राजनौता में पुस्तक ‘बोलती आँखें’ एवं ‘म्हीनां री मनवार’ लोकार्पण एवं काव्य संगोष्ठी का आयोजन

शाहपुरा-स्व. श्री रामजीलाल एवं श्रीमती भगवती की स्मृति में राजकीय सेठ मदनलाल विजयवर्गीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजनौता में पुस्तक लोकार्पण एवं काव्य संगोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार कल्याण सिंह शेखावत के संयोजन में किया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली के प्रख्यात कवि एवं लेखक अनिल जोशी, विषिष्ठ अतिथि नरेश शांडिल्य, प्रसिद्ध कवि एवं दोहाकार, अतिथि रामस्वरूप रावतसरे लेखक, पत्रकार शाहपुरा, संकल्प जोशी अभिनेता मुंबई तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय प्रधानाचार्य सरजीत सिहं शेखावत ने की।

कार्यक्रम की शुरूआत स्व. श्री रामजीलाल एवं श्रीमती भगवती देवी के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर की गई। विद्यालय के प्रधानाचार्य सरजीत सिहं शेखावत द्वारा सभी आगंतुकों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के संयोजक कल्याण सिंह शेखावत द्वारा अतिथियों का विस्तृत परिचय कराया गया। इसके बाद रामस्वरूप रावतसरे ने कार्यक्रम के आयोजन के उदेश्य को लेकर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के तहत उमेश चन्द्र ‘चन्दर’ की पुस्तक ‘बोलती आँखें’ एवं गिरधारी सिंह  ‘गिरधर’ की पुस्तक ‘म्हीनां री मनवार’ का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। इस विमोचन के अवसर पर मुख्य अतिथि दिल्ली के प्रख्यात कवि एवं लेखक अनिल जोशी ने कहा कि उमेश चन्द्र ‘चन्दर’ का ग़जल संग्रह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि आम लोगों की धारणा रहती है कि महानगरों में रहने वाले लेखक अच्छा लिखते है। लेकिन मैंने जब उमेश चन्द्र जी के संग्रह को पढा तो लगा कि जिन्हें हम गांव कहते है वहां भी महानगरों से अच्छा और श्रेष्ठ लेखकीय सर्जन हो रहा है। जिसका प्रमाण आज लोकार्पित की गई दोनों पुस्तकों के लेखक है। श्री जोशी ने यह भी कहा कि आने वाले समय में हम सब मिलकर साहित्यकार का समागम आयोजन इसी क्षेत्र में करेगें। जिसमें देश विदेश के साहित्यकार उपस्थित होंगे। उन्होंने कहा कि शाहपुरा, पावटा, कोटपूतली, बहरोड़, राजनोता में साहित्य सृजन की अपार संभावनाएं है। इस अवसर पर श्री जोशी जी ने अपनी प्रसिद्ध कविताएं सुना कर श्रोताओं को आत्म विभोर कर दिया।

विषिष्ठ अतिथि नरेश शांडिल्य, प्रसिद्ध कवि एवं दोहाकार ने अपने उद्बोधन में कहा कि अनिल जोशी का पैतृक गांव राजनोता है तो मेरा बहरोड़ है। हम बरसों से दिल्ली में रह रहे है लेकिन हमारी जड़े गांव में ही है। हम चाहते है हमारा गांव के प्रति लगाव आप जैसे प्रबुद्ध लोगों के सानिध्य से आगे बढे। उन्होंने कहा उमेश चन्द्र ‘चन्दर’ की पुस्तक ‘बोलती आँखें’ एवं गिरधारी सिंह ‘गिरधर’ की पुस्तक ‘म्हीनां री मनवार‘ श्रेष्ठ कृतियां हैं ये और आगे बढें इसकी कामना करता हूँ। नरेश शांडिल्य ने अपने प्रसिद्ध दोहों को सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी।

  इस कार्यक्रम के तहत संकल्प जोशी अभिनेता मुंबई ने भी अपने विचार रखें उन्होंने कहा कि मैं अभी सीख रहा हूँ लेकिन आप सब लोगों का स्नेह प्यार मुझ में नई उर्जा का संचार कर रहा है कि अभी नए क्षितिज का निर्माण करना है।

कार्यक्रम के दौरान कल्याण सिंह शेखावत, रामस्वरूप रावतसरे,  उमेश चन्द्र ‘चन्दर’, गिरधारी सिंह ‘गिरधर’ शिवम शर्मा ‘विशेष‘ नरेश जांगिड ‘जुगनू‘  महावीर शर्मा, जिज्ञासु, मुकेश कुमार शर्मा ने अपनी रचनाओं का पाठ कर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रधानाचार्य सरजीत सिहं शेखावत ने आभार व्यक्त करते हुए कहा की उनके लिए यह बड़े सौभाग्य की बात है कि आज देश विदेश में प्रसिद्ध नामचीन साहित्यकार, लेखक उनके विधालय में कार्यक्रम के नीमित पधारे। श्री शेखावत ने कहा कि वे चाहेगें कि इस प्रकार के साहित्यक आयोजन आगे भी उनके विधालय में हो।

 कार्यक्रम का संचालन कवि साहित्यकार कमल कान्त शर्मा ने अपनी मधुर मुस्कान एवं छंद दोहों का संयोजन कर इस मनोहारी अंदाज में किया कि श्रोताओं के साथ मंचस्थ अतिथि भी उनके सफल संचालन को सराहे बिना नहीं रह सके।

रिपोर्ट- रामस्वरुप रावतसरे

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