
कुवैत में ‘भारत मेला’ का भव्य आयोजन
“भारत मेला आयोजन ने गढ़ी नई इक रीत है ।
भारत और कुवैत देश में बढ़ी अनोखी प्रीत है ।।”
कुवैत एक ऐसा खाड़ी देश जहाँ प्रवासियों के रूप में भारतीय समुदाय की संख्या सबसे अधिक है, जो कि अपने गरिमामय व्यक्तित्व और विश्वसनीयता के लिए विश्व भर में जाने जाते हैं और ऐसे देश में “भारत मेला” आयोजन ने न केवल विभिन्न भारतीय प्रदेशों के निवासियों के बीच में मित्रता और संबंध को मजबूती प्रदान की अपितु भारत और कुवैत के बीच के संबंधों में प्रगाढ़ता लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।

भारत के विदेश मंत्रालय की प्रवासियों के साथ सांस्कृतिक गठबंधन को बढ़ावा देने की योजना के तहत 15 फरवरी 2025 को कुवैत में बुलीवर्ड क्रिकेट स्टेडियम, सालमिया में “भारत मेला” का आयोजन कुवैत में स्थित भारतीय दूतावास द्वारा किया गया, जिसका उद्घाटन कुवैत में भारतीय राजदूत माननीय डॉ. आदर्श स्विका और पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी एम.एस.के. प्रसाद और वी. राजू द्वारा भव्य समारोह में किया गया, जो प्रातः काल 11:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक लगातार जारी रहा, जिसमें लगभग 700 भारतीयों ने पारंपरिक वेशभूषा में अनवरत अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा की अनूठी और कालजई प्रस्तुतियाँ प्रस्तुत कर कुवैत में भारतीय कला और संस्कृति को फैलाने का अभूतपूर्व कार्य किया, जिसमें नृत्य, नृत्य- नाटिका, गीत, संगीत और पाक व्यंजन सम्मिलित थे। इस भारत मेला को नाम दिया गया “भारतीय स्वाद संगीत और रीतियों का पर्व” जिसमें 700 से अधिक कलाकारों ने विभिन्न कलाओं की रोचक और संगीतमय प्रस्तुति देकर लगभग 7000 दशकगण को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भारत मेला स्थल पर 25 भिन्न-भिन्न प्रकार के स्टाल लगे थे जिसमें विभिन्न भारतीय व्यंजन को पारंपरिक तरीके में बनाया और परोसा जा रहा था और साथ ही भारतीय प्राकृतिक, आयुर्वेद तथा हस्त निर्मित वस्तुओं और वस्त्र का भी प्रदर्शन शामिल था।
अनेक कार्यकर्ताओं के अलावा भारतीय मूल की निवासी राइटर फोरम, कुवैत की सदस्य कवयित्री, लेखिका, समीक्षक सुश्री संगीता चौबे पंखुड़ी का कार्यक्रम संयोजक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान रहा।

भारत मेला को उत्साही भारतीय प्रवासियों, राजदूत, राजनीतिक प्रतिनिधियों एवं भारतीयों के मित्र जो कुवैत में रह रहे हैं, द्वारा बहुत सराहा गया।
यह महोत्सव कुवैत एवं भारत दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों की प्रगाढ़ता का ठोस संकेत देता है।

रिपोर्ट : संगीता चौबे पंखुड़ी, कुवैत