
डॉ. शारदा प्रसाद
जन्म स्थान — झारखंड
शिक्षा. — एम. ए. हिंदी, पीएच.डी.
पूर्व प्राचार्या, रामगढ़ महाविद्यालय, रामगढ़ कैण्ट, झारखंड, भारत।
प्रकाशन—
1 मोहन राकेश के नाटक: विषय और विधान
2 काव्यांजलि (संपादित काव्य संग्रह)
3 समकालीन समीक्षा के सोपान
4 समकालीन आलोचना के आयाम
5 लोक लय की छांव
6 मगही और छत्तीसगढ़ी लोक गीतों का हिंदी साहित्य पर प्रभाव
7 विकलांग विमर्श: विविध आयाम
8 रेणु की रचना धर्मिता: विविध आयाम ( संपादित ग्रंथ)
9 आत्मकथा: आलोचना के निकष पर( संपादित ग्रंथ)
10 विकलांग विमर्श के प्रवर्तक: डॉ. विनय कुमार पाठक (संपादित ग्रंथ)
11 सजल: स्वरूप और विकास( संपादित ग्रंथ)
12 शिक्षा, शिक्षक और समाज( संपादित ग्रंथ)
13 मौन के स्वर (काव्य संग्रह) 14 सृजक और उनकी सजल यात्रा (संपादित ग्रंथ)
15 साहित्य के सामाजिक परिदृश्य
16 गुलमोहर-सी जिंदगी (काव्य संग्रह)
एक सौ से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ( देश-विदेश) एवं कार्यशाला में सक्रिय सहभागिता, अध्यक्षता एवं विषय विशेषज्ञ। एक सौ से अधिक पुस्तकों, जर्नल एवं पत्र-पत्रिकाओं में आलेख का प्रकाशन।
साहित्यिक-सांस्कृतिक विदेश यात्रा: थाईलैंड, दुबई, अबूधाबी, ऑस्ट्रेलिया, उज़्बेकिस्तान, मॉरीशस, इंडोनेशिया (बाली)।
दो दर्जन से अधिक संस्थानों द्वारा अभिनंदित व सम्मानित।
दर्जनाधिक शिक्षण संस्थानों एवं सामाजिक संगठनों में नामित सदस्य, शिक्षाविद्, संरक्षक, अध्यक्ष व सदस्य।
संपर्क — पंचवटी आईवी A-202, रामगढ़ कैंट, झारखंड , Pin code 829122
मोबाइल 79 0380 7451
