“मुझे लिखना बहुत था बहुत कम लिख पाया, मैंने देखा बहुत, सुना भी मैंने बहुत, महसूस भी किया बहुत, लेकिन लिखने में थोड़ा ही लिखा। कितना कुछ लिखना बाकी है…. इस बचे हुए को मैं लिख लेता अपने बचे होने तक।”

नीचे का लिंक दबाएं

https://www.facebook.com/share/v/18diLrN14f

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate This Website »