉफ्ट पावरप्वाइंट:कुछ उन्नत प्रयोग (कम्प्यूटर और भाषा पर कार्यशाला)

आज का युग सूचना प्रौद्योगिकी और नित नई तकनीकी का युग है। समय की मांग के अनुरूप वैश्विक हिन्दी परिवार द्वारा सहयोगी संस्थाओं के साथ 20 अक्तूबर 2024 को कम्प्यूटर आधारित आभासी भाषा कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत “माइक्रोसॉफ्टपावरप्वाइंट -कुछ उन्नत प्रयोग, विषय पर प्रायोगिक जीवंत प्रस्तुति हुई। मुख्य वक्ता के रूप में पधारे माइक्रोसॉफ्ट के सेंटर फॉरएक्सेलेंस की मार्केटिंग के एशिया महाद्वीप प्रमुख श्री बालेंदु शर्मा दाधीच ने बारीकियों सहित नवीनतम स्थितियों को समझाया और उन्नत प्रयोग संबंधी शंकाओं का निराकरण किया। इस अवसर पर देश-विदेश से सैकड़ों विद्वान-विदुषी, भाषा प्रेमी और तकनीकीविद तथा विद्यार्थी–शोधार्थी आदि जुड़कर ज्ञानार्जन किए।
आरम्भ में आयरलैंड से साहित्यकार एवं तकनीकीविद श्री अभिषेक त्रिपाठी द्वारा संयत भाव एवं आत्मीयता से स्वागत किया गया। तत्पश्चात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर में राजभाषा के संयुक्त निदेशक डॉ.राजीव रावत द्वारा सुप्रसिद्ध भाषा तकनीकीविद और लेखक श्री बालेंदु शर्मा दाधीच का संक्षिप्त परिचय देते हुए संचालन का दायित्व निर्वहन किया गया। सहज सुभाय के धनी श्री बालेंदु जी ने कहा कि पीपीटी सृजन एक कला भी है जिसमें सृजनकर्ता लीक से हटकर कुछ नया करने हेतु सदिच्छा रखता है और प्रायः नई बेहतर तकनीकी इस्तेमाल करना चाहता है। आजकल कृत्रिम मेधा ने इसकी संभावनाओं के असीम द्वार खोल दिये हैं। सिद्धहस्त दाधीच जी ने आवरण पृष्ठ से लेकर प्रत्येक पृष्ठ एवं स्लाइड की आधुनिक ढंग से कलात्मक सचित्र पीपीटी प्रस्तुति की सरल विधि सिखाई एवं सामग्री को समुचित स्थान पर प्रदर्शित करने का मार्ग प्रशस्त किया। इसके अंतर्गत सरल सुंदर फीचर सृजन,स्मार्ट आर्ट में बदलाव,फाण्ट परिवर्तन,रंगीन पारदर्शी लाइनों से विभाजन,पिक्चर लेआउट,विभिन्न चित्रों को लगाने का तरीका,फॉर्मेटबैकग्राउंड,स्लाइडर रंगों के नियंत्रण सहित इस्तेमाल,ग्रेडिएंट या एक रंग से दूसरे में तकनीकी बदलाव,सामग्री के साथ चित्र प्रदर्शन, विभिन्न रंगीन चित्रों का संयोजन एवं प्रदर्शन, वाम भाग में शीर्षक तथा आधुनिक तकनीकी से स्मार्ट पीपीटी बनाने के गुर सिखाये। उन्होने डॉ. रश्मि वार्ष्णेय के आग्रह पर संक्षेप में पाठ का पुनरावलोकन भी किया।

आधुनिक भाषाई तकनीकी के मर्मज्ञ श्री बालेंदु जी ने भाषाशास्त्री प्रो.वी.आर.जगन्नाथन के प्रश्नों का बेबाक विश्लेषण करते हुए वर्ड फाइल को कन्वर्ट करने के विकल्प बताए। इस अवसर पर जापान से जुड़े वैश्विक हिन्दी परिवार के मार्गदर्शक,पद्मश्री से सम्मानित प्रो. तोमियोमिजोकामि जी ने इसे युवाओं के कार्यक्रम की संज्ञा देते हुए अभिप्रेरित किया। केंद्रीय सरकार से जुड़े श्री अभिषेक प्रकाश की बदलाव संबंधी शंकाओं का भी श्री दाधीच ने स्पष्टतया निराकरण किया। इस अवसर पर अमेरिका से श्री अनूप भार्गव,कनाडा से शैलेजा सक्सेना,आशा बर्मन,विजय विक्रांत,यू.के. से अरुणा अजित सरिया,चीन से विवेक मणि,थाईलैंड से शिखा रस्तोगी,त्रिनिदाद से शर्मिला रामरतन आदि तथा भारत से मनोज श्रीवास्तव,आलोक गुप्ता,शशिकला त्रिपाठी,राजेश गौतम,हरीराम पंसारी,गुरुमूर्ति नागराज,विनयशील चतुर्वेदी,आत्माराम,के. एन. पाण्डेय, दीपक पाण्डेय,रेणु यादव, रंजन दास एवं अनिल साहू आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।


समूचा कार्यक्रम विश्व हिन्दी सचिवालय,अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद,केंद्रीय हिन्दी संस्थान,वातायन और भारतीय भाषा मंच के सहयोग से वैश्विक हिन्दी परिवार के अध्यक्ष श्री अनिल जोशी के टीम संयोजन में आयोजित हुआ। इस अवसर पर श्री जोशी जी ने श्री बालेंदु जी एवं पूरी टीम के सतप्रयत्नों की सराहना की। उन्होने यह भी अवगत कराया कि विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर आगामी 10 से 12 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में ‘अंतरराष्ट्रीय भारतीय भाषा सम्मेलन 2025’ आयोजित करने का कार्यक्रम निश्चित हुआ है जिसमें कृत्रिम मेधा पर विशेष ध्यानाकर्षण होगा। कार्यक्रम प्रमुख की सजग भूमिका का बखूबी निर्वहन ब्रिटेन की सुप्रसिद्ध प्रवासी साहित्यकार सुश्री दिव्या माथुर द्वारा शालीनता से किया गया जिससे नई तकनीकी के ज्ञान का प्रसार हुआ। उन्होने विदेश में दीवाली पर आधारित आगामी सप्ताह के कार्यक्रम से भी अवगत कराया। अरमीनिया से जुड़ी डॉ.अनीता वर्मा के कृतज्ञता ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। श्रोताओं द्वारा इस कार्यशाला की उपयोगिता की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई एवं भविष्य में भी इससे जुड़े कार्यक्रम करने की पुरजोर अपील की गई। आधुनिक तकनीकी से संबन्धित यह विशेष कार्यक्रम ‘वैश्विक हिन्दी परिवार, शीर्षक के अंतर्गत यू-ट्यूब ,पर उपलब्ध है।
रिपोर्ट लेखन – डॉ. जयशंकर यादव