कवयित्री नेहा वैद रोमानी गीतों के लियें पूरे देश में जानी जाती हैं। इनके कई गीत आजकल देश में चर्चा का विषय बने हुए है विशेष तौर पर ऊँगलियों के पोर खुरदुरे हुए” और “हमने तो घर आपको बुलाया, आप तो मकान देखने लगे”। गत रविवार को संप्रति संस्था के तत्वावधान में उनके नवगीत संग्रह “रे मना! चल भोर हो जाएँ” का पर शंभू दयाल कॉलेज ग़ाज़ियाबाद में लोकार्पण और चर्चा का कार्यक्रम हुआ जिसमें देश के जाने-माने साहित्यकारों ने भाग लिया। वरिष्ठ साहित्यकार श्री ऋषि कुमार शर्मा, डॉ. धनंजय सिंह. मासूम ग़ाज़ियाबादी, डॉ सुरेन्द्र सिंघल, डॉ.सुश्री मधु चतुर्वेदी, व्यंग्यकार श्री सुभाष चंदर, कवि ईश्वर सिंह, श्री विनय विक्रम सिंह, गजलकार अनिल मीत, कहानीकार अवधेश श्रीवास्तव, दीपक श्रीवास्तव, नवगीत रचयिता श्री जगदीश पंकज, अवधेश सिंह कार्यक्रम का संयोजन और धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य डॉ. देवेंद्र देव ने किया और संचालन डॉ. तरुण मिश्रा ने किया।

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