12 सितंबर, 2025, लंदन में बहुप्रसिद्ध सामाजिक संस्था “संगम” द्वारा लगातार तीसरे साल “हिन्दी युवा संगम” का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ब्रिटेन के युवाओं ने बढ़-चढ़ कर भागीदारी की, किसी ने कविता सुनाई, किसी ने छोटी कहानी, किसी ने गीत सुनाए तो किसी ने अनोखे विषयों पर भाषण।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ ज्ञान शर्मा ने बताया की पूरे कार्यक्रम को कनिष्ठ वर्ग और वरिष्ठ वर्ग  में बाँटा गया। कनिष्ठ वर्ग की टीमों के नाम थे गंगा, यमुना और गोदावरी। वहीं वरिष्ठ वर्ग  के नाम प्राचीन शिक्षण संस्थानों पर नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला। इस तरह कुल तेरह प्रतिभागियों ने कार्यक्रम को अपनी प्रस्तुतियों से सुंदर और भव्य बना दिया।

कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री आशीष मिश्रा ने किया, उनका साथ आशुतोष कुमार ने निभाया।

भारतीय उच्चायोग से हिंदी एवं सांस्कृतिक अधिकारी अनुराधा पांडे जी ने सम्मिलित हो कार्यकम को सफल बनाया।

एक स्वतंत्र निर्णायक मंडल ने बहुत ही बारीक़ी से विभिन्न कारकों के आधार पर सभी युवाओं की प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया। साहित्यकार दिव्या माथुर, श्री तेजिंदर शर्मा जी, इन्दु बरोठ जी और परवीन रानी जी ने जूरी की भूमिका निभाई।

निर्णायक मंडल ने कनिष्ठ वर्ग (14-19 वर्ष) से प्रथम स्थान आद्यांश सहाय को और द्वितीय स्थान ईशिता त्रिपाठी को घोषित किया। अन्य प्रतिभागी अलंकृत श्रीवास्तव, कियेरा भनोट, शिवांश ठाकुर, इकरा ख़ान, सूचित गौड़ा और देरीशा नीम रहे।

वहीं वरिष्ठ वर्ग (20-25 वर्ष) से प्रथम स्थान भाव्या शर्मा को प्राप्त हुआ और द्वितीय स्थान साक्षी चौबे को प्राप्त हुआ। अन्य प्रतिभागी सहज मिश्रा, याना शर्मा और श्रेया झा रहे।

सभी प्रतिभागियों को एक प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी के अलावा अन्य पुरूस्कारों से सम्मानित किया गया।

नेहरू सेंटर के डिप्टी डायरेक्टर राकेश कुमार दूबे जी विशेष अतिथि पूर्व सांसद श्री वीरेन्द्र शर्मा जी एवं श्री साहित्यकार पद्मेश गुप्त जी ने संगम संस्था द्वारा आयोजित ऐसे युवा केंद्रित कार्यक्रमों की भरपूर सराहना की।

ब्रिटेन के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कार्यक्रम में अपना पूर्ण सहयोग दिया और अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की भव्यता में विस्तार दिया। कार्यक्रम को ब्रिटेन की बहुत सारी सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का साथ मिले।

श्रोताओं का उत्साह सभागार में गूँजती तालियों से उत्सव में बदलता गया। लोग सभी प्रतिभागियों को सधे मन से सुनते रहे। आयोजक संस्था “संगम” के अन्य सदस्यों जैसे संतोष पांडेय, योगेश पांडेय, आशीष मिश्रा, आशुतोष कुमार, कमलजीत कौर, युग देशपांडे, जितेंद्र गुप्ता और राजेश विश्वकर्मा ने कार्यक्रम को सफल बनाने में बेजोड़ मेहनत की।

डॉ ज्ञान शर्मा जी ने हिन्दी के लिए ऐसे कार्यक्रम करते रहने के अपने संकल्प को पुनः दोहराया।

आशीष मिश्रा

संगम, ब्रिटेन

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