श्रीमती रोहिणी रामरूप पुनः बनीं हिंदी प्रचारिणी सभा, मॉरीशस की अध्यक्ष

हिंदी प्रचारिणी सभा मॉरीशस
Hindi Pracharini Sabha Mauritius
पता:
Hindi Bhawan Road, Long Mountain, Mauritius
http://www.hindipracharinisabha.com
Phone: (230) 245 2112

श्रीमती रोहिणी रामरूप
अध्यक्ष – हिंदी प्रचारिणी सभा – मॉरीशस
हमें यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि श्रीमती रोहिणी रामरूप को एक बार फिर हिंदी प्रचारिणी सभा, मॉरीशस की अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया है। यह उनका लगातार दूसरा कार्यकाल होगा।
सभा के चुनाव हाल ही में निर्वाचन कार्यालय द्वारा आयोजित किए गए, जिसमें 12 सदस्यों का बोर्ड चुना गया। इस बोर्ड ने सर्वसम्मति से श्रीमती रोहिणी रामरूप को अध्यक्ष पद के लिए पुनः चुना। यह पुनः निर्वाचन उनके कुशल नेतृत्व, समर्पण और हिंदी भाषा तथा संस्कृति के प्रति उनके दीर्घकालिक योगदान को मान्यता देता है।
अपने पिछले कार्यकाल में उन्होंने हिंदी प्रचारिणी सभा की गतिविधियों को नई दिशा दी और विशेष रूप से युवा पीढ़ी में हिंदी के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ाने के लिए अनेक नवाचार किए।
हिंदी प्रचारिणी सभा: मॉरीशस में हिंदी की जननी
12 जून 1926 को “तिलक विद्यालय” के नाम से स्थापित और बाद में 26 दिसंबर 1935 को “हिंदी प्रचारिणी सभा” के रूप में पंजीकृत यह संस्था मॉरीशस की एक प्रमुख सांस्कृतिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्था है। इसका आदर्श वाक्य है — “भाषा गयी तो संस्कृति गयी”।
सभा का संचालन संसद में पारित वर्ष 2004 के एक्ट, अनुच्छेद 36 के अंतर्गत होता है। यह संस्था 12 सदस्यों के एक बोर्ड द्वारा शासित होती है, जिनका चुनाव मॉरीशस के निर्वाचन कार्यालय द्वारा कराया जाता है। निर्वाचित बोर्ड ही सभा के प्रमुख पदाधिकारियों का चयन करता है — जिनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सह सचिव और कोषाध्यक्ष शामिल हैं। सभा की गतिविधियों में सहयोग हेतु सहयोजित सदस्यों की भी नियुक्ति की जाती है।
सभा की प्रमुख गतिविधियाँ:
- हिंदी शिक्षण
- भारतीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
- साहित्यिक कार्यशालाएँ और प्रतियोगिताएँ
- माध्यमिक स्तर की परीक्षाएँ (परिचय से उत्तमा भाग 3 तक), जो प्रयागराज, भारत स्थित हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रमाणित होती हैं
सभा की विशेषताएँ:
- मॉरीशस में हिंदी शिक्षा प्रदान करने वाली सभी संस्थाओं की जननी
- पूरे द्वीप में स्थित 4 सक्रिय शाखाएँ
- लगभग 250 सांयकालीन और सप्ताहांत के स्कूल
- 300 शिक्षक और 20 निरीक्षक
- हिंदी में डिप्लोमा माने जाने वाले “उत्तमा भाग 3” प्रमाणपत्र का संचालन


उल्लेखनीय है कि हिंदी प्रचारिणी सभा एक आत्मनिर्भर संस्था है, जिसकी आय का प्रमुख स्रोत कुछ भूखंडों के पट्टे से प्राप्त धन है। सीमित संसाधनों में कार्य करते हुए भी यह संस्था मॉरीशस में हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति के संरक्षण और प्रचार में सतत संलग्न है।
श्रीमती रोहिणी रामरूप जी को वैश्विक हिंदी परिवार की ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
रिपोर्ट – सुनीता पाहूजा, सदस्य, वैश्विक हिंदी परिवार