
20 जुलाई, 2025, पुणे
एक ओर मौसम विभाग ने पुणे में रेड अलर्ट की घोषणा कर दी थी, जिसका मतलब था तूफानी वर्षा होगी। एक दिन पहले इस कदर बरसा भी था सावन…हाँ महाराष्ट्र में मराठियों का सावन माह अभी चल रहा है, जैसे जारी है बारिश। बुधवार की उस दुपहरी, वर्किंग डे होने से कितने लोग आ सकेंगे इसका भी अंदाज़ा नहीं था, बारिश तो थी ही तूफानी। पर वैश्विक हिंदी परिवार के अध्यक्ष और देश-विदेश में हिंदी का परचम फैलाने वाले अनिल जोशी का नाम ऐसा था कि उनसे मिलने का मोह संवरण कर पाना किसी के बस में नहीं था। आने का न्यौता भी स्वरांगी साने ने इतने मनुहार से दिया था कि शहर के कोनों-कोनों से साहित्यकार कैंप स्थित कॉफी हाउस में नियत समय पर पहुँच गए। दिल्ली में रहने वाले अनिल जोशी उस दिन सपत्नीक मुंबई से पुणे आने वाले थे और उन्हें फिर मुंबई लौटना भी था।
मुंबई में समुद्र पछाड़े मार रहा था। वे मुंबई से आ भी पाएँगे या नहीं जैसी नाना शंकाएँ सबके मन में थीं। वे कुछ विलंब से आए, लेकिन वे आ गए। जोशी पति-पत्नी के आने से पहले चाय का एक दौर हो चुका था। पर मौसम का तकाज़ा था कि चाय-नाश्ते के दूसरे दौर से कोई इंकार न कर सका। चाय की चुस्कियों के साथ कविताओं की महफिल सज गई। औपचारिक परिचय के बाद रचनाओं ने रचनाकारों का परिचय दिया। रेलवे विभाग में हिंदी राजभाषा अधिकारी राजू तलेकर ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे हिंदी भाषा रेलवे में सबको एक सूत्र में जोड़े है। मुंबई दूरदर्शन में कार्यक्रम अधिकारी रह चुके अश्विनी कुमार, आकाशवाणी पुणे के पूर्व सहायक निदेशक सुनील देवधर, हिंदी आंदोलन परिवार के अध्यक्ष संजय भारद्वाज, गीतकार रमेश गुप्त मिलन, मॉर्डन कला एवं विज्ञान महाविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रेरणा उबाले, नेस वाडिया महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य लतिका जाधव, कवयित्री अपर्णा कडसकर, जाणीव वृद्धाश्रम की संस्थापक ट्रस्टी वीनू जमुआर, यूट्यूबर तथा पत्रकार स्वरांगी साने, स.प.महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष जी.थोरात आदि सभी ने रचनापाठ किया।
अंत में अनिल जोशी ने वैश्विक हिंदी परिवार की भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए अपनी व्यंग्य रचना तथा दो कविताओं का पाठ किया। इस अवसर पर सरोज जोशी, महेश कुमार, सनत कुमार तथा श्रीमती कुमार आदि उपस्थित थे।
– स्वरांगी साने