
वैश्विक हिन्दी परिवार व अखिल भारतीय सर्वभाषा समन्वय समिति के संयुक्त तत्वावधान में सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ सविता चड्डा के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित “प्रज्ञान विश्वम” अंक का लोकार्पण दिल्ली के प्रवासी भवन में किया गया। लेखक व शिक्षक मनोज ‘अनाम’ ने कवियत्री, लेखिका एवं उद्घोषिका अनीता वर्मा को संचालन के लिए आमंत्रित किया। कवयित्री वीना अग्रवाल ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।





स्वागत उद्बोधन में डॉ सविता चड्डा ने अपनी लेखन यात्रा को याद करते हुए ना केवल वरिष्ठ दिवंगत साहित्यकारों को याद किया बल्कि सबके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। विशेष आमंत्रित अतिथियों में मारीशस से पधारी प्रवासी साहित्यकार सममान से सम्मानित डॉ सरिता बूद्दू ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज की। कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रिका के संपादक प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव ने की अपने वक्तवय में उन्होंने सविता शब्द को रेखांकित करते हुए कहा कि वो सच में इन सब परिभाषाओं से इतर एक विशेष व्यक्तित्व हैं। वैश्विक हिन्दी परिवार के अध्यक्ष कवि, लेखक अनिल जोशी ने अपने वक्तव्य में सविता चड्डा से जुड़ी हुए संस्मरणों को रेखांकित करते हुए कहा कि वैश्विक हिन्दी परिवार आज परिवार की तरह प्रवासी भवन में सबके साथ मिलकर संवाद कर रहा है और इस परिवार में सविता जी माँ की तरह हैं। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ जयसिंह आर्य जी ने गीत के माध्यम से सविता जी के व्यक्तित्व को सुरों में बांधा तो पत्रकार शंभु पंवार जी ने सविता चड्डा जी की पत्रकारिता की पुस्तकों पर चर्चा की। साहित्य अकादमी पंचकूला से जुडी डॉ मुक्ता ने सविता जी को विशिष्ट व्यक्तित्व की श्रेणी में रखते हुए उनके साहित्य पर चर्चा की। हिन्दी अकादमी के पूर्व सचिव ऋषि कुमार शर्मा ने सविता चड्डा जी की कविता को उद्धृत करते हुए कहा कि यह कविता उनकी बेटी ने चीन की यूनिवर्सिटी में अपने एक कार्यक्रम में पढ़ी। जनार्दन यादव ने भी अपने ओजपूर्ण वक्तव्य में सविता चड्डा जी के प्रभावशाली व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। लेखक अतुल प्रभाकर जी ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में पत्रिका के प्रकाशन पर उन्हें बधाई दी। मॉरीशस में भारत की पूर्व राजनयिक सुनीता पाहूजा ने भी सविता चड्डा जी को प्रज्ञान विश्वम पर बधाई दी। कार्यक्रम के संचालन मे अनीता वर्मा ने ना केवल सविता चड्डा की कविताओं का पाठ किया बल्कि उनकी रचना यात्रा के विभिन्न पड़ावों व आयामों पर चर्चा की।






अंत में प्रज्ञान विश्वम पत्रिका के लेखकों व उपस्थित संयोजकों में डॉ. नवीन कुमार नीरज, ओम प्रकाश प्रजापति ज्योति स्वरुप गौड़, पुष्पा सिंह बिसेन, सुमन मोहिनी, सुभाष श्रीवास्तव, ओम प्रकाश सपरा, वीणा अग्रवाल, डॉ सुधा शर्मा, शकुंतला मित्तल, उमंग सरीन, मनोज कुमार, संपादक हरि रतन, कुमार सुबोध, कुसुम लता पंडोरा, सूक्ष्म लता महाजन, डॉ कविता मल्होत्रा, डॉ कविता सिंह प्रभा, प्रीति मिश्रा, डॉ सय्यद अली अख्तर नकवी, सुश्री गीतांजलि, जनार्दन यादव, आमोद कुमार, जगदीश मीणा का सम्मान किया गया।
हिंदी वैश्विक परिवार की ओर से डॉ रुद्रेश मिश्रा व अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति की ओर से श्रीमती मधु मिश्रा जी ने सबका आभार व्यक्त किया ।
