नई दिल्ली। 14 नवंबर 2025; साहित्य अकादेमी द्वारा प्रतिवर्ष दिए जाने वाले प्रतिष्ठित बाल साहित्य पुरस्कार 2025, आज त्रिवेणी कला संगम, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किए गए। पुरस्कार समारोह की मुख्य अतिथि प्रख्यात गुजराती लेखिका वर्षा दास ने कहा कि बाल साहित्य हमें अनेकता में एकता का अनोखा संदेश देता है। अतः इसका लेखन हमारे समाज के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है और हमें बाल साहित्य बच्चों को निरंतर मिलता रहे, इसके लिए हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने गुजराती के प्रख्यात बाल साहित्यकार गिजु भाई बधेका के लेखन के अनेक उदाहरणों से समझाया कि बच्चे बाल साहित्य पढ़कर जहाँ पढ़ाई में रुचि लेते हैं, वहीं उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। कहानियों की विविधता उन्हें सारे संसार से जोड़ती है। उन्होंने साहित्य अकादेमी द्वारा बाल साहित्य के विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद को बहुत जरूरी मानते हुए इसको निरंतर बनाए रखने का सुझाव दिया। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि बाल साहित्यकार ही अब दादा-दादी और शिक्षक तथा माता-पिता की भूमिका में है। अच्छा बाल साहित्य अगर बच्चों को बचपन से ही पढ़ने के लिए मिले तो वह विभिन्न तरह की आतंकी गतिविधियों से भी दूर रहेंगे। इंसान को इंसान बनाने वाला यह सच्चा साहित्य है और इसके निरंतर सृजन से ही बच्चों की मुस्कान वापस आ सकती है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती वंदना के बाद मुख्य अतिथि वर्षा दास का स्वागत साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष के द्वारा पुष्पगुछ और शॉल भेंट करके किया गया। संस्कृति मंत्रालय की अपर सचिव अमिता प्रसाद सरभाई भी इस अवसर पर उपस्थित थी, जिनका स्वागत साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा द्वारा किया गया। अपने स्वागत वक्तव्य में साहित्य अकादेमी की सचिव पल्लवी प्रशांत होळकर ने कहा कि आज के डिजिटल और सोशल दौर में बाल साहित्यकार एक मशाल की तरह हैं जो बच्चों को नैतिक जिम्मेदारियों का पाठ पढ़ाते हैं। एक अच्छे समाज के लिए यह नैतिक जिम्मेदारी आवश्यक है। उन्होंने साहित्य अकादेमी द्वारा बाल साहित्य पुरस्कार चयन के लिए की जाने वाली लंबी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि बाल साहित्य के साथ जो शिक्षा देने की कल्पना है वह साहित्य लेखन को थोड़ा कठिन जरूर बनाती है।

समाहार वक्तव्य देते हुए साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने कहा कि बाल लेखक कौतुहल, उत्कंठा और जिज्ञासा की जमीन पर अपनी कलम से जो रचता है, वह अवश्य ही बच्चों के लिए प्रभावी होता है। बच्चों का कच्चा मन स्लेट जैसा होता है, जिस पर कुछ भी लिखा गया गहरी छाप छोड़ता है। बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए सुंदर चित्र युक्त पुस्तकों को तैयार करने की चुनौती हर किसी के सामने है, जिससे बच्चे इन पुस्तकों के प्रति ज्यादा आकर्षित हो और जीवन में तनाव से दूर रहकर एक अच्छी दुनिया के निर्माण में संलग्न हो।

बाल साहित्य पुरस्कार 2025 प्राप्त करने वाली पुस्तकें और उनके लेखक हैं

असमिया मइनाहंतर पद्य (कविता) : सुरेंद्र मोहन दास, बाङ्ला – एखनउ गाये काँटा देय (कहानी): त्रिदिब कुमार चट्टोपाध्याय, बोडो खान्थि बोसोन आरो आखु दानाय (कहानी) : बिनय कुमार ब्रह्म, डोगरी नन्हीं टोर (कविता): पी.एल. परिहार “शौक”, अंग्रेज़ी- दक्षिण, साउथ इंडियन मिथ्स एंड फैब्लस रीटोल्ड (कहानी): नितिन कुशलप्पा एमपी, गुजराती – टिंचाक (कविता) : कीर्तिदा ब्रह्मभट्ट, हिंदी एक बटे बारह (संस्मरण) सुशील शुक्ल, कन्नड नोटबुक (कहानी) : के. शिवलिंगप्पा हंदिहाल, कश्मीरी शुरे ते चुरे ग्युश (कहानी) : इज़हार मुबशिर, कोंकणी- बेलाबायचो शंकर आनी हेर काणयो (कहानी) नयना आडारकार, मैथिली चुक्का (कहानी) : मुन्नी कामत, मलयाळम् पेन्गिनुकळुडे वन्करायळ (उपन्यास) श्रीजित मुत्तेडत्तु, मणिपुरी अंगा‌ङ्गिङ्गी शान्बु‌झिदा (नाटक) : शांतो एम, मराठी- आभाळमाया (कविता): सुरेश सावंत, नेपाली शान्ति वन (उपन्यास) : साङ्मु लेप्चा, ओड़िआ – केते फुल फुटिचि (कविता): राजकिशोर पाढ़ी, पंजाबी जादू पत्ता (उपन्यास) : पाली खादिम (अमृत पाल सिंह), राजस्थानी – पंखेरुवं नी पीड़ा (नाटक) भोगीलाल पाटीदार, संस्कृत बालविश्वम् (कविता): प्रीति पुजारा, संताली सोना मीरु-वाक् सांदेश (कविता): हरलाल मुर्मु, सिंधी आसमानी परी (कविता): हीना अगनाणी ‘हीर’, तमिळ ओट्राइ चिरगु ओविया (उपन्यास) : विष्णुपुरम सरवणन, तेलुगु- कबुर्ला देवता (कहानी): गंगिशेट्टी शिवकुमार, उर्दू कौमी सितारे (लेख) : गजनफ़ इक्बाल ।

पुरस्कृत बाल साहित्यकारों को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक तथा 50,000/- रुपए की सम्मान राशि प्रदान की गई। कल ‘लेखक सम्मिलन’ के अंतर्गत पुरस्कृत बाल साहित्यकार अपने रचनात्मक अनुभव साझा करेंगे। यह कार्यक्रम पूर्वाह्न 10:00 बजे साहित्य अकादेमी सभागार, प्रथम तल, रवींद्र भवन, फीरोजशाह मार्ग, नई दिल्ली में होगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा करेंगी।

– पल्लवी प्रशांत होळकर

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