श्री आनंद (वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार, कनाडा) व प्रदीप पंत (वरिष्ठ साहित्यकार) के साथ

अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद और वैश्विक हिन्दी परिवार के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय भाषा केन्द्र द्वारा प्रवासी संवाद शृंखला के अंतर्गत सायंकाल 5:00 बजे दिनांक 15 जुलाई 2024 (सोमवार) को संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया l जिसमें लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार यशपाल जी के सुपुत्र श्री आनंद (वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार, कनाडा) व प्रदीप पंत (वरिष्ठ साहित्यकार) के साथ अन्य विद्वान/विदुषी उपस्थित रहेl

कार्यक्रम की शुरुआत औपचारिक परिचय से हुआ, उसके पश्चात स्वागत अभिनंदन के क्रम में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता का श्री श्याम परांडे जी और श्री अतुल प्रभाकर जी क्षद्वारा अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिह्न प्रदान कर स्वागत किया गया l श्री श्याम परांडे जी ने भारतीय संस्कृति के प्रसार में भारतीय भाषाओं के साथ हिन्दी के योगदान पर विचार व्यक्त कियाl दूरस्थ संचार माध्यम से संपृक्त श्री वीरेंद्र गुप्ता (अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद) ने प्रवासी संवाद शृंखला के महत्त्व और विदेशों में हिन्दी के विकास में प्रवासी लेखकों के योगदान को रेखांकित कियाl इसी क्रम में श्री अतुल प्रभाकर जी ने श्री विष्णु प्रभाकर जी और यशपाल जी से जुड़े संस्मरण और उनके रचना संसार पर प्रकाश डालाl कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री आनंद जी द्वारा भारतीय और प्रवासी रचनाकारों के साथ अमेरिकी और अन्य प्रवासी रचनाकारों की दशा एवं दिशा पर बात करते हुए कहा कि उत्तर अमेरि की महाद्वीप के देशों में बसे भारतीय दुनिया के अन्य क्षेत्र के प्रवासी लोगों से किस तरह विशिष्ट हैं, साथ ही कनाडा में फ्रेंच और अंग्रेजी बोलने वालों भारतीय साहित्य में रुचि तो रखते हैं किन्तु उन लोगों की भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के संदर्भ में बहुत गहरी समझ न होने पर चिंता व्यक्त कीl श्री नारायण कुमार सिंह (मानद निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद) ने अपने प्रवास और उस दौरान के विश्व भर के अनुभवों को साझा किया, जिसमें हिन्दी और भारतीय संस्कृति के प्रति वैश्विक स्वीकार्यता पर बल दियाl श्री अनिल जोशी (अध्यक्ष, वैश्विक हिन्दी परिवार) ने विश्व भर में हिन्दी के प्रचार, प्रसार और विकास में तत्पर सुधी साहित्यकारों और कनाडा में आनंद जी द्वारा हिन्दी साहित्य के अनुवाद और उसकी उपयोगिता को रेखांकित कर अन्य लोगों द्वारा ऐसे कार्य किए जाने की आवश्यकता बताई! कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री प्रदीप पंत जी द्वारा स्वर्गीय यशपाल जी के जीवन और रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए अत्यंत रोचक और प्रामाणिक तथ्य साझा किया, साथ ही उनके जीवन के प्रारंभिक दौर और स्वतन्त्रता के लिए किए योगदान का भी स्मरण किया! अंत में अन्य उपस्थित जनों द्वारा किए गये प्रश्नों का श्री आनंद जी ने उत्तर दियाl कार्यक्रम का आरंभ श्री विनायशील जी द्वारा एवं संचालन श्रीमती जसविंदर कौर विंद्रा द्वारा किया गयाl

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