Category: शारदा प्रसाद

अपनी नागरी लिपि – (कविता)

डॉ. शारदा प्रसाद *** अपनी नागरी लिपि हिंदी हो जन-जन की भाषाहिंदी हो हर-मन की आशा!बने सकल विश्व में सिरमौरऐसी है सबकी अभिलाषा!! सब मिलकर करें प्रयासहर बोली का हो…

करम परब – (कविता)

*** डॉ शारदा प्रसाद करम परब (झारखंड का लोकप्रिय पर्व) भादो माह शुक्ल एकादशीकरम परब लेकर आया!हरियर करम डाल ले भाई आयाबहना का मन हरसाया!! भाई-बहन का पर्व है प्याराकरमा-धरमा…

रक्षा बंधन – (कविता)

डॉ शारदा प्रसाद *** रक्षा बंधन सावन का पूनम का चंदाआया ले किरणों का उपहार!सकल विश्व मना रहाभाई-बहन का सुंदर त्यौहार!! कलाई सजेगी राखी सेशुभ तिलक लगेगा भाल विशाल!आरती उतारे…

झूलन – (कविता)

डॉ शारदा प्रसाद *** झूलन झूला झूलैं कृष्ण-कन्हैयामाथे मोर मुकुट अति शोभितबलि-बलि जात हैं नंद-यशोदागोपियों का मन हर्षित- मोहित सावन माह है अति मनभावनझूलैं संग-संग राधा रानी!कृष्ण-कन्हैया के मन बसतीवृषभानु…

आजादी की सुनहरी भोर – (कविता)

डॉ शारदा प्रसाद *** आजादी की सुनहरी भोर सन् सत्तावन से सततचलती रही लड़ाई!तब जाकर आजादी कीपावन शुभ घड़ी आई!! आजादी की बलिवेदी परवीरों ने शीश चढ़ाई!अंग्रेजों के दमन सहेऔर…

शारदा प्रसाद – (परिचय)

डॉ. शारदा प्रसाद जन्म स्थान — झारखंड शिक्षा. — एम. ए. हिंदी, पीएच.डी. पूर्व प्राचार्या, रामगढ़ महाविद्यालय, रामगढ़ कैण्ट, झारखंड, भारत। प्रकाशन— 1 मोहन राकेश के नाटक: विषय और विधान…

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