युवाओं को भाषा के प्रति उन्मुख करने और पूरे भारत को एक राष्ट्रीय एकता के सूत्र में पिरोने का अथक प्रयास करने के लिए 7 सितंबर, 2025 को संगोष्ठी की गई। यह संगोष्ठी वैश्विक हिंदी परिवार द्वारा विश्व हिंदी सचिवालय, केंद्रीय हिंदी संस्थान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद्, वातायन तथा भारतीय भाषा मंच के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई। कार्यक्रम दो स्तरों पर समानांतर था। एक राजभाषा विभाग की स्वर्ण जयंती एवं वहीं दूसरी ओर हिंदीतर भाषी राज्यों के युवा वर्ग को साथ लेकर चलना। इस वर्ष राजभाषा विभाग स्वर्णिम 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में “राजभाषा विभाग स्वर्ण जयंती” समारोह मना रहा था। ऐसे में वैश्विक हिंदी परिवार के रविवार के ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से राजभाषा विभाग की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में हिंदीतर भाषी राज्यों के युवाओं के लिए निःशुल्क ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजन के संबंध में वेब संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी के अध्यक्ष शिक्षा संस्कृति न्यास के संयोजक श्री ए. विनोद ने इस प्रतियोगिता की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान में ऐसे ही प्रतियोगिता की आवश्यकता है जिसमें सभी भारतीय प्रांतों को साथ जोड़ पाए।

बीज व्यक्तव्य हेतु पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. सोमा बंद्योपाध्याय ने कहा कि 1910 में रविंद्रनाथ टैगोर जी की सुंदरदास ग्रंथावली पुस्तक की भूमिका के कथन “हिंदी एक दिन अपने आंतरिक बल पर ही पूरी दुनिया को जीत लेगी और सारी भारतीय भाषाएँ यदि नदियाँ हैं तो हिंदी महानदी है।” इसके साथ ही उन्होंने युवाओं के लिए आयोजित इस ऑनलाइन नि:शुल्क प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन हिंदी सहित सभी भाषाओं को साथ लेकर चलने का एक अथक प्रयास कहते हुए प्रशंसा की।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक डॉ. सुनील कुलकर्णी जी ने हिंदीतर भाषी राज्यों के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता की सराहना की एवं उन्होंने इस बात पर अपनी सहमति दी की केंद्रीय हिंदी संस्थान भी वैश्विक हिंदी परिवार सहित इस प्रतियोगिता में सहयोगी है। 

विशिष्ट अतिथि के रूप में इस मंच की शोभा तमिलनाडु की विदुषी डॉ राजलक्ष्मी कृष्णन् ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं के साथ ही अनेकता में एकता संभव है। पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के समकुलपति डॉ.किरन हजारिका ने भी पंजाब के प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता हेतु सहयोग की पूर्ण सहमति प्रदान की।

हिंदी-मलयालमय साहित्यकार डॉ. के सी अजय कुमार ने भाषा के महत्व को समझाते हुए इस कथन पर बल दिया कि भारत में यदि कोई युवा पाँच भाषाएँ जानता हो तो उसे सरकार द्वारा अवश्य ही भाषा पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए। भारतीय भाषा मंच के संयोजक डॉ राजेश्वर ने कहा कि भविष्य में इस तरह की प्रतियोगिता पूर्ण भारत में भी की जा सकती है जो हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में सहायक सिद्ध होंगी।

भाषा विश्वविद्यालय हैदराबाद की प्रो. कोकिला कालेकर ने इतिहास का उदाहरण देते हुए कहा कि सुभाष चंद्र बोस जी ने स्वयं हिंदी सीखने का एक सफल प्रयत्न किया था। महाविद्यालय अध्यक्ष एवं अनुवादक कर्नाटक डॉ.मैथिली पी.राव ने भी भारतीय एकता में अनुवाद की महत्ता को बताते हुए कहा कि हिंदीतर भाषी युवाओं के लिए यह प्रतियोगिता एक अद्वितीय पहल है और कर्नाटक राज्य हेतु सभी युवाओं को साथ लाने हेतु कहा कि वह स्वयं भी इस प्रतियोगिता हेतु पूर्ण सहयोग देंगी। पुणे से साहित्यकार स्वरांगी साने ने अपने विचार रखते हुए कहा कि महाराष्ट्र में भी भाषा विवाद की छोटी घटनाओं को अधिक उजागर किया जाता है जबकि सभी भाषाओं को लेकर यहाँ सभी सहयोगी है।

कवि एवं वैश्विक हिंदी परिवार के अध्यक्ष अनिल जोशी के सानिध्य में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। उन्होंने अपने व्यक्तव्य में इस बात विशेष बल दिया कि वर्तमान समय में ऐसी प्रतियोगिता युवाओं को हिंदी भाषा एवं संस्कृति की ओर उन्मुख करेंगी एवं सभी प्रांत संयोजकों से मिलने वाला सहयोग इस प्रतियोगिता आयोजन के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करेगा। अतिथियों का स्वागत कर प्रतियोगिता के नियम एवं इस प्रतियोगिता के आयोजन की मुख्य बातों पर जहाँ सुश्री नर्मदा कुमारी ने प्रकाश डाला वहीं तकनीकी संबंधित जानकारी भाषा सेवी श्री उमेश कुमार प्रजापति ने दी। उन्होंने पीपीटी के माध्यम से सबको यह बताया कि प्रतियोगिता हेतु किस प्रकार रजिस्ट्रेशन करके प्रश्न बैंक प्राप्त करना है और प्रतियोगिता को किस प्रकार आयोजित किया जाएगा। मंच का सफल संचालन बैंक से सेवानिवृत सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) अधिकारी डॉ.वी.वेंकटेश्वर राव द्वारा किया गया।

देश के विभिन्न राज्यों से जुड़े भाषा एवं साहित्य प्रेमी, वि‌द्वानजन एवं विदेशों में अलग-अलग समय होते हुए सभी व्यस्तता से समय निकालकर जुडे प्रबुद्धजन, युवावर्ग, ऑनलाइन एवं यूट्यूब द्वारा जुड़े सभी लोगों की उपस्थिति ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर चार चाँद लगा दिए।

रिपोर्ट- सुश्री स्वरांगी साने

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