
अंतरराष्ट्रीय हिंदी भाषावाचस्पति सम्मान से साहित्यकारों का गौरव
गोवा हिंदी अकादमी के तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी शिक्षक एवं साहित्यकार सम्मेलन तथा हिंदी अध्ययन यात्रा के अंतर्गत थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक भव्य एवं प्रेरणादायी सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में अनेक साहित्यकारों को अंतरराष्ट्रीय हिंदी भाषावाचस्पति सम्मान प्रदान कर सम्मानित किया गया।
यह साहित्यिक समारोह बैंकॉक के होटल प्रिंसटन के सभागार में संपन्न हुआ। इस अवसर पर थाईलैंड में स्थित भारतीय दूतावास के हिंदी विभाग की प्रमुख तथा ग्लोबल इंडिया इंटरनॅशनल की प्रतिनिधि शिखा रस्तोगीजी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। सम्मेलन में विशेष अतिथि अजय रस्तोगीजी, स्वागताध्यक्ष उस्मान मुलानीजी, अध्यक्ष कैलास जाधवजी, प्रमुख अतिथि अॅड. प्रभाकर औटी, वरिष्ठ पत्रकार विठ्ठल जाधव, अॅड. विजय गोरडे, श्री राजेंद्र सातपुते, श्री शांताराम पवार सहित अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही।
सम्मेलन में भाग लेने वाले शिक्षक-साहित्यकारों में अरुणा आवटी, रेखा रावराणे, शारदा मिसाळ, संजीवनी मोहिते, जयवंत मोहिते, माया थोरात, कल्पना जाधव, शीतल माने, बळीराम चव्हाण, मीनानाथ कवठे, रेणु खत्री, गणेश विखे, मधुकर गाडे, संगीता चव्हाण, धनसिंग भोसले, शोभा सातपुते जैसे नाम शामिल थे।

इस अवसर पर पुणे की (मएसो) सौ. विमलाबाई गरवारे विद्यालय की शिक्षिका व लेखिका केशर जाधव द्वारा लिखित प्रेरणादायी हिंदी पुस्तक ‘अंतरिक्ष योद्धा सुनीता विलियम्स’ का विमोचन शिखा रस्तोगीजी के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ। इस पुस्तक की प्रस्तावना कल्पना चावला स्पेस अकादमी के निर्देशक डॉ. संजय पुजारीजी ने लिखी है।
इस अवसर पर बोलते हुए शिखा रस्तोगीजी ने कहा, “थाईलैंड एक मुस्कुराता हुआ देश है और हिंदी सम्मेलन का यहाँ आयोजन गर्व की बात है। इस सम्मेलन ने थाईलैंड और हिंदी भाषा के बीच एक सेतु निर्माण किया है। थाई संस्कृति में गुरुजनों के प्रति सम्मान का भाव है, जो भारत की परंपरा से मेल खाता है। यह सम्मेलन दोनों संस्कृतियों को जोड़ता है। यहाँ प्रकाशित ‘अंतरिक्ष योद्धा सुनीता विलियम्स’ पुस्तक युवाओं और विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी सिद्ध होगी।”
सम्मेलन अध्यक्ष कैलास जाधवजी ने कहा: “हमारा यह हिंदी शिक्षक सम्मेलन अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुँच गया है। थाईलैंड जैसे देश में हिंदी साहित्यकारों का सम्मान गर्व की बात है। शिखा रस्तोगी की उपस्थिति ने इस सम्मेलन की गरिमा और बढ़ा दी है। ऐसे आयोजनों से नवलेखकों को प्रेरणा मिलेगी और हिंदी साहित्य को नई दिशा मिलेगी।”
प्रमुख अतिथि अॅड. विजय गोरडे ने अपने उद्बोधन में कहा: “हिंदी एक प्राचीन एवं समृद्ध भाषा है। इसके साहित्य को अनेक महान साहित्यकारों ने समृद्ध किया है। आज अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिंदी शिक्षक जो कार्य कर रहे हैं, वह सराहनीय है और यह सम्मेलन एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।”
स्वागताध्यक्ष उस्मान मुलानीजी ने हिंदी शिक्षक सम्मेलन की यात्रा का संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि यह सम्मेलन साहित्यिक, सामाजिक मैत्री तथा पर्यटन की दृष्टि से एक अनोखा प्रयास है। विदेश में, विशेषतः थाईलैंड में इस सम्मेलन का आयोजन एक उपलब्धि है।
लेखिका केशर जाधव ने अपने मनोगत में कहा: “‘अंतरिक्ष योद्धा सुनीता विलियम्स’ पुस्तक में सुनीता विलियम्स की जिद, आत्मविश्वास, कठिन प्रशिक्षण, स्पेस वॉक, स्पेस शटल, अंतरिक्ष यात्रा तथा सफल वापसी का प्रेरक चित्रण किया गया है। साथ ही नासा, इसरो तथा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थाओं में महिलाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है।”
कार्यक्रम का प्रास्ताविक संजीवकुमार पांढरे ने किया, सूत्र संचालन अरुणा औटी ने किया तथा आभार प्रदर्शन किसन भोंग द्वारा किया गया।
यह सम्मेलन और पुस्तक विमोचन समारोह हिंदी भाषा और साहित्य के वैश्विक प्रचार-प्रसार की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम सिद्ध हुआ है।
अब तक इस उपक्रम के अंतर्गत नेपाल, अंदमान-निकोबार, गोवा जैसे विभिन्न स्थलों पर ऐसे सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में प्रचारित करना, विद्यार्थियों में हिंदी के प्रति रुचि बढ़ाना, हिंदी भाषी शिक्षकों की सहभागिता बढ़ाना और हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन करना ही इस संमेलन के प्रमुख उद्देश्य रहे हैंl
शब्दांकन – केशर जाधव