लेखक ग्राम में ‘स्पर्श हिमालय महोत्सव’2024 के उद्घाटन सत्र में सम्मिलित महान विभूतिया

लेखक ग्राम,थानों,देहरादून (उत्तराखंड) ‘अंतर्राष्ट्रीय साहित्य, संस्कृति एवं कला महोत्सव’ (25 अक्टूबर)उद्घाटन-सत्र 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री रामनाथ कोविंद जी, भारत गणराज्य के माननीय पूर्व राष्ट्रपति, मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) माननीय राज्यपाल(उत्तराखंड), माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी, प्रसिद्ध विचारक और प्रेरणादायक वक्ता श्री प्रसून जोशी रहे। आदरणीय निशंक जी ने अपनी विशिष्ट उपस्थिति रही।  

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री रामनाथ कोविंद जी(भारत गणराज्य के माननीय पूर्व राष्ट्रपति) 

बधाई देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की लेखक ग्राम की कल्पना को मूर्त रूप दिया है। इस महोत्सव के आयोजन में सभी को साधुवाद देता हूँ, विशेष रूप से निशंक जी को।  अटल बिहारी वाजपेयी जी ने निशंक जी को लेखकों की पीड़ा के बारे में बताया, और निशंक जी ने लेखकों की पीड़ा को समझकर इस लेखक गांव की संकल्पना को साकार रूप देने का कार्य किया है। जहाँ लेखकों के विचारो की उड़ान को पंख मिल सके। भारतीय संस्कृति के सभी ग्रँथ लेखन का प्रमाण है, संविधान भी लेखन का प्रमाण है। मैं अपने अनुभव से यह बता सकता हूँ कि लेखन में एक शक्ति है। आप लेखन के माध्यम से आप नई ऊर्जा का संचार करते हैं। लेखन सभी विचारो को एक नयापन देता है, लेखन आत्मविश्वास भी देता हैं। निशंक जी मुझे जब भी मिलते है तभी वह मुझे अपनी एक नई किताब देते है। लेखन दिल और दिमाग को एक क्रांति प्रदान करता है। जो समाज को एक स्वच्छ विचार प्रदान करती हैं। आप यहाँ आये है तो इस लेखक गांव के बारे में तीन दिन के अनुभव को जरूर लिखे। लेखक गांव आपके अंदर की सृजन-कला को आगे बढ़ाने का कार्य करता हैं। आप आने वाली पीढ़ियों को लेखन से सभी कालों को जोड़े रखने का कार्य किया जा सकता है। लेखन सृजन के कार्य को एक शांत, हिमालय की गोद के बीच लेखक गांव का निर्माण करना ही इसे विशिष्टता प्रदान करता हैं। मुझे यह जानकार प्रसन्नता हुई कि यहाँ लेखकों के लेखन के लिए कई आयामों को इसमें शामिल किया गया है। लेखक गाँव भविष्य के साहित्यकारों को आधार प्रदान करता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह महोत्सव से अमृत निकलेगा, जो भारत को विश्व गुरु के पटल तक ले जाने में सहायता करेगा।

मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त)  ने कहा कि आज के कार्यक्रम की गूंज बहुत दूर तक जाएगी। इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव ने लिखने की धारणा को विशेष आधार दिया है। लेखक गांव प्रभु का आशीर्वाद है। यह गांव पूरे विश्व मे एक नई दिशा देंगे। लिखने की कला अपने आप में बहुत अलग है। इस गांव के लेखन से कई सबद उत्पन्न होंगे। वह सबद दुनिया को नयापन देंगे। इस महोत्सव ने एक परिवार बनाया है। यह परिवार हमेशा फैलता जाएगा। मैं यहाँ पर आयी हर आत्मा के अंदर सृजन, लेखन के तत्व शामिल है। जो समाज मे हर जगह अपनी बात को पहुँचाएगी। हमारी संस्कृति और साहित्य को सुदृढ़ करने का प्रयास होगा। उत्तराखंड की कई विभूतियों की आत्मा को आज गर्व का अनुभव हो रहा होगा। मुख्यमंत्री जी इस प्रदेश में पूरी दुनिया को यहाँ निवेश के लिए ला खड़ा कर दिया है। इस निवेश की गाथा को भी लेखन के कार्य से लिखा जाना चाहिए। इस महोत्सव के तीन दिन अपने आप में एक नया अध्याय लिखेंगे। यहाँ होने वाले सभी विचार विमर्श नई पीढ़ी को नये शोधों के लिए आमंत्रित करेगी। 

माननीय मुख्यमंत्री, उत्तराखंड श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने साहित्य संगीत व कला विहीन मनुष्य पशु समान है। देवभूमि उत्तराखण्ड संस्कृति व सभ्यता की केंद्र भूमि है। लेखक गांव एक ऐतिहासिक कार्य है। सभी उपस्थित आये हुए सभी विद्वतजनों का इस महोत्सव में स्वागत करता हूँ। इस अदभुत देवभूमि ने समाज को कई ग्रन्थ, विचार दिये है। उत्तराखंड में हर स्थान अपने आप में डेस्टिनेशन है। जो पूरे विश्व मे लोकप्रिय है। एक लेखक के अंदर विचार पनपने के लिए सोंदर्य का भाव होना, वातावरण की शुद्धता होना, शांति होना, यह सब लेखक गांव में आपको प्राप्त होगा। यह महोत्सव वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करेगा। लेखकों की रचनायें समाज मे प्रेरणा देने का करती है।

प्रसून जोशी जी के कहा कि तकनीकी सुविधाओं को भी लेखक गांव की जड़ में समाहित करना चाहिए। पहाड़ो ही नही पूरे देश का सबसे विकसित गांव के रूप में इसका नया अध्याय लिखा जाएगा।

स्वामी अवधेशानंद जी ने कहा कि इस लेखक गांव में मनुष्य को श्रेष्ठ बनाने के क्रम में एक बेहतर प्रयास का प्रभावी प्रारम्भ है। इस लेखक गांव में हर एक व्यक्ति का सम्मान है जो लिखने पढ़ने के साथ विचारो को समाज के बीच मे ले जाने का कार्य करेगा। पुस्तकें सभी के जीवन में प्रकाश का काम करती है। इसी प्रकार लेखक गांव भी समाज मे प्रकाश का कार्य करेगा।

पूर्व शिक्षा मंत्री व लेखक श्री रमेश निशंक पोखरियाल ने कहा पैंसठ देशों के लोग यहाँ पर हैं और इस लेखक ग्राम का सौभाग्य है कि सबका आशीर्वाद लेखक ग्राम को मिला। मैं अभिनन्दन करता हूँ सभी अतिथियों का जिनके संकल्प से यह गाँव पुलकित हो गया है। मुझे विश्वास है कि अटल जी की पीड़ा से जन्मा ये ग्राम लेखक गॉंव लेखकों की परिकल्पना को साकार करेगा। NEP 2020 को लेकर देश के सभी विशिष्ट व्यक्तियों को संवाद के लिए एकत्रित करने का कार्य किया था।  भारत को विश्व गुरु तक ले जाने में लेखक गांव अपना सहयोग प्रदान करेगा। यहाँ आये हुए सभी का अभिनंदन करता हूँ।

कार्यक्रम में देश-विदेश के विद्वानों बुद्धिजीवियों ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज की। वैश्विक हिंदी परिवार के अध्यक्ष अनिल जोशी, सरोज जोशी जी, बुद्धिनाथ मिश्र जी, कवि नरेश शांडिल्य, कवयित्री अनीता वर्मा(पूर्व में अरमीनिया व रोमानिया), अमेरिका से अनिता कपूर, लंदन से जय वर्मा, लंदन से तेजेंद्र शर्मा, श्री जूरी(यूक्रेन), श्री बी.एल.गौड़ जी, उत्तराखंड से डॉ योगेन्द्र नाथ शर्मा ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज की। 

दिल्ली से कवयित्री डॉ नीलम वर्मा, श्री विनयशील चतुर्वेदी जी ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज की। हैदराबाद से संध्या दास, दिल्ली से मीनाक्षी यादव, डॉ विवेक व डॉ राजेश कुमार मांझी, डॉ मनीष जी रहे।

कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्री अलका सिन्हा(लेखिका) ने किया।

रिपोर्ट – अनीता वर्मा

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