
लेखक – पारिक्षित देवरे
Chantily (Virginia) स्थित इंडिया कल्चरल एंड स्पिरिचुअल सेंटर में इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस सिर्फ तिरंगे और देशभक्ति के नारों तक सीमित नहीं रहा। यह अवसर बना भारतीय पहचान, नागरिक जिम्मेदारी और रचनात्मक ऊर्जा का वैश्विक संवाद। गूँज रही थी “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा” की स्वर लहरियाँ, और उसी के बीच दो मुख्य आयोजन सबके आकर्षण का केंद्र बने – महिला उद्यमिता प्रदर्शनी और कवि सम्मेलन।
महिला उद्यमिता – आत्मनिर्भरता का उत्सव
इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस उत्सव का एक बड़ा आकर्षण रहा Women’s Expo, जिसने महिला उद्यमिता की शक्ति को उजागर किया। यह आयोजन केवल व्यापारिक प्रदर्शनी नहीं था, बल्कि महिला आत्मविश्वास, नवाचार और आत्मनिर्भरता का सशक्त उदाहरण था। प्रत्येक स्टॉल केवल उत्पादों का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि उसमें स्वावलंबन और रचनात्मकता की कहानी दर्ज थी।
अनिता देहकन | TitanProz LLC
इस प्रदर्शनी में वर्जीनिया-स्थित मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनी TitanProz LLC ने भी हिस्सा लिया। इसकी स्थापना कंपनी की President और CEO अनिता देहकन ने की है।
TitanProz छोटे और मध्यम व्यवसायों को विकास में मदद करती है | बिज़नेस असेसमेंट, रणनीतिक योजना (strategic planning), प्रोसेस ऑटोमेशन और AI-आधारित समाधान जैसी सेवाएँ प्रदान कर। कंपनी का उद्देश्य है ग्राहकों को रणनीति, नवाचार और दक्षता के ज़रिए आगे बढ़ाना।
नंदिनी सेल्वम | South Asian Herald
South Asian Herald, एक ऑनलाइन समाचार मंच, की अगुवाई कंपनी की CEO नंदिनी सेल्वम करती हैं। यह मंच दक्षिण एशियाई प्रवासी समुदाय की कहानियों को प्रस्तुत करने के साथ-साथ व्हाइट हाउस, अमेरिकी कांग्रेस, संयुक्त राष्ट्र और प्रमुख वैश्विक वित्तीय संस्थानों तक की कवरेज करता है।
मंच का सिद्धांत है: “सूचित करना, प्रभावित नहीं करना”। केवल एक वर्ष में ही यह प्लेटफ़ॉर्म संतुलित और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए ख्याति प्राप्त कर चुका है, और इस Expo में इसकी उपस्थिति इस बात का परिचायक रही कि यह प्रवासी भारतीयों के लिए एक विश्वसनीय आवाज़ है।
पद्मा प्रिया | MildSpicyCreations / DSquareGiftShop
पद्मा प्रिया के उद्यम MildSpicyCreations और DSquareGiftShop ने आकर्षक और व्यक्तिगत डिज़ाइन वाले उत्पादों से विशेष ध्यान खींचा। उनके संग्रह में शामिल थे: कस्टमाइज्ड फोन केस, स्पेशल डिज़ाइन वाले मग, ड्रिंकवेयर, त्योहारों पर आधारित प्रिंटेबल्स, फ्रेम–टीवी आर्टवर्क, और व्यावहारिक वस्तुएँ जैसे स्क्रंची, जूट बैग और इको–फ्रेंडली टोट्स।
इसके अलावा वे व्यक्तिगत संदेशों और डिज़ाइन से सजी टी–शर्ट्स भी तैयार करती हैं, जो रचनात्मकता और उपहार परंपरा को जोड़कर यह बताती हैं कि उद्यमिता उतनी ही व्यक्तिगत हो सकती है जितनी वैश्विक।
स्मिता जैन | WeavesTalk
WeavesTalk की स्थापना स्मिता जैन ने की है, और यह महिला-स्वामित्व वाला व्यवसाय भारत की हस्तकरघा परंपरा (handloom heritage) को आगे ले जाने के लिए समर्पित है।
यहाँ प्रदर्शित संग्रह में शामिल थीं बनारसी, कांजीवरम, गढ़वाल, इक्कत, जामदानी, कांथा, मधुबनी, बटिक, अजरख, tussar जैसी साड़ियाँ, साथ ही प्री–स्टिच्ड ब्लाउज़, जयपुरी ब्लॉक प्रिंट सूट, कुर्तियाँ, जैकेट्स और हाथ की कढ़ाई वाले दुपट्टे।
उनका प्रयास कारोबार से आगे जाकर भारतीय कला और शिल्प की निरंतरता को दर्शाता है।
श्रीजना उप्रेती | Shree Vedic Wellness
इस Expo का अहम हिस्सा रहा Shree Vedic Wellness, जिसका संचालन करती हैं श्रीजना उप्रेती। यह वेलनेस सेंटर सभी आयु समूहों के लिए समग्र स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करता है।
यहाँ ऑनलाइन और प्रत्यक्ष सत्रों के माध्यम से महिला, पुरुष, किशोर और बच्चों को सहायता दी जाती है – मेनोपॉज़, हृदय स्वास्थ्य, हॉरमोन संतुलन, तनाव, मानसिक एकाग्रता और जीवनशैली प्रबंधन जैसे विषयों पर। सेवाओं में शामिल हैं पर्सनलाइज़्ड डाइट प्लान, योग, ज़ुम्बा, मेडिटेशन और आयुर्वेदिक/हर्बल सुझाव।
बारबरा मोस्ले–मार्क्स | Universal Peace Federation (UPF)
Universal Peace Federation (UPF), जिसका नेतृत्व बारबरा मोस्ले–मार्क्स करती हैं, ने भी Expo में भागीदारी की। UPF एक वैश्विक अंतर्धार्मिक संगठन है जो विश्व शांति को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है।
यह संगठन अंतरधार्मिक संवाद, शांति शिक्षा और पारिवारिक सशक्तिकरण जैसे प्रयासों के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों के अनुरूप काम करता है। इस अवसर पर संगठन की उपस्थिति ने यह रेखांकित किया कि सामुदायिक सहयोग और शांति–निर्माण स्वतंत्र समाज की नींव हैं।
शुभ्रा श्रीवास्तव | Simplified Financials
Simplified Financials, जिसका नेतृत्व शुभ्रा श्रीवास्तव करती हैं, प्रवासी समुदाय को डिफेंसिव फाइनैंशल प्लानिंग और वेल्थ मैनेजमेंट में मार्गदर्शन देती है।
उनकी टीम ने यह रेखांकित किया कि परिवारों और व्यवसायों के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा और तैयारी कितनी आवश्यक है। इस अवसर पर उन्होंने आगामी 28 अगस्त को आयोजित होने वाले “Wills and Trusts” वेबिनार की घोषणा भी की।
उनकी सहभागिता ने यह बात स्पष्ट की कि स्वतंत्रता का अर्थ केवल वर्तमान अवसर नहीं, बल्कि भविष्य की तैयारी भी है।
इस Women’s Expo ने स्पष्ट किया कि भारतीय मूल की अमेरिकी महिलाएँ केवल उद्यमी नहीं, बल्कि उद्यमिता के विविध आयामों की प्रतिनिधि हैं:
- कोई व्यवसायों को मार्गदर्शन दे रही है,
- कोई समाचार को विश्वसनीय आवाज़ बना रही है,
- कोई रचनात्मकता और मेहनत से छोटे व्यापार को पहचान दिला रही है,
- कोई भारतीय पारंपरिक शिल्प को जीवित कर रही है,
- कोई समुदाय को स्वास्थ्य और कल्याण की ओर ले जा रही है,
- कोई विश्व शांति का संदेश दे रही है,
- और कोई प्रवासी समाज को आर्थिक सुरक्षा की तैयारी सुझा रही है।
हर नाम, हर स्टॉल इस Expo का हिस्सा बनकर यह साबित करता है कि महिला उद्यमिता केवल अवसर की तलाश नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और जिम्मेदारी का प्रतीक है।
कवि सम्मेलन – भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का उत्सव
Women’s Expo के साथ-साथ आयोजन का दूसरा प्रमुख आकर्षण था कवि सम्मेलन, जो भारत की सबसे प्रिय सांस्कृतिक परंपराओं में से एक “कविता “ को समर्पित था।
इस कवि सम्मेलन में भारत और प्रवासी भारतीय दोनों समुदायों से आए कवियों ने स्वतंत्रता को केवल एक ऐतिहासिक विजय के रूप में नहीं, बल्कि वर्तमान की ज़िम्मेदारी के रूप में पुनः कल्पना की। उनकी कविताओं में प्रवासन, अपनापन, और भारत तथा उसकी वैश्विक संतानों को जोड़ने वाले साझा संबंधों के विषय प्रमुख थे।
अमेरिका में रह रहे श्रोताओं के लिए यह एक याद दिलाने वाला क्षण था कि सांस्कृतिक अभिव्यक्ति भौगोलिक सीमाओं से परे होती है; विदेश में बसे भारतीयों के लिए कविता वह जोड़ है जहाँ अतीत की जड़ें भविष्य के सपनों से मिलती हैं।
इस सम्मेलन ने स्वतंत्रता दिवस की गरिमा को और गहराई दी। यहाँ एक प्रभावशाली कवि-मंडली एकत्र हुई, जिनके कार्य और पृष्ठभूमियाँ प्रवासी साहित्यिक परंपरा की विविधता और गहराई को दर्शाती हैं:
- अनुराग शर्मा: कवि और Setu Magazine के संपादक, जो प्रवासी साहित्य में एक सम्मानित नाम है।
- हरीश नवल: प्रतिष्ठित कवि और व्यंग्यकार, जिन्हें 12 राष्ट्रीय स्तर के साहित्यिक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिनमें युवा ज्ञानपीठ पुरुस्कार भी शामिल है।
- डॉ. अब्दुल्ला: अलीगढ़ एलुमनी एसोसिएशन के सह-संस्थापक और साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से लंबे समय से जुड़े।
- धनंजय कुमार: विख्यात कवि, शिक्षाविद, योगाचार्य – आधुनिक हिंदी साहित्य में अपने योगदान के लिए पहचाने जाते हैं।
- शशि पाधा: प्रतिष्ठित लेखिका और कवयित्री, जिनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
- मधु महेश्वरी: अनुभवी हिंदी अध्यापिका और सक्रिय साहित्यकार।
- आस्था नवल: हिंदी साहित्य में पीएचडी, कई प्रकाशित कृतियों और साहित्यिक पत्रिकाओं में योगदान देने वाली युवा लेखिका-कवयित्री।
कार्यक्रम आगे और समृद्ध हुआ जब मंच पर आए:
- उदय कमाठ: प्रसिद्ध कवि और संगीतज्ञ, जो अपनी उर्दू नज़्मों और ग़ज़लों के लिए जाने जाते हैं।
- स्नेहसुधा नवल: सेवानिवृत्त हिंदी प्रोफ़ेसर और साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय कवयित्री।
- मनीष दुबे: आईटी पेशेवर और समकालीन कविता में एक उभरती हुई आवाज़।
- भुवनपति शर्मा: भावपूर्ण और गीतात्मक कविता के लिए पहचाने जाते हैं।
- नीलिमा रवि: प्रवासी सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय और साहित्य से गहराई से जुड़ी हुईं।
- विनीता तिवारी: कवयित्री, शिक्षिका और नृत्यांगना, जिन्हें उनकी संवेदनशील और भावनात्मक अभिव्यक्ति वाली कविताओं के लिए सराहा जाता है।
- विशाखा ठाकुर: वैज्ञानिक, लेखिका और कवयित्री — जो विज्ञान और साहित्य को जोड़कर अपनी कविताओं में विशिष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं, ख़ासकर डीसी क्षेत्र में।
इन कवियों की पंक्तियों और स्वर ने स्वतंत्रता के आदर्शों में नई ऊर्जा भर दी।
उन्होंने प्रवासन, पहचान और अपनत्व जैसे विषयों को गहराई से उठाते हुए यह सिद्ध किया कि कविता आज भी जड़ों और प्रवासी समुदायों को एक-दूसरे से जोड़ने में अद्वितीय सेतु बनी हुई है।
वैश्विक दृष्टिकोण और समापन
एक वैश्विक दृष्टिकोण से देखें तो इस दिन के उत्सव का सबसे बड़ा संदेश यह था कि भारत की स्वतंत्रता केवल भारत की कहानी नहीं है, यह मानवता की कहानी है।
यह कहानी है
- अपनी पहचान पाने के साहस की,
- नवाचार और आत्मनिर्भरता की दृढ़ निष्ठा की,
- और एक समावेशी भविष्य की कल्पना करने की शक्ति की।
अमेरिका जैसे विविधता-प्रधान देश में, जहाँ विविधता चुनौती भी है और शक्ति भी, ऐसे आयोजन यह रेखांकित करते हैं कि प्रवासी समुदाय न केवल अपनी विरासत से जुड़े रहते हैं, बल्कि अपने नए समाज की नागरिक और सांस्कृतिक संरचना को भी समृद्ध करते हैं।
इस स्वतंत्रता दिवस, आज़ादी की गूंज केवल अतीत की यादों में नहीं, बल्कि भविष्य की उम्मीदों और नए सपनों में भी सुनाई दी।
- महिला उद्यमियों ने बताया कि स्वतंत्रता का अर्थ है – आर्थिक अवसर, स्वामित्व और आत्मनिर्भरता।
- कवियों ने याद दिलाया कि स्वतंत्रता का स्थान शब्दों में भी है – बोलने के साहस और बेहतर कल की कल्पना करने की शक्ति में।
और जब अमेरिकी आकाश में भारतीय रंग जगमगाए, तो यह केवल एक राष्ट्र के अतीत की झलक नहीं थी। यह वह साझा वैश्विक भविष्य था जिसे हम सबको साथ मिलकर गढ़ना है।
