
नई दिल्ली/ मारीशस, ” देश विदेश में नागरी लिपि का प्रचार प्रसार करने वाली प्रतिनिधि संस्था नागरी लिपि परिषद के महामंत्री और न्यूयॉर्क अमेरिका से प्रकाशित वैश्विक हिंदी पत्रिका सौरभ के संपादक डॉ हरिसिंह पाल ने विश्व हिंदी सचिवालय, मारीशस द्वारा ‘हिंदी में अभिव्यक्ति’ विषय पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए नागरी लिपि और हिंदी भाषा को भारतीयता का पर्याय बताया। विश्व हिंदी सचिवालय की महासचिव डॉ माधुरी रामधारी ने स्वागत भाषण विषय प्रवर्तन प्रस्तुत किया। अंतरराष्ट्रीय हिंदी संगठन, नीदरलैंड्स की अध्यक्ष डॉ ऋतु शर्मा ननंन पांडे के कुशल संचालन में संयुक्त अरब अमीरात, कतर और थाईलैंड के विद्यार्थियों और अध्यापिकाओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। यूएई की आयशा खानम, कतर की विनीता कंवर राठौर और थाईलैंड की डॉ पद्मा स्वांगश्री ने अपने अपने हिंदी शिक्षण के नवाचार साझा किए।
महासचिव डॉ माधुरी रामधारी ने बताया कि विश्व हिंदी सचिवालय विश्व भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए इस तरह अनवरत कार्यक्रम आयोजित करता रहता है।
इस समारोह में आभासी माध्यम से अनेक हिंदी और नागरी लिपि प्रेमी विद्वानों की उपस्थिति रही।


